कोटद्वार: साल 2015 के बहुचर्चित सुमित पटवाल हत्याकांड के चारों दोषियों को एडीजे प्रतिभा तिवारी की अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही एक-एक लाख रुपये जुर्माने से भी दंडित किया है.
सहायक शासकीय अधिवक्ता जितेंद्र सिंह रावत ने बताया कि कोर्ट ने दोषियों पर एक-एक लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. उन्होंने बताया कि 22 मार्च, 2015 को कोटद्वार के बेलाडाट चौराहे पर बाइक सवार बदमाशों ने सुमित पटवाल की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी थी. जिसके बाद 23 मार्च को मृतक की मां सतेश्वरी देवी ने कोटद्वार कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था.
तब तत्कालीन कोतवाल प्रमोद शाह ने चार दिन बाद 25 मार्च को हत्याकांड का खुलासा करते हुए स्थानीय युवक दीपक रावत को हिरासत में लिया था. अगले दिन हत्याकांड के मास्टर माइंड सुरेंद्र सिंह नेगी उर्फ सूरी और दोनों शूटरों विशाल कुमार उर्फ जौली और जौनी शर्मा को गिरफ्तार कर लिया था.
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इस मामले में पुलिस ने जांच के बाद चारों के खिलाफ आरोपपत्र न्यायालय में पेश किया गया था. जिसके बाद मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने चारों दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.
साथ ही बताया कि सूरी और मृतक सुमित के बीच जमीन के लेन-देन का विवाद चल रहा था. इसी के चलते इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया था.