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15 महिलाओं के हाथों सरकारी होमस्टे की कमान, पर्यटक उठा रहे पहाड़ी व्यंजनों का लुत्फ

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Published : Jan 16, 2020, 1:16 PM IST

Updated : Jan 17, 2020, 10:19 AM IST

पौड़ी में बासा नाम से पहला सरकारी होमस्टे बनकर तैयार हो गया है. पौड़ी के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल खिर्सू में बने इस होमस्टे की सारी जिम्मेदारी उन्नति महिला समूह की 15 महिलाएं उठा रही हैं.

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15 महिलाओं के हाथों में सरकारी होमस्टे (बासा) की कमान.

पौड़ी: जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल के प्रयासों से जनपद पौड़ी में बासा नाम से पहला सरकारी होमस्टे बनकर तैयार हो गया है. इस होमस्टे की विधिवत रूप से शुरुआत भी कर दी गई है. पौड़ी के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल खिर्सू में बने इस होमस्टे की सारी जिम्मेदारी उन्नति महिला समूह की 15 महिलाएं उठा रही हैं. इन सभी महिलाओं को भोजन बनाने से लेकर होमस्टे की देखरेख करने तक की सभी जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं.

15 महिलाओं के हाथों में सरकारी होमस्टे (बासा) की कमान.

वहीं, इस होमस्टे को बासा नाम देने के पीछे मुख्य कारण है कि बासा को गढ़वाली भाषा में रात को रुकना कहा जाता है. इसका सामान्य अर्थ है कि जो भी पर्यटक यहां पर रुकना चाहते हैं, उनके लिए पहाड़ी शैली से बना हुआ घर और पहाड़ी व्यंजन आसानी से उपलब्ध होगा. इस होमस्टे के बनने के बाद से यहां पर काम कर रही 15 महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत हो रही हैं.

पढ़ें- जब कुत्ते ने हवालात में काटी रात, 'खाकी' करती रही निगरानी

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक उत्तराखंड में गढ़वाल मंडल के पौड़ी जनपद में सर्वाधिक पलायन हुआ है. लगातार होता पलायन देख राज्य सरकार यहां लोगों को रोजगार देने के लिए हरसंभव कोशिश कर रही है, जिसमें जिलाधिकारी भी बखूबी भूमिका निभाते दिख रहे हैं. महिलाओं ने बताया कि जिलाधिकारी की ओर से उन्हें जो जिम्मेदारी सौंपी गई है उसे वो पूरी ईमानदारी से निभाएंगी और जो भी पर्यटक यहां पर रुकने आएंगे उन्हें गढ़वाली व्यंजन के साथ-साथ कॉन्टिनेंटल व्यंजन भी उपलब्ध करवाया जाएगा.

पौड़ी के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल खिर्सू पहुंचे पर्यटक अश्वनी त्यागी ने बताया कि उत्तराखंड के साथ-साथ वो विभिन्न स्थानों पर घूमे हैं, लेकिन पहाड़ी शैली से बने इस होमस्टे में रहकर उन्हें काफी आनंद महसूस हुआ है. इसके साथ ही उन्हें पहाड़ी व्यंजनों का लुत्फ उठाने का भी मौका मिला. उन्हें सरकार के इस कदम को काफी सराहनीय बताया.

पौड़ी: जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल के प्रयासों से जनपद पौड़ी में बासा नाम से पहला सरकारी होमस्टे बनकर तैयार हो गया है. इस होमस्टे की विधिवत रूप से शुरुआत भी कर दी गई है. पौड़ी के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल खिर्सू में बने इस होमस्टे की सारी जिम्मेदारी उन्नति महिला समूह की 15 महिलाएं उठा रही हैं. इन सभी महिलाओं को भोजन बनाने से लेकर होमस्टे की देखरेख करने तक की सभी जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं.

15 महिलाओं के हाथों में सरकारी होमस्टे (बासा) की कमान.

वहीं, इस होमस्टे को बासा नाम देने के पीछे मुख्य कारण है कि बासा को गढ़वाली भाषा में रात को रुकना कहा जाता है. इसका सामान्य अर्थ है कि जो भी पर्यटक यहां पर रुकना चाहते हैं, उनके लिए पहाड़ी शैली से बना हुआ घर और पहाड़ी व्यंजन आसानी से उपलब्ध होगा. इस होमस्टे के बनने के बाद से यहां पर काम कर रही 15 महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत हो रही हैं.

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सरकारी आंकड़ों के मुताबिक उत्तराखंड में गढ़वाल मंडल के पौड़ी जनपद में सर्वाधिक पलायन हुआ है. लगातार होता पलायन देख राज्य सरकार यहां लोगों को रोजगार देने के लिए हरसंभव कोशिश कर रही है, जिसमें जिलाधिकारी भी बखूबी भूमिका निभाते दिख रहे हैं. महिलाओं ने बताया कि जिलाधिकारी की ओर से उन्हें जो जिम्मेदारी सौंपी गई है उसे वो पूरी ईमानदारी से निभाएंगी और जो भी पर्यटक यहां पर रुकने आएंगे उन्हें गढ़वाली व्यंजन के साथ-साथ कॉन्टिनेंटल व्यंजन भी उपलब्ध करवाया जाएगा.

पौड़ी के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल खिर्सू पहुंचे पर्यटक अश्वनी त्यागी ने बताया कि उत्तराखंड के साथ-साथ वो विभिन्न स्थानों पर घूमे हैं, लेकिन पहाड़ी शैली से बने इस होमस्टे में रहकर उन्हें काफी आनंद महसूस हुआ है. इसके साथ ही उन्हें पहाड़ी व्यंजनों का लुत्फ उठाने का भी मौका मिला. उन्हें सरकार के इस कदम को काफी सराहनीय बताया.

Intro:note-special story

जिलाधिकारी पौड़ी धीराज सिंह गर्ब्याल के प्रयासों से जनपद पौड़ी में पहला सरकारी होमस्टे बनकर तैयार हो गया है और इसकी विधिवत रूप से शुरुआत भी हो गई है पौड़ी के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल खिर्सू में पहाड़ी शैली से बनकर तैयार हुआ सरकारी होमस्टे को उन्नति महिला समूह जिसमें 15 महिलाओं का समूह सारी जिम्मेदारियां उठा रहा है भोजन बनाने से लेकर होमस्टे की देखरेख तक की सारी जिम्मेदारी 15 महिलाओं को सौंपी गई है इस होमस्टे को बासा नाम देने के पीछे मुख्य कारण है कि बासा को गढ़वाली भाषा में रात को रुकना कहा जाता है इसका सामान्य अर्थ है कि जो भी पर्यटक यहां पर रुकना चाहते हैं उनके लिए पहाड़ी शैली से बना हुआ घर और पहाड़ी व्यंजन आसानी से उपलब्ध हो पाएंगे जिसके बाद यहां पर काम करने वाली 15 महिलाओं के परिवार भी आर्थिक रूप से मजबूत हो रहे है।


Body:सरकारी आंकड़ों के अनुसार उत्तराखंड में गढ़वाल मंडल के पौड़ी जनपद में सर्वाधिक पलायन हुआ है और जनपद पौड़ी में स्वरोजगार की मदद से रोजगार देने के लिए लगातार उत्तराखंड सरकार के साथ-साथ जिलाधिकारी भी तेजी से प्रयास कर रहे हैं और इसमें प्रयासों में जनपद पौड़ी में पहला सरकारी होमस्टे बनकर तैयार हो गया है इसकी जिम्मेदारी 15 महिलाओं के समूह को दिया गया है इस समूह की सभी महिलाएं अपनी अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभा रही हैं समूह की महिलाओं ने बताया कि जिलाधिकारी की ओर से उन्हें जो जिम्मेदारी सौंपी गई है उसे पूरी ईमानदारी से निभाएंगे और जो भी पर्यटक यहां पर रुकने आएगा उसे गढ़वाली व्यंजन के साथ-साथ कॉन्टिनेंटल व्यंजन भी उपलब्ध करवाया जाएगा उन्होंने बताया कि आज जिस तरह से पहाड़ों में पलायन हो रहा है और महिलाओं के लिए खेती में भी कुछ खास काम नहीं रह गया है उसके बाद उन्हें होमस्टे चलाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है उससे वह खुद को मजबूत समझ रही है और इसकी मदद से 15 परिवारों का आर्थिकी भरण पोषण भी हो रहा है।



Conclusion:पौड़ी के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल खिर्सू पहुंचे पर्यटक अश्वनी त्यागी ने बताया कि उत्तराखंड के साथ-साथ विभिन्न स्थानों पर घूमे हैं लेकिन पहाड़ी शैली से बने इस होमस्टे में रुक कर उन्हें काफी आनंद महसूस हुआ है साथ ही उन्हें पहाड़ी व्यंजन भी खाने को मिले हैं जो कि किसी भी महंगे से महंगे होटल में नहीं मिल सकते हैं उन्होंने बताया कि पहाड़ों में रोजगार के साधन को लेकर इस तरह के प्रयास काफी सराहनीय है और जिस तरह से इस होमस्टे का पहाड़ी शैली से निर्माण किया गया है यह अपने आप में एक आकर्षण का केंद्र है। महिलाओं की ओर से बनाए जा रहे भोजन लोगों को और आकर्षित करेंगे और महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करेंगे जिला प्रशासन के इस प्रयासों की सराहना करते हुए बताया कि इसी तरह के प्रयासों से संभव है कि पहाड़ से हो रहे पलायन को रोका जाएगा और जिस तरह से 15 परिवारों को एक होमस्टे की मदद से रोजगार मिल रहा है सरकार को इसी तरह के प्रयासों से अन्य परिवारों को भी स्वरोजगार मिल पायेगा।
बाईट-रचना रावत(अध्यक्ष समूह)
बाईट-पिंकी देवी
बाईट- अश्वनी त्यागी (पर्यटक)
Last Updated : Jan 17, 2020, 10:19 AM IST
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