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बिछड़ों को अपनों से मिलवाता है ये शख्स, 11 जरूरतमंदों को पहुंचा चुके हैं घर

राजेश सिंह राजा एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं. अबतक राजेश ने 11 मानसिक रोगियों को उनके परिजनों से मिलवाने में कामयाबी पाई है. रविवार को एक मानसिक रूप से कमजोर महिला को उसके परिजनों को सौंपने का कार्य किया है.

27 साल बाद अपने परिवार से मिली महिला.
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Published : Nov 4, 2019, 8:24 AM IST

पौड़ी: जिले के कल्जीखाल ब्लॉक के पयासू गांव के रहने वाले समाजसेवी राजेश सिंह राजा मानसिक रूप से कमजोर लोगों को उनके परिजनों से मिलाने का कार्य करते हैं. इनकी इस पहल ने अबतक कई ऐसे लोगों को उनके परिजनों तक मिलवाया है.

बता दें कि, राजेश सिंह ने 27 सालों से अपने घर से गायब एक महिला को उसके परिजनों से मिलवाकर मानवता की मिसाल पेश की है. उन्होंने छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में रहने वाली मानसिक रूप से कमजोर महिला को उसके परिजनों से मिलवाया है.

27 साल बाद अपने परिवार से मिली महिला.

यह भी पढ़ें: पवन खेड़ा ने सरकार पर साधा जमकर निशाना, बोले- बीजेपी मुद्दों से भटका रही ध्यान

दरअसल, यह महिला राजेश सिंह को पिछले महीने पौड़ी के अगरोड़ा बाजार में मिली थी. महिला ने खुद को कोल्ता जाति का बताया था, जिसके बाद इंटरनेट की मदद से जानकारी लेकर घरवालों से वीडियो कॉल पर बात करवाई गई. पूरी जांच पड़ताल के बाद रविवार को महिला को उसके परिवार को सौंप दिया गया है.

राजेश सिंह अबतक 11 मानसिक रोगियों को उनके परिजनों से मिलवाने में सफल हो चुके हैं. बता दें कि राजेश इस काम को निशुल्क करते हैं. सामाजिक कार्यकर्ता राजेश सिंह ने बताया कि वह समाज में घूम रहे मानसिक रोगियों को उनके अपनों से मिलाने में सफल रहे हैं.

पौड़ी: जिले के कल्जीखाल ब्लॉक के पयासू गांव के रहने वाले समाजसेवी राजेश सिंह राजा मानसिक रूप से कमजोर लोगों को उनके परिजनों से मिलाने का कार्य करते हैं. इनकी इस पहल ने अबतक कई ऐसे लोगों को उनके परिजनों तक मिलवाया है.

बता दें कि, राजेश सिंह ने 27 सालों से अपने घर से गायब एक महिला को उसके परिजनों से मिलवाकर मानवता की मिसाल पेश की है. उन्होंने छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में रहने वाली मानसिक रूप से कमजोर महिला को उसके परिजनों से मिलवाया है.

27 साल बाद अपने परिवार से मिली महिला.

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दरअसल, यह महिला राजेश सिंह को पिछले महीने पौड़ी के अगरोड़ा बाजार में मिली थी. महिला ने खुद को कोल्ता जाति का बताया था, जिसके बाद इंटरनेट की मदद से जानकारी लेकर घरवालों से वीडियो कॉल पर बात करवाई गई. पूरी जांच पड़ताल के बाद रविवार को महिला को उसके परिवार को सौंप दिया गया है.

राजेश सिंह अबतक 11 मानसिक रोगियों को उनके परिजनों से मिलवाने में सफल हो चुके हैं. बता दें कि राजेश इस काम को निशुल्क करते हैं. सामाजिक कार्यकर्ता राजेश सिंह ने बताया कि वह समाज में घूम रहे मानसिक रोगियों को उनके अपनों से मिलाने में सफल रहे हैं.

Intro:पौडी जिले के कल्जीखाल ब्लाक के पयासू गांव के रहने वाले राजेश सिंह राजा मानसिक रूप से कमजोर लोगों को उनके परिजनों से मिलाने की पहल रंग लाती नजर आ रही है 27 सालों से अपने घर से गायब महिला को उसके परिजनों से मिलवाकर मानवता की मिशाल पेश कर रहे है। उन्होंने छत्तीसगढ़ के रायगढ़ के रहने वाले मानसिक रूप से कमजोर महिला को परिजनों से मिलवाने का काम किया। राजा को यह महिला पिछले माह अगरोड़ा बाजार में मिली थी। महिला ने खुद को कोल्ता जाति का बताया जिसके बाद इंटरनेट की मदद से पूरी जानकारी जुटालकर घरवालों से वीडियो कॉल में बात करवाकर पुष्टि की। जिसके बाद आज महिला को उनके परिवार को सौंप दिया गया है। Body:राजेश सिंह राजा अब तक 11 मानसिक रोगियों को परिजनों से मिलवाने में सफल हो चुके है। उस काम को वह निशुल्क करते है। कुछ समय पूर्व बाजार में घूम रही महिला से वार्ता कर जानकारी जुटाई महिला के घर का पता लगाने के लिए यूपी और बिहार पुलिस से संपर्क किया गया। बिहार पुलिस ने कोल्ता जाति छत्तीसगढ़ के रायगढ़ क्षेत्र में होने की जानकारी दी। जिसके बाद राजा ने रायगढ़ पुलिस से संपर्क किया। रायगढ़ पुलिस ने बताया कि यह जाति क्षेत्र के तमनार थाना क्षेत्र में निवास करती है। तमनार थाना पुलिस ने महिला के ढाई दशक से लापता होने की सूचना दी। पुलिस और इंटरनेट से मिली जानकारी के बाद महिला के परिजन उसे लेने पौड़ी पहुंचे। महिला के पति नत्थू लाल बिहारी ने बताया कि वह विगत 27 साल से पत्नी की तलाश कर रहे थे लेकिन उसका कहीं कोई अता-पता नहीं चल पाया। आज उसकी पत्नी भगोवती देवी के मिलने पर पूरे परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं है और वह राजेश सिंह राजा की इस पहल ही सराहना करते है।Conclusion:सामाजिक कार्यकर्ता राजेश सिंह राजा ने बताया कि वह समाज में घूम रहे मानसिक रोगियों को उनके परिवार से मिलाने में सफल रहे हैं अभी तक उन्होंने 11 परेशान लोगों को उनके परिवार से मिला है और उन्हें बहुत खुशी होती है जब कोई बिछड़ा वह व्यक्ति अपने परिवार से मिलता है वह निशुल्क रूप से इस काम को करते हैं। वह लंबे समय से समाज सेवा से जुड़े हैं और उन्हें लगता है कि किसी बिछड़े भी व्यक्ति को उसके परिवार से मिलाने से बड़ा धर्म का कार्य और कोई नहीं हो सकता।
बाइट - नत्थू लाल बिहारी पति
बाइट - राजेश सिंह कोली, सामाजिक कार्यकर्ता
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