पौड़ी: चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड के बाद उत्तराखंड सरकार और प्रशासन ने पीड़ित परिजनों को निष्पक्ष जांच और हरसंभव मदद का आश्वासन दिया था, लेकिन अंकिता के परिजनों की मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही है. वहीं, सीएम धामी ने अंकिता के भाई को नौकरी देने का आश्वासन दिया था, जो आज तक पूरा नहीं हुआ है. इसको लेकर अंकिता की मां ने अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने की चेतावनी दी है.
अंकिता भंडारी के परिजनों को दी जाने वाली सभी सहायताओं को लेकर हुई सभी बातें और घोषणाएं कोरी साबित हो रही है. करीब 6 माह बाद भी अंकिता के भाई को नौकरी दिलाने की घोषणा हवा-हवाई साबित हो रही है. अंकिता की मां ने इस संबंध में अब अनिश्चितकालीन धरने की चेतावनी दी है. वहीं, अंकिता भंडारी हत्याकांड में दोषियों को सजा दिलाने के लिए मामला न्यायालय में विचाराधीन है.
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बता दें कि 21 सितंबर 2022 को पौड़ी की बेटी अंकिता भंडारी की गुमशुदगी रिर्पोट दर्ज कराई गई थी. इसके बाद मामला 23 सितंबर को रेगुलर पुलिस के सुपुर्द हुआ तो अंकिता हत्याकांड में कई खुलासे हुए. मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने पौड़ी के डोभ श्रीकोट जाकर अंकिता के परिजनों से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने अंकिता के भाई को सरकारी नौकरी देने की भी घोषणा की थी. वहीं अंकिता के भाई को आज तक नौकरी नहीं मिलने स परिजन काफी निराश हैं और अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं.
अंकिता भंडारी की मां सोनी ने बेटे को सरकारी नौकरी नहीं दिए जाने पर अनिश्चितकालीन धरने की चेतावनी दी है. उन्होंने कहा सीएम धामी ने घर आकर हमारे बेटे को सरकारी नौकरी देने का आश्वासन दिया था, लेकिन सीएम द्वारा कही गई यह बात अब हवा-हवाई हो गई है. बेटी की मौते से पूरा परिवार टूट चुका है. परिवार को आर्थिक समस्याओं से जूझ रहा है.
अंकिता की मां सोनी देवी ने डीएम डॉ आशीष चौहान से मुलाकात की. सोनी देवी ने कहा कई बार सीएम पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन भेज चुकी हैं, लेकिन मुख्यमंत्री उनके ज्ञापनों का कोई जवाब नहीं दे रहे हैं. सीएम ने बीती 25 सितंबर को फोन कर अंकिता की अंत्येष्टि करने को कहा था. सीएम ने कहा था कि अंकिता के परिजनों की हर मांग पूरी की जाएगी.
सोनी देवी ने कहा कि मेरे पति की तबीयत खराब रहती है. बहन अंकिता के साथ इस प्रकार की घटना होने के बाद बेटे की सीए की पढ़ाई भी छूट चुकी है. मुख्यमंत्री धामी की घोषणा के अनुरूप उनके बेटे को पौड़ी में ही सरकारी नौकरी दी जाए. मांग पूरी नहीं होने पर वह 6 मार्च से वह अपने पति और ग्रामीणों के साथ डीएम कार्यालय में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठेंगी.