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सुमित पटवाल हत्याकांड में चारों आरोपियों को आजीवन कारावास

2015 के बहुचर्चित सुमित पटवाल हत्याकांड के चारों अभियुक्तों पर आरोप सिद्ध होने पर एडीजे कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही एक-एक लाख रुपये के जुर्माने से भी दंडित किया है.

सुमित पटवाल हत्याकांड के चारों आरोपियों को आजीवन कारावास.
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Published : Sep 3, 2019, 4:41 PM IST

Updated : Sep 3, 2019, 4:56 PM IST

कोटद्वार: साल 2015 के बहुचर्चित सुमित पटवाल हत्याकांड के चारों दोषियों को एडीजे प्रतिभा तिवारी की अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही एक-एक लाख रुपये जुर्माने से भी दंडित किया है.

सुमित पटवाल हत्याकांड में कोर्ट की सुनवाई की जानकारी देते सहायक शासकीय अधिवक्ता जितेंद्र सिंह रावत.

सहायक शासकीय अधिवक्ता जितेंद्र सिंह रावत ने बताया कि कोर्ट ने दोषियों पर एक-एक लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. उन्होंने बताया कि 22 मार्च, 2015 को कोटद्वार के बेलाडाट चौराहे पर बाइक सवार बदमाशों ने सुमित पटवाल की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी थी. जिसके बाद 23 मार्च को मृतक की मां सतेश्वरी देवी ने कोटद्वार कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था.

तब तत्कालीन कोतवाल प्रमोद शाह ने चार दिन बाद 25 मार्च को हत्याकांड का खुलासा करते हुए स्थानीय युवक दीपक रावत को हिरासत में लिया था. अगले दिन हत्याकांड के मास्टर माइंड सुरेंद्र सिंह नेगी उर्फ सूरी और दोनों शूटरों विशाल कुमार उर्फ जौली और जौनी शर्मा को गिरफ्तार कर लिया था.

ये भी पढ़े: बांटने आई थी 'मौत', पुलिस ने किया गिरफ्तार

इस मामले में पुलिस ने जांच के बाद चारों के खिलाफ आरोपपत्र न्यायालय में पेश किया गया था. जिसके बाद मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने चारों दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.
साथ ही बताया कि सूरी और मृतक सुमित के बीच जमीन के लेन-देन का विवाद चल रहा था. इसी के चलते इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया था.

कोटद्वार: साल 2015 के बहुचर्चित सुमित पटवाल हत्याकांड के चारों दोषियों को एडीजे प्रतिभा तिवारी की अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही एक-एक लाख रुपये जुर्माने से भी दंडित किया है.

सुमित पटवाल हत्याकांड में कोर्ट की सुनवाई की जानकारी देते सहायक शासकीय अधिवक्ता जितेंद्र सिंह रावत.

सहायक शासकीय अधिवक्ता जितेंद्र सिंह रावत ने बताया कि कोर्ट ने दोषियों पर एक-एक लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. उन्होंने बताया कि 22 मार्च, 2015 को कोटद्वार के बेलाडाट चौराहे पर बाइक सवार बदमाशों ने सुमित पटवाल की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी थी. जिसके बाद 23 मार्च को मृतक की मां सतेश्वरी देवी ने कोटद्वार कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था.

तब तत्कालीन कोतवाल प्रमोद शाह ने चार दिन बाद 25 मार्च को हत्याकांड का खुलासा करते हुए स्थानीय युवक दीपक रावत को हिरासत में लिया था. अगले दिन हत्याकांड के मास्टर माइंड सुरेंद्र सिंह नेगी उर्फ सूरी और दोनों शूटरों विशाल कुमार उर्फ जौली और जौनी शर्मा को गिरफ्तार कर लिया था.

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इस मामले में पुलिस ने जांच के बाद चारों के खिलाफ आरोपपत्र न्यायालय में पेश किया गया था. जिसके बाद मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने चारों दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.
साथ ही बताया कि सूरी और मृतक सुमित के बीच जमीन के लेन-देन का विवाद चल रहा था. इसी के चलते इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया था.

Intro:summary 2015 के बहुचर्चित सुमित पटवाल हत्याकांड में चार अभियुक्तों पर आरोप सिद्ध होते हुए एडीजे कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई , साथ ही एक-एक लाख रुपये के जुर्माने से भी दंडित किया।


intro 22 मार्च 2015 के बहुचर्चित सुमित पटवाल हत्याकांड में एडीजे प्रतिभा तिवारी के कोर्ट में 4 अभियुक्तों पर आरोप सिद्ध करते हुए चारों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई, साथ ही एक-एक लाख रुपये जुर्माने से भी दंडित किया, आदेश दिए कि जुर्माने की राशि के दो लाख रुपये मृतक के माता को दिए जाएं। सुरेंद्र उर्फ सूरी को वीडियो कांफ्रेंस पर ही सजा सुनाई गई।


Body:वीओ- सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता जितेंद्र सिंह रावत ने बताया कि यह घटना 22 मार्च 2015 की शाम 6:00 बजे की है, जब कोटद्वार के बेलाडॉट चौराहे पर सुमित पटवाल नाम के व्यक्ति को दो बाइक सवार लोगों ने सरेआम गोली मार कर हत्या कर दी थी, 23 तारीख को मृतक सुमित पटवाल की माता सतेस्वरी देवी के द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट कोटद्वार कोतवाली में दर्ज कराई गई थी, जिसमें दीपक रावत पर संदेह व्यक्त किया गया था तहरीर में बताया गया था कि दीपक रावत नाम के व्यक्ति ने पहले सुमित पटवाल को धमकी दी थी, उसके बाद पुलिस के द्वारा जांच कर चार अभियुक्तों के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया गया था, जिसमें दीपक रावत, सुरेंद्र सिंह नेगी उर्फ सूरी, विशाल, जॉली के खिलाफ माननीय न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया गया था आरोप पत्र दाखिल करने के बाद न्यायालय में चारों आरोपियों पर आरोप से सिद्ध हवा, जिसमें 43 गवाह अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत किए गए थे, 10 गवाह होस्टेज हो गए थे, कॉल डिटेल सीसीटीवी फुटेज व गवाह सबूतों के आधार पर यह बात सामने आई कि दीपक रावत और सुरेंद्र सिंह नेगी उर्फ सूरी ने भाड़े के दो शूटर विशाल और जॉली को बुलाकर दो लाख की फिरौती देकर सुमित पटवाल का मर्डर करवाया था, 31 अगस्त को माननीय न्यायालय के द्वारा चारों अभियुक्तों पर आरोप सिद्ध किया था और आज माननीय न्यायालय के द्वारा इनको सजा सुनाई गई, सजा में माननीय न्यायालय के द्वारा 302 में 2 मुल्जिमो को जो सूटर थे उन को आजीवन कारावास और दोनों मरवाने वाले दीपक रावत और सूरी उनको 302/34 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई साथ ही न्यायालय ने एक-एक लाख रुपये जुर्माना से चारों आरोपियों को दंडित किया, जुर्माने की धनराशि से न्यायालय के आदेश पर 2 लाख रुपये म्रतक सुमित पटवाल की माता को दिए जायेगे।

बाइट जितेंद्र सिंह रावत।


Conclusion:
Last Updated : Sep 3, 2019, 4:56 PM IST
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