श्रीनगरः नगर पालिका में सर फुटव्वल के बाद आखिरकार बोर्ड बैठक में 36 करोड़ का बजट पास हो गया है. शहर के विकास कार्यों से लेकर वेतन, पेंशन के लिए वार्षिक बजट पास किया गया है. वहीं, बैठक में मौजूद सभासदों ने ध्वनिमत से बजट को हरी झंडी दी है. वहीं, श्रीनगर रोडवेज डिपो को रोजाना ₹80 हजार का नुकसान हो रहा है. बता दें कि श्रीनगर नगर पालिका बोर्ड की पिछली तीन बैठकें सभासदों में नाराजगी और शिकायतों के चलते टल गई थी.
जिससे पालिका के विभिन्न कार्य अधर में लटक गए थे. इस बार आयोजित बैठक में सभी सभासद मौजूद रहे. सभासदों ने बैठक में अपनी-अपनी समस्याओं को रखा. करीब तीन घंटे तक चली बोर्ड बैठक में सभी मुद्दों पर चर्चा हुई. नगर पालिका के ईओ राजेश नैथानी ने बताया कि बैठक में 36 करोड़ रुपये का वार्षिक बजट पास किया गया है. जिसमे स्वच्छ भारत मिशन, वेतन, पेंशन, बिजली, पानी के बिल, निर्माण कार्य आदि कराए जाने के लिए ये बजट पास किया गया है.
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श्रीनगर रोडवेज डिपो को हो रहा 80 हजार का नुकसान
कोविड कर्फ्यू में श्रीनगर रोडवेज डिपो काफी नुकसान में चल है. हर दिन डिपो को 80 हजार रुपये का नुकसान झेलना पड़ रहा है. जिससे अब विभाग के सामने कर्मियों को वेतन देने तक के लाले पड़ गए हैं. इतना ही नहीं बीते पांच महीने से श्रीनगर रोडवेज डिपो के कर्मियों को सैलरी तक नहीं मिल पाई है. पिछले दो सीजन श्रीनगर रोडवेज डिपो के लिए संकट के बादल लेकर आए हैं. कोरोना के चलते रोडवेज की बसें चल तो रही है, लेकिन बसों को सवारियां नहीं मिल पा रही है.
जहां पहले हर दिन अप्रैल, मई, जून में 1 लाख 20 हजार की इनकम डिपो किया करता था. वहीं, अब हर दिन डिपो 80 हजार रुपये के घाटे में जा रहा है. वर्तमान समय में डिपो की बसें हरिद्वार, कोटद्वार जा रही है, लेकिन घाटा कम होने के बजाय बढ़ ही रहा है.
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दो बसें हरिद्वार और एक कोटद्वार के लिए हो रही संचालित
श्रीनगर रोडवेज डिपो के अकाउंटेंट अशोक काला ने बताया कि डिपो में इन दिनों दो वाहन हरिद्वार और एक कोटद्वार के लिए संचालित हो रहा है. जिसमें चालकों को सवारियां नहीं मिल रही है. जिसके चलते बसें हर दिन 80 हजार रुपये घाटे में चल रही है. यही बसें सामान्य दिनों में हर दिन 1 लाख 20 हजार रुपये की इनकम किया करती थी.