पौड़ी: जिले के सतपुली-कांसखेत मोटर मार्ग (Satpuli Kanskhet Motorway) पर दो विकास खंडों को जोड़ने वाला बांघाट पुल (Pauri Banghat Bridge) इन दिनों जर्जर हालत में है. बावजूद इसके वाहन पुल पर बेखौफ आवाजाही कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि पुल का निर्माण साल 1979 में हुआ था. लोक निर्माण विभाग ने (Pauri PWD) जर्जर पुल पर वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी है. करीब 43 साल पहले पौड़ी और द्वारीखाल विकास खंडों को जोड़ने के लिए सतपुली-कांसखेत मोटर मार्ग पर बांघाट पुल का निर्माण हुआ था.
पुल के बनने से कल्जीखाल ब्लॉक के दर्जनों गांव सतपुली व कोटद्वार से जुड़ गये थे. वहीं पुल अब जर्जर हालत में है. जर्जर पुल कभी भी धराशायी हो सकता है. बावजूद इसके पुल पर (motor pull bad condition in pauri) छोटे-बड़े वाहन बेखौफ होकर आवाजाही कर रहे हैं. यहां तक कि खनन कार्य में लगे भारी भरकम डंपरों की भी आवाजाही जारी है. क्षेत्रवासियों की मानें तो पुल के टूटने से पौड़ी और द्वारीखाल दो विकास खंडों से संपर्क टूट जाएगा. वहीं लोगों को बांघाट से सतपुली पहुंचने के लिए 90 किमी की दूरी तय करनी पड़ेगी, जोकि अभी तक महज 5 किमी है.
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सामाजिक कार्यकर्ता कुलदीप गुसाईं ने बताया कि बांघाट पुल पर निरन्तर खनन के भारी भरकम डंपरों की आवाजाही जारी है. जिसके चलते पुल कभी भी धराशायी हो सकता है. कहा कि प्रशासन की ओर से इस पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. कहा कि जिम्मेदार विभाग इस ओर ध्यान हीं दे रहा है. शीघ्र ही इस पर कार्रवाई नहीं हुई तो बड़ी दुर्घटना घट सकती है. वहीं लोनिवि अधिशासी अभियंता (PWD Executive Engineer) दिनेश नौटियाल ने कहा कि पुल के क्षतिग्रस्त होने की सूचना प्राप्त होते ही पुल पर भारी वाहनों की आवाजाही रोक दी गयी है. आवाजाही रोकने के लिए पुल के पास नोटिस भी चस्पा किया गया है. वहीं पुल को रिपेयर करने के लिए कार्रवाई गतिमान है.