पौड़ी: पहाड़ी जनपदों में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाल किसी से छिपी नहीं है. वहीं लंबे समय से नदारद चल रहे चिकित्सकों के कारण स्वास्थ्य सेवाएं डगमगा रहीं हैं जिसके बाद अब स्वास्थ्य विभाग की ओर से अंतिम फैसला लेने की तैयारी की जा रही है. जिले में नदारद चिकित्सकों को अंतिम नोटिस भेजकर 10 दिनों के अंदर डीजी हेल्थ के दफ्तर में उपस्थिति दर्ज करने को कहा गया है. उपस्थिति देने के बाद ही इन्हें आगे अपनी सेवाएं देने का अवसर मिलेगा, यदि ऐसा नहीं होता है तो इन सभी 37 चिकित्सकों को राजकीय सेवा में कार्य करने का मौका नहीं दिया जाएगा और उनकी सेवाएं समाप्त कर दी जाएंगी.
जनपद पौड़ी में 5 साल और उससे अधिक समय से 37 डॉक्टर अनुपस्थित चल रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग की ओर से इनको समय-समय पर नोटिस भेजकर जल्द अपने कार्य पर वापस लौटने और नदारद रहने के कारणों को भी पूछा गया, लेकिन डॉक्टरों की ओर से किसी प्रकार का जवाब विभाग को नहीं दिया गया.
उसके बाद स्वास्थ विभाग की ओर से अंतिम नोटिस भेजकर 10 दिनों के अंदर डीजी हेल्थ दफ्तर देहरादून में अपनी उपस्थिति देने को कहा गया है. यदि ऐसा नहीं होता है तो इन सभी चिकित्सकों की सेवाएं समाप्त कर दी जाएंगी और इनकी वजह से नई भर्तियों के जो पेंच फंसे हुए हैं, वह खुल जाएंगे.
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इस संबंध में डिप्टी सीएमओ पौड़ी हरीश चंद्र मर्तोलिया ने कहा कि जनपद पौड़ी में डॉक्टरों के 365 पद हैं. जिनके सापेक्ष 177 डॉक्टर उनके पास मौजूद हैं, जिससे कहीं न कहीं स्वास्थ्य सुविधाएं देने में दिक्कतें हो रहीं हैं.
डॉक्टरों की कमी के चलते जिला अस्पताल बेस चिकित्सालय में काफी समस्या होती है. उन्होंने बताया कि उनकी ओर से 37 डॉक्टरों को अंतिम नोटिस भेजकर 10 दिनों के अंदर अपनी उपस्थिति देने को कहा है यदि इनकी ओर से उपस्थिति दर्ज नहीं की जाती है तो उनकी सेवाएं समाप्त कर दी जाएंगी और जो पद इनके कारण भरे हुए हैं वह खाली होकर उनमें नई भर्तियां की जाएंगी ताकि जनपद में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को सुधारा जा सके.