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बसंत पंचमी के रंग में रंगा श्रीनगर, लोक गीत के माध्यम से दी गई शुभकामनाएं

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Published : Jan 30, 2020, 8:25 PM IST

श्रीनगर में पांरपरिक वाद्य यंत्रों के साथ पांरपरिक लोक गीतों को गाते हुए लोगों को बसंत पंचमी की शुभकामनांए दी गई. लोगों ने अपने घरों में प्रसाद के तौर पर मीठा भात बनाया और आस पास के लोगों में वितरित किया.

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बसंत पंचमी

श्रीनगर:बसंत पंचमी का पर्व श्रीनगर में बड़ी धूम-धाम से मनाया गया. इस दौरान रंगकर्मियों ने लोक संस्कृति के संवर्धन व संरक्षण के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया. रंगकर्मियों ने नगर क्षेत्र के विभिन्न मार्गों से होते हुए झांकी निकाली.

साथ ही पांरपरिक वाद्य यंत्रों के साथ पांरपरिक लोक गीतों को गाते हुए लोगों को बसंत पंचमी की शुभकामनांए दी. इस अवसर पर ढोल दमाऊं व मशकबीन की धुनों पर लोग खूब थिरके. लोगों ने अपने घरों में प्रसाद के तौर पर मीठा भात बनाया और आस पास के लोगों में वितरित किया. स्थानीय स्कूलों में इस अवसर पर हवन कार्यक्रमों का आयोजन किया गया.

बसंत पंचमी पर निकाली रैली.

यह भी पढ़ें-हल्द्वानी: बसंत पंचमी के मौके पर 500 से अधिक बटुकों का हुआ यज्ञोपवीत संस्कार

वहीं, स्थानीय लोक कलाकारों ने बसंत पंचमी के अवसर पर नगर पालिका सभागार में सांस्कृतिक संध्या का भी आयोजन किया, जिसमें विलुप्त हो रहे पहाड़ी गीतों एवं नृत्य का प्रदर्शन किया गया. लोक कलाकार विमल बहुगुणा ने बताया कि बसंत पंचमी को पहाड़ी तौर तरीके से मनाया जाता है. साथ ही सामूहिक रूप से लोक गीत भी गाए जाते हैं.

श्रीनगर:बसंत पंचमी का पर्व श्रीनगर में बड़ी धूम-धाम से मनाया गया. इस दौरान रंगकर्मियों ने लोक संस्कृति के संवर्धन व संरक्षण के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया. रंगकर्मियों ने नगर क्षेत्र के विभिन्न मार्गों से होते हुए झांकी निकाली.

साथ ही पांरपरिक वाद्य यंत्रों के साथ पांरपरिक लोक गीतों को गाते हुए लोगों को बसंत पंचमी की शुभकामनांए दी. इस अवसर पर ढोल दमाऊं व मशकबीन की धुनों पर लोग खूब थिरके. लोगों ने अपने घरों में प्रसाद के तौर पर मीठा भात बनाया और आस पास के लोगों में वितरित किया. स्थानीय स्कूलों में इस अवसर पर हवन कार्यक्रमों का आयोजन किया गया.

बसंत पंचमी पर निकाली रैली.

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वहीं, स्थानीय लोक कलाकारों ने बसंत पंचमी के अवसर पर नगर पालिका सभागार में सांस्कृतिक संध्या का भी आयोजन किया, जिसमें विलुप्त हो रहे पहाड़ी गीतों एवं नृत्य का प्रदर्शन किया गया. लोक कलाकार विमल बहुगुणा ने बताया कि बसंत पंचमी को पहाड़ी तौर तरीके से मनाया जाता है. साथ ही सामूहिक रूप से लोक गीत भी गाए जाते हैं.

Intro:बसंत पंचमी का पर्व श्रीनगर में बडी धूम-धाम के साथ मनाया गया। इस दौरान रंगकर्मियों द्वारा बसंत पंचमी के अवसर पर लोक संस्कृति के संवर्धन व संरक्षण के लिए कार्यक्रम का भी आयोजन किया। यहाॅ रंगकर्मियों ने नगर क्षेत्र के विभिन्न मार्गो से होते हुए झांकी निकाली। साथ ही पांरपरिक वाद्य यंत्रों के साथ पांरपरिक लोक गीतो को गाते हुए लोगों को बसंत पंचमी की शुभकामनांए दी। इस अवसर पर डोल ढमाऊ व मसीकबिन की धुनों पर लोग खूब थिरकते हुए भी नजर आये।Body:श्रीनगर में बसंत पंचमी को स्थानीय लोगो ने बड़े ही जोश खरोश के साथ मनाया। लोगो ने अपने घरों में प्रसाद के तौर पर मीठा भात बनाया और आस पास वितरित किया ।वही संगम लगरी में भी बसन्त पंचमी पर लोग कुम्भ लगरी में स्नान करने के लिए दूर दराज से पहुचे।वही स्थानीय स्कूलो में बसन्त पंचमी पर हवन कार्यक्रमो का आयोजन किया गया था।स्तानीय लोक कलाकारों ने बसन्त पंचमी के अवसर पर नगर पालिका सभागार में सास्कृतिक सन्ध्या का भी आयोजन किया गया जिसमें विलुप्त हो रहे पहाड़ी गीतों सहित नित्य का भी प्रदर्सन किया गया।Conclusion:लोक कलाकार विमल बहुगुणा ने बताया कि बसन्त पंचमी को पहाड़ी तौर तरीके से मनाया जाता है इस दिन लोग मीठा भात बना कर एक दूसरे को प्रसाद के रूप में बाट ते है साथ ही सामूहिक रूप से लोक गीतों का भी गायन किया जाता है।
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