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संबित पात्रा ने ढोल दमाऊं पर आजमाया हाथ, लोक संस्कृति के संरक्षण का दिया संदेश

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा शुक्रवार को पौड़ी के नकोट गांव में पहुंचे और पारंपरिक वाद्य यंत्र ढोल दमाऊं बजाया. साथ ही उन्होंने वाद्य यंत्र के संरक्षण करने और आने वाले पीढ़ी तक पहुंचाने का संदेश भी दिया.

संबित ने पारंपरिक वाद्य यंत्र को बजाया.
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Published : Nov 8, 2019, 11:54 PM IST

पौड़ी: एक ओर जहां प्रदेश के पारंपरिक वाद्य यंत्र ढोल दमाऊं को लोग भूलते जा रहे हैं, वहीं शुक्रवार को जिले के नकोट गांव पहुंचे बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने ग्यास के मौके पर पारंपरिक ढोल को बजाया. पर्व मनाते हुए उनके साथ उत्तराखंड के विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल को दमाऊं देकर दोनों ने उत्तराखंड के पारंपरिक यंत्रों को बजा कर लोगों को संरक्षण का एक संदेश दिया.

मूल रूप से उड़ीसा के रहने वाले संबित पात्रा जो कि उत्तराखंड की पारंपरिक संस्कृति से इतने रूबरू नहीं हैं. पहली बार उन्होंने उत्तराखंड के पारंपरिक वाद्य यंत्रों को देखा. उन्होंने ढोल बजाकर इनके संरक्षण करने और उत्तराखंड के वाद्य यंत्रों को आने वाले पीढ़ी तक पहुंचाने का संदेश दिया.

संबित ने पारंपरिक वाद्य यंत्र को बजाया.

यह भी पढ़ें: शिक्षा मंत्री ने सरकार का रुख किया साफ- इसी सत्र से खत्म होगा सेमेस्टर सिस्टम

इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारे उत्तराखंड में लंबे समय से पारंपरिक वाद्य यंत्रों से ही शुभ कार्य को शुरू व संपन्न किया जाता है. जिस तरह से हम देख रहे हैं कि धीमे-धीमे यह विलुप्त होता जा रहा है. संबित पात्रा के ढोल बजाने से उन्होंने यह संदेश दिया कि अलग-अलग संस्कृति में रहने के बावजूद भी अन्य राज्य की पारंपरिक संस्कृति को लोग अपना सकते हैं.

पौड़ी: एक ओर जहां प्रदेश के पारंपरिक वाद्य यंत्र ढोल दमाऊं को लोग भूलते जा रहे हैं, वहीं शुक्रवार को जिले के नकोट गांव पहुंचे बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने ग्यास के मौके पर पारंपरिक ढोल को बजाया. पर्व मनाते हुए उनके साथ उत्तराखंड के विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल को दमाऊं देकर दोनों ने उत्तराखंड के पारंपरिक यंत्रों को बजा कर लोगों को संरक्षण का एक संदेश दिया.

मूल रूप से उड़ीसा के रहने वाले संबित पात्रा जो कि उत्तराखंड की पारंपरिक संस्कृति से इतने रूबरू नहीं हैं. पहली बार उन्होंने उत्तराखंड के पारंपरिक वाद्य यंत्रों को देखा. उन्होंने ढोल बजाकर इनके संरक्षण करने और उत्तराखंड के वाद्य यंत्रों को आने वाले पीढ़ी तक पहुंचाने का संदेश दिया.

संबित ने पारंपरिक वाद्य यंत्र को बजाया.

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इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारे उत्तराखंड में लंबे समय से पारंपरिक वाद्य यंत्रों से ही शुभ कार्य को शुरू व संपन्न किया जाता है. जिस तरह से हम देख रहे हैं कि धीमे-धीमे यह विलुप्त होता जा रहा है. संबित पात्रा के ढोल बजाने से उन्होंने यह संदेश दिया कि अलग-अलग संस्कृति में रहने के बावजूद भी अन्य राज्य की पारंपरिक संस्कृति को लोग अपना सकते हैं.

Intro:जहां एक और उत्तराखंड के पारंपरिक वाद्य यंत्र ढोल दमाऊ को लोग भूलते ही जा रहे हैं और जो लोग ढोल दमाऊ बजाते हैं आने वाली पीढ़ी क्या उसे सुन पाएगी यह कहना भी काफी कठिन है क्योंकि जिस तरह से लोग आजकल आधुनिक यंत्रों की ओर भाग रहे हैं उसे लगता है कि हमारे पारंपरिक वाद्ययंत्र धीमे-धीमे विलुप्त हो जाएंगे लेकिन आज पौड़ी के नकोट गांव पहुंचे भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने इगास के मौके पर इसे मनाते हुए पारंपरिक ढोल को बजाया साथ ही उनके साथ उत्तराखंड के विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल को दमाऊ देकर दोनों ने उत्तराखंड के पारंपरिक यंत्रों को बजा कर लोगों को इनके संरक्षण के लिए एक संदेश दिया।


Body:मूल रूप से उड़ीसा के रहने वाले संबित पात्रा जो कि उत्तराखंड की पारंपरिक संस्कृति से इतने रूबरू नहीं है और उन्हें पहली बार उत्तराखंड की पारंपरिक वाद्य यंत्रों का देखने को मिला। उन्होंने ढोल बजाकर इनके संरक्षण करने और उत्तराखंड के वाद्य यंत्रों को आने वाले पीढ़ी तक पहुंचाने का संदेश दिया। हमारे उत्तराखंड में लंबे समय से पारंपरिक वाद्य यंत्रों से ही शुभ कार्य को शुरू व संपन्न किया जाता है। और आज जिस तरह से हम देख रहे हैं कि धीमे-धीमे यह विलुप्त होता जा रहा है संबित पात्रा के ढोल बजाने से उन्होंने यह संदेश दिया है कि अलग-अलग संस्कृति में रहने के बावजूद भी अन्य राज्य की पारंपरिक संस्कृति को अपना सकते हैं तो हम उत्तराखंड निवासी होने के बाद भी क्या अपनी पारंपरिक संस्कृति और वाद्य यंत्रों को आने वाली पीढ़ी तक बचा सकते हैं और इस को संरक्षित करने के लिए सभी को प्रयास करने होंगे।


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