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प्रकृति से रूबरू हुए युवा, बर्ड वॉचिंग के साथ सीखे रोजगार के गुर

प्रसिद्ध पर्यटन स्थल खिर्सू में पांच दिवसीय बर्ड वाचिंग प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन किया गया. जिसमें 50 से अधिक पक्षी देखने को मिले.

bird watching
बर्ड वाचिंग प्रशिक्षण.
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Published : Jan 19, 2020, 9:14 PM IST

पौड़ी: प्रसिद्ध पर्यटन स्थल खिर्सू में पांच दिवसीय बर्ड वाचिंग प्रशिक्षण कार्यक्रम का आज समापन हो गया. जिसमें 50 से अधिक पक्षी देखने को मिले. कार्यक्रम में जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे. उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण के बाद युवाओं को एक गाइड के रूप में कार्य कर स्वरोजगार का मौका मिलेगा.

जिला पर्यटन विकास विभाग और जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में पांच दिवसीय बर्ड वाचिंग प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन हुआ. अपर जिलाधिकारी पौड़ी ने इस पहल की जमकर सराहना करते हुए कहा कि इसे स्वरोजगार के रूप में अपनाने पर जोर दिया जाए.

वहीं दूर-दूर से पक्षी प्रेमी पर्यटक पहाड़ों में इसका आनंद लेने आते हैं. स्थानीय लोग प्रेरकों के साथ गाइड के रूप में पूरे क्षेत्र में भ्रमण करवा कर पर्यटकों को पक्षियों के बारे में जानकारी दें, जो स्वरोजगार के क्षेत्र में एक बेहतर प्रयास है. आने वाले समय में जनपद के विभिन्न स्थानों में इस तरह के प्रशिक्षण आयोजित किए जाएंगे.

ये भी पढ़े: पौड़ी में तीन दिनों तक चलाया जाएगा राष्ट्रीय पल्स पोलियो अभियान

धीराज सिंह गर्ब्याल ने बताया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम में 50 से अधिक पक्षी देखे गए हैं. जिनमें अनेकों दुर्लभ पक्षी भी शामिल हैं. साहसिक खेल अधिकारी के.एस नेगी ने बताया कि जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने पहाड़ों से हो रहे पलायन को रोकने के लिए लोगों को अपने ही क्षेत्रों में स्वरोजगार को विकसित करने के लिए प्रयास कर रहे है. इसी प्रयासों में बर्ड वाचिंग भी काफी फायदेमंद रहेगा.

पौड़ी: प्रसिद्ध पर्यटन स्थल खिर्सू में पांच दिवसीय बर्ड वाचिंग प्रशिक्षण कार्यक्रम का आज समापन हो गया. जिसमें 50 से अधिक पक्षी देखने को मिले. कार्यक्रम में जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे. उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण के बाद युवाओं को एक गाइड के रूप में कार्य कर स्वरोजगार का मौका मिलेगा.

जिला पर्यटन विकास विभाग और जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में पांच दिवसीय बर्ड वाचिंग प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन हुआ. अपर जिलाधिकारी पौड़ी ने इस पहल की जमकर सराहना करते हुए कहा कि इसे स्वरोजगार के रूप में अपनाने पर जोर दिया जाए.

वहीं दूर-दूर से पक्षी प्रेमी पर्यटक पहाड़ों में इसका आनंद लेने आते हैं. स्थानीय लोग प्रेरकों के साथ गाइड के रूप में पूरे क्षेत्र में भ्रमण करवा कर पर्यटकों को पक्षियों के बारे में जानकारी दें, जो स्वरोजगार के क्षेत्र में एक बेहतर प्रयास है. आने वाले समय में जनपद के विभिन्न स्थानों में इस तरह के प्रशिक्षण आयोजित किए जाएंगे.

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धीराज सिंह गर्ब्याल ने बताया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम में 50 से अधिक पक्षी देखे गए हैं. जिनमें अनेकों दुर्लभ पक्षी भी शामिल हैं. साहसिक खेल अधिकारी के.एस नेगी ने बताया कि जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने पहाड़ों से हो रहे पलायन को रोकने के लिए लोगों को अपने ही क्षेत्रों में स्वरोजगार को विकसित करने के लिए प्रयास कर रहे है. इसी प्रयासों में बर्ड वाचिंग भी काफी फायदेमंद रहेगा.

Intro:जिला पर्यटन विकास विभाग और जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में आज पांच दिवसीय बर्ड वाचिंग प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन हुआ जिसमे खिर्सू में प्रशिक्षुओं को 50 से अधिक पक्षी देखने को मिले इस प्रशिक्षण में कई दुर्लभ पक्षी भी शामिल रहे। समापन के अवसर पर अपर जिलाधिकारी पौड़ी ने इस पहल की जमकर सराहना करते हुए कहा कि इसे स्वरोजगार के रूप में अपनाने पर जोर दिया जाय। कहा कि पर्यटन को देखते हुए यह प्रशिक्षण स्वरोजगार के लिए मील का पत्थर साबित होगा। दूर दूर से पक्षी प्रेमी पर्यटक पहाड़ों में इसका आनंद लेने आतर है और स्थानीय लोग प्रेरकों के साथ गाइड के रूप में पूरे क्षेत्र में भ्रमण करवा कर पर्यटकों को पक्षियों के दर्शन करवा कर अपनी आमदनी भी कमा सकते हैं इसलिए स्वरोजगार के क्षेत्र में एक बेहतर प्रयास है और आने वाले समय में जनपद के विभिन्न स्थानों में इस तरह के प्रशिक्षण आयोजित किए जाएंगे।Body:पौड़ी के प्रसिद्ध पर्यटक स्थल खिर्सू में पांच दिवसीय बर्ड वाचिंग प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन किया गया जिसमें अपर जिलाधिकारी बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम में 50 से अधिक पक्षी देखे गए हैं जिनमें अनेकों दुर्लभ पक्षी भी शामिल हैं जिनमें व्हाइट कालर ब्लेक बर्ड, ग्रोविन ब्लेक, हिमालियन ब्लूटेन, यूरोपियन जे, हिमलियन वुड मेकर, गोल्डन बुस रावीन, व्हाइट सोर्टफ लाफिंग ट्रस आदि दुर्लभ पक्षी सहित बुलबुल की पांच प्रजाति, गौरेया के 2 प्रजाति देखने को मिले है।
इस प्रशिक्षण के बाद यहां के युवाओं को एक गाइड के रूप में कार्य कर स्वरोजगार अपनाने का मौका मिलेगा।साहसिक खेल अधिकारी के.एस नेगी ने बताया कि जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने पहाडों से हो रहे पलायन को रोकने के लिए लोगों को अपने ही क्षेत्रों में स्वरोजगार को विकसित करने के लिए प्रयास कर रहे है इसी प्रयासों में बार्ड वाचिंग भी काफी फायदेमंद रहेगा। इस प्रशिक्षण से यहां के युवाओं के साथ साथ अन्य ग्रामीणों को स्वरोजगार अपनाने का मौका मिलेगा।
Conclusion:
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