पौड़ी: विधानसभा चुनाव के तहत चुनाव ड्यूटी में तैनात कार्मिक पोस्टल बैलट के माध्यम से मतदान कर रहे हैं. सम्बंधित कार्मिक अपनी विधानसभा वार पोस्टल बैलट के माध्यम से अपनी पसंदीदा पार्टी को वोट दे रहे हैं. इसके लिए प्रशासन ने कलेक्ट्रेट परिसर में ही बैलट बॉक्स रख कर मतदान की प्रक्रिया आयोजित करवाई है. मतदान सुबह से लेकर शाम 6 बजे तक चल रहा है.
14 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव में मतदान के तहत दूसरे जिलों से पौड़ी जिले में कार्य करने वाले सरकारी मुलाजिमों के लिए प्रशासन की ओर से बैलट मतदान की व्यवस्था की गयी. चुनाव आयोग की ओर से यह व्यवस्था करने के निर्देश पहले ही जारी किए जा चुके हैं. बैलट वोटिंग में कोई अव्यवस्था न हो इसके लिए प्रशासन ने तीन दिन तय किये हैं.
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डीएम डॉ विजय कुमार जोगदंडे ने संबंधित कार्मिकों को विधानसभा वार पोस्टल बैलट को बॉक्स में जमा करने की गोपनीयता बताई. इसके अलावा मतदान करते समय चुनाव ड्यूटी के आदेश तथा पहचान पत्र भी लिफाफे के अंदर जमा करने को कहा गया.
नोडल अधिकारी अमरेंद्र चौधरी ने बताया कि पौड़ी जिले की सभी विधानसभा सीटों के लिए तीन दिन तक पोस्टल बैलट के माध्यम से मतदान प्रक्रिया आयोजित की गयी है. बुधवार से शुरू हुई पोस्टल बैलट मतदान प्रक्रिया शुक्रवार तक चलेगी. जिसके लिए जिला मुख्यालय में विधानसभा वार अलग-अलग बॉक्स बनाये गये हैं. कार्मिक को पोस्टल बैलट के साथ पहचान पत्र तथा फार्म-12 भरकर जमा करना होगा. यह प्रक्रिया सुबह 9 से शाम 6 बजे तक आयोजित की जाएगी.
कितने हैं जिले में बैलट वोटर: जिलाधिकारी ने बताया कि जिले के छह विधानसभा क्षेत्रों के लिए बैलट से मतदान करने की व्यवस्था की गई है. जिले में 4,400 कार्मिक निर्वाचन ड्यूटी में तैनात हैं. इसके अलावा 2 हजार ड्राइवर तथा 2 हजार ही पुलिस कार्मिक हैं. ये सभी कार्मिक भी डाक मतपत्र से मतदान करेंगे. उन्होंने बताया जिले में ऐसे कार्मिकों के अभी तक करीब 3 सौ डाक मतपत्र प्राप्त हो गए हैं.
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ग्रामीणों ने किया चुनाव बहिष्कार: पौड़ी जिले में जहां एक ओर पोस्टल बैलट से वोट डालने की प्रक्रिया चल रही है वहीं, कल्जीखाल ब्लॉक के टंगरोली गांव में लोगों ने पानी की मांग को लेकर चुनाव बहिष्कार करने का मन बनाया है. लोगों ने पानी नहीं तो वोट नहीं का नारा दिया है. शहीद धर्म सिंह के नाम से पहचाने जाने वाले इस गांव में लोग पानी के लिए जिला प्रशासन और सरकार से गुहार लगाते हुए थक गये हैं. ऐसे में सरकारी सिस्टम से नाराज ग्रामीणों ने इस बार सरकार को ही चुनौती देने की ठानी है. ग्रामीणों का कहना है कि जो लोग हमसे वोट पाकर अपने वारे न्यारे कर आराम की जिंदगी गुजार रहे हैं, उन्हें इस बार हम वोट नहीं देंगे.
जानिए क्या कहते हैं जिलाधिकारी: टंगरोली गांव के ग्रामीणों के चुनाव बहिष्कार से प्रशासन के माथे पर चिंता की लकीरें बढ़ गयी हैं. डीएम डॉ विजय कुमार जोगदंडे का कहना है कि लोगों से बात कर संबंधित विभाग को मामले के निस्तारण को कहा जायेगा. मतदान लोगों का अधिकार है, लेकिन प्रशासन की कोशिश आंदोलित लोगों से शत प्रतिशत मतदान कराने की होगी.