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तीन मौतों के बाद टूटी प्रशासन की नींद, आसपास के इलाकों का किया निरीक्षण - कोटद्वार करंट से मौत

कोटद्वार में बारिश के दौरान घर में करंट फैलने से हुई तीन मौत के बाद प्रशासन नींद से जागा है. बुधवार को प्रशासन की टीम ने पनियाली गधेरे समेत आसपास के अतिक्रमण वाले इलाकों का निरीक्षण किया. बीते दो सालों से पनियाली गधेरे से अतिक्रमण नहीं हटने पर प्रशासन टीम का कहना है कि कार्रवाई के दौरान स्थानीय लोगों का विरोध का सामना करना पड़ता है.

तीन लोगों की मौत के बाद जागा प्रशासन.
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Published : Jul 3, 2019, 5:42 PM IST

Updated : Jul 3, 2019, 5:50 PM IST

कोटद्वारः प्रदेश में मानसून दस्तक दे चुका है. मानसून की पहली बारिश ने ही प्रशासन के तमाम दावों की पोल खोल दी. इसी कड़ी में मंगलवार को हुई बारिश ने शहर में तबाही मचा दी थी. जहां पर सरकार और प्रशासन की लापरवाही के चलते बारिश में फैले करंट ने तीन लोगों की जिंदगी लील ली. इस हादसे के बाद प्रशासनिक अमले की नींद टूटी है. जिसके बाद आज प्रशासन की टीम ने गधेरे और नदियों के आस पास के इलाकों का निरीक्षण किया.

तीन लोगों की मौत के बाद जागा प्रशासन.

बता दें कि स्थानीय प्रशासन पनियाली गधेरे पर चिह्नित अतिक्रमण को हटाने पर पूरी तरह से विफल रहा है. जिसके नतीजन बीते दो सालों से कोटद्वार में त्रासदी का माहौल बना हुआ है. तीन लोगों की मौत के बाद बुधवार को प्रशासन की टीम ने गधेरे और नदियों से जानमाल की नुकसान होने की संभावित इलाकों का बारीकी से निरीक्षण किया. इस दौरान अपर जिलाधिकारी पौड़ी शिवकुमार ने सत्तीचौड़, सिंबलचौड़, दुर्गापुरी, लालपुर और गाड़ीघाट का जायजा लिया. निरीक्षण के दौरान स्थानीय लोगों ने एडीएम के सामने कई तरह समस्याएं रखी.

ये भी पढ़ेंः आयुष विभाग में फंसा फार्मासिस्टों की नियुक्ति का मामला, हो सकती है विजिलेंस जांच

एडीएम शिवकुमार का कहना है कि आपदा से निपटने के लिए पहले से ही पूरी व्यवस्था की गई है, लेकिन नदी-नाले और गधेरों वाली कई जगहों पर लोगों ने अतिक्रमण किया है. जिसके कारण नदी-नाले संकरे हो गए हैं. उन्होंने कहा कि जब भी अतिक्रमण को तोड़ने की कवायद शुरू की जाती है, तो स्थानीय लोगों के द्वारा व्यापक स्तर पर विरोध किया जाता है. जिससे भी मामले पर पूरी तरह से कार्रवाई नहीं हो पाती है.

एडीएम ने बताया कि जिन जगहों पर नदी-नाले संकरे हुए हैं, उन जगहों के चौड़ीकरण के निर्देश विभागों को दिए गए हैं. साथ ही कहा कि नगर निगम, राजस्व विभाग, सिंचाई विभाग, पीडब्ल्यूडी सभी विभागों को तत्काल सभी खामियों को दूर कर व्यवस्थाएं दुरुस्त करने को कहा गया है. जिससे आने वाली बारिश के दौरान जान-माल के नुकसान से बचा जा सके.

कोटद्वारः प्रदेश में मानसून दस्तक दे चुका है. मानसून की पहली बारिश ने ही प्रशासन के तमाम दावों की पोल खोल दी. इसी कड़ी में मंगलवार को हुई बारिश ने शहर में तबाही मचा दी थी. जहां पर सरकार और प्रशासन की लापरवाही के चलते बारिश में फैले करंट ने तीन लोगों की जिंदगी लील ली. इस हादसे के बाद प्रशासनिक अमले की नींद टूटी है. जिसके बाद आज प्रशासन की टीम ने गधेरे और नदियों के आस पास के इलाकों का निरीक्षण किया.

तीन लोगों की मौत के बाद जागा प्रशासन.

बता दें कि स्थानीय प्रशासन पनियाली गधेरे पर चिह्नित अतिक्रमण को हटाने पर पूरी तरह से विफल रहा है. जिसके नतीजन बीते दो सालों से कोटद्वार में त्रासदी का माहौल बना हुआ है. तीन लोगों की मौत के बाद बुधवार को प्रशासन की टीम ने गधेरे और नदियों से जानमाल की नुकसान होने की संभावित इलाकों का बारीकी से निरीक्षण किया. इस दौरान अपर जिलाधिकारी पौड़ी शिवकुमार ने सत्तीचौड़, सिंबलचौड़, दुर्गापुरी, लालपुर और गाड़ीघाट का जायजा लिया. निरीक्षण के दौरान स्थानीय लोगों ने एडीएम के सामने कई तरह समस्याएं रखी.

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एडीएम शिवकुमार का कहना है कि आपदा से निपटने के लिए पहले से ही पूरी व्यवस्था की गई है, लेकिन नदी-नाले और गधेरों वाली कई जगहों पर लोगों ने अतिक्रमण किया है. जिसके कारण नदी-नाले संकरे हो गए हैं. उन्होंने कहा कि जब भी अतिक्रमण को तोड़ने की कवायद शुरू की जाती है, तो स्थानीय लोगों के द्वारा व्यापक स्तर पर विरोध किया जाता है. जिससे भी मामले पर पूरी तरह से कार्रवाई नहीं हो पाती है.

एडीएम ने बताया कि जिन जगहों पर नदी-नाले संकरे हुए हैं, उन जगहों के चौड़ीकरण के निर्देश विभागों को दिए गए हैं. साथ ही कहा कि नगर निगम, राजस्व विभाग, सिंचाई विभाग, पीडब्ल्यूडी सभी विभागों को तत्काल सभी खामियों को दूर कर व्यवस्थाएं दुरुस्त करने को कहा गया है. जिससे आने वाली बारिश के दौरान जान-माल के नुकसान से बचा जा सके.

Intro:summary तीन लोगों की मौत के बाद जागा जिला प्रशासन विगत 2 वर्षों से पनियाली गधेरे से नहीं हटा सका अतिक्रमण अपर जिला अधिकारी का कहना है कि अतिक्रमण हटाने में विरोध का करना पड़ता है सामना।

intro कोटद्वार में मानसून की पहली बारिश ने प्रशासन की पोल खोलकर रख दी बड़े-बड़े दावे करने वाला प्रशासन उस वक्त बौना साबित हो गया जब मंगलवार सुबह मात्र 2 घंटे की बारिश होने से कोटद्वार में तबाही का मंजर हो गया सरकार और प्रशासन की लापरवाही के चलते 3 लोगों की जीवन लीला समाप्त हो गई थी लेकिन स्थानीय प्रशासन पनियाली गदेरे पर चिन्हित अतिक्रमण को हटाने के नाम पर विफल रहा लगातार विगत 2 वर्षों से कोटद्वार में त्रासदी का माहौल बना रहा।


Body:वीओ1- मंगलवार को कोटद्वार में हुई त्रासदी में तीन लोगों की मौत हो जाने के बाद प्रशासन नींद से जागा और प्रशासन ने उन तमाम इलाकों का निरीक्षण किया जहां पर गधे रे और नदियों से जानमाल का नुकसान होने की संभावना बनी हुई है अपर जिलाधिकारी पौड़ी ने सती चौरड, सिंबल चोड, दुर्गापुरी, लालपुर गाड़ी घाट इलाके में नदी नालों के तटीय इलाकों का निरीक्षण किया इस दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने एडीएम के सामने अपनी समस्याओं का पिटारा खोला।

वीओ2- वहीं एडीएम शिवकुमार पौड़ी का कहना है कि आपदा से निबटने के लिए पहले से ही पूरी व्यवस्था की गई थी कई जगह पर नदी नालों और गधेरो पर लोगों ने अतिक्रमण किया है जिसके कारण नदी नाले संकरे हो गए हैं जब भी इस अतिक्रमण को तोड़ने की कवायद शुरू की जाती है तो लोगों के द्वारा व्यापक विरोध किया जाता है फिर भी काफी हद तक कार्य किया गया है आगे भी जिन जगहों पर नदी नाले संकरे हुए हैं उन जगहों पर चौड़ीकरण के निर्देश विभागों को दिए गए हैं नगर निगम राजस्व विभाग सिंचाई विभाग पीडब्ल्यूडी सभी को बता दिया गया है कि जहां पर भी पहली बारिश में कमियां देखने को मिली है तुरंत उन जगहों पर कमियों को दुरुस्त करें ताकि जो आगे बारिश हो उसमें नुकसान से बचा जा सके।
बाइट- शिव कुमार अपर जिलाधिकारी पौडी।


Conclusion:
Last Updated : Jul 3, 2019, 5:50 PM IST
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