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Pauri Treasury Scam: पौड़ी की ट्रेजरी में भी घोटाला, 15 लाख से ज्यादा का गबन

टिहरी के बाद पौड़ी की ट्रेजरी में घोटाला सामने आया है. कोषागार पौड़ी में सेवारत एक लेखा लिपिक की ओर से पेंशनरों के खातों से 15 लाख से अधिक की धनराशि के गबन का मामला सामने आया है. पुलिस ने लेखा लिपिक के खिलाफ सरकारी धन के गबन और दस्तावेज गायब करने के आरोप में मुकदमा दर्ज (case against treasury account clerk in pauri) कर लिया है और जांच शुरू कर दी है.

Pauri Treasury Scam
पौड़ी की ट्रेजरी
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Published : Jan 10, 2022, 12:09 PM IST

Updated : Jan 10, 2022, 12:15 PM IST

श्रीनगर: मुख्य कोषागार पौड़ी में सेवारत एक लेखा लिपिक की ओर से पेंशनरों के खातों से 15 लाख से अधिक की धनराशि के गबन का मामला सामने आया है. उप-कोषाधिकारी पौड़ी की तहरीर पर पुलिस ने लेखा लिपिक के खिलाफ सरकारी धन के गबन और दस्तावेज गायब करने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर लिया है. मामले की जांच कोतवाल पौड़ी विनोद गुसाईं कर रहे हैं.

बताया जा रहा है कि लेखा लिपिक नितिन तीन से अधिक खातों में लंबे समय से पेंशनरों के खातों से धनराशि डाल रहा था. मुख्य कोषाधिकारी पौड़ी गिरीश चंद्रा ने बताया कि सूचना मिली कि पौड़ी मुख्य कोषागार में धनराशि पेंशनरों के खातों से गबन किया जा रहा है. जिसके बाद विभाग ने जांच में पाया कि तीन से अधिक खातों में अनाधिकृत रूप से धनराशि डाली गई है. उन्होंने बताया कि यह धनराशि लेखा लिपिक नितिन रावत और उप-कोषागार श्रीनगर के एक कार्मिक के अलावा अन्य खातों में जा रही थी.

पौड़ी की ट्रेजरी में भी घोटाला.

पढ़ें: देहरादून के उद्योगपति सुधीर विंडलास के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज, ढूंढ रही है पुलिस

सीटीओ चंद्रा ने बताया कि नितिन रावत की ओर से 15 लाख 36 हजार 362 रुपये के सरकारी धन का गबन किया गया है. साथ ही शासकीय पत्रावलियां भी गायब की हैं. मामले में उप-कोषाधिकारी पौड़ी राजेश कुमार ने पुलिस को तहरीर सौंपी. कोतवाल विनोद गुसाईं ने बताया कि मुख्य कोषागार के लेखा लिपिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. मामले का खुलासा जल्द ही कर लिया जाएगा.

टिहरी की ट्रेजरी में भी हुआ था घपला: नई टिहरी कोषागार में करोड़ों रुपयों का गबन करने वाले सात आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. 29 दिसंबर 2021 को नई टिहरी के सहायक कोषाधिकारी अरविंद चौहान ने नई टिहरी कोतवाली में लेखाकार कोषागार जयप्रकाश शाह, यशपाल सिंह नेगी, पीआरडी जवान सुरेंद्र सिंह पंवार, खाताधारक मनोज कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था.

मामले के तहत आरोप था कि नई टिहरी कोषागार में कार्यरत लेखाकार कोषागार जयप्रकाश शाह, यशपाल सिंह नेगी ने खाता धारकों के साथ मिलकर पिछले कुछ सालों से कोषागार के ई-कोष पोर्टल पर लॉगिन कर पेंशनर्स के डाटा में छेड़छाड़ कर पेंशनर्स के बैंक खातों के स्थान पर स्वयं अपने तथा अपने परिचितों के खातों में फर्जी तरीके से पेंशन व एरियर का भुगतान कर सरकारी धन का गबन किया.

इस मामले पर कोतवाली नई टिहरी में मुकदमा दर्ज किया गया था. प्रथम जांच में घोटाला 2 करोड़ 21 लाख 23 हजार 150 रुपये का पाया गया. जांच के दौरान सोम प्रकाश पुत्र पदम लाल, सागर पुत्र राजकुमार, दीपक पुत्र सूरज सैनी के नाम सबसे पहले प्रकाश में आए. आरोप है कि कोषागार के कर्मचारियों ने इन तीनों खाताधारकों के खाते में रुपये डालकर गबन किया.

ऐसे करते थे गबनः पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वो लोग ज्यादातर उन पेंशन फाइलों को छांटते थे, जिन पेंशनर्स की मृत्यु हो चुकी है. फिर ई-पोर्टल में उनके जीआरडी नंबर पर उन्हें जीवित दर्शा कर उनके खातों और नाम पर अपने परिचितों का खाता नंबर व नाम आदि डाल देते थे. जिसके बाद पेंशनर्स का रुपया उनके परिचितों के खाते में आ जाता था. इसके बाद वो अपने परिचितों को कमीशन के रूप में कुछ रुपये देकर बाकी सारे रुपये वापस ले लेते थे. इस प्रकार धोखाधड़ी के कार्य को अंजाम देते थे.

श्रीनगर: मुख्य कोषागार पौड़ी में सेवारत एक लेखा लिपिक की ओर से पेंशनरों के खातों से 15 लाख से अधिक की धनराशि के गबन का मामला सामने आया है. उप-कोषाधिकारी पौड़ी की तहरीर पर पुलिस ने लेखा लिपिक के खिलाफ सरकारी धन के गबन और दस्तावेज गायब करने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर लिया है. मामले की जांच कोतवाल पौड़ी विनोद गुसाईं कर रहे हैं.

बताया जा रहा है कि लेखा लिपिक नितिन तीन से अधिक खातों में लंबे समय से पेंशनरों के खातों से धनराशि डाल रहा था. मुख्य कोषाधिकारी पौड़ी गिरीश चंद्रा ने बताया कि सूचना मिली कि पौड़ी मुख्य कोषागार में धनराशि पेंशनरों के खातों से गबन किया जा रहा है. जिसके बाद विभाग ने जांच में पाया कि तीन से अधिक खातों में अनाधिकृत रूप से धनराशि डाली गई है. उन्होंने बताया कि यह धनराशि लेखा लिपिक नितिन रावत और उप-कोषागार श्रीनगर के एक कार्मिक के अलावा अन्य खातों में जा रही थी.

पौड़ी की ट्रेजरी में भी घोटाला.

पढ़ें: देहरादून के उद्योगपति सुधीर विंडलास के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज, ढूंढ रही है पुलिस

सीटीओ चंद्रा ने बताया कि नितिन रावत की ओर से 15 लाख 36 हजार 362 रुपये के सरकारी धन का गबन किया गया है. साथ ही शासकीय पत्रावलियां भी गायब की हैं. मामले में उप-कोषाधिकारी पौड़ी राजेश कुमार ने पुलिस को तहरीर सौंपी. कोतवाल विनोद गुसाईं ने बताया कि मुख्य कोषागार के लेखा लिपिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. मामले का खुलासा जल्द ही कर लिया जाएगा.

टिहरी की ट्रेजरी में भी हुआ था घपला: नई टिहरी कोषागार में करोड़ों रुपयों का गबन करने वाले सात आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. 29 दिसंबर 2021 को नई टिहरी के सहायक कोषाधिकारी अरविंद चौहान ने नई टिहरी कोतवाली में लेखाकार कोषागार जयप्रकाश शाह, यशपाल सिंह नेगी, पीआरडी जवान सुरेंद्र सिंह पंवार, खाताधारक मनोज कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था.

मामले के तहत आरोप था कि नई टिहरी कोषागार में कार्यरत लेखाकार कोषागार जयप्रकाश शाह, यशपाल सिंह नेगी ने खाता धारकों के साथ मिलकर पिछले कुछ सालों से कोषागार के ई-कोष पोर्टल पर लॉगिन कर पेंशनर्स के डाटा में छेड़छाड़ कर पेंशनर्स के बैंक खातों के स्थान पर स्वयं अपने तथा अपने परिचितों के खातों में फर्जी तरीके से पेंशन व एरियर का भुगतान कर सरकारी धन का गबन किया.

इस मामले पर कोतवाली नई टिहरी में मुकदमा दर्ज किया गया था. प्रथम जांच में घोटाला 2 करोड़ 21 लाख 23 हजार 150 रुपये का पाया गया. जांच के दौरान सोम प्रकाश पुत्र पदम लाल, सागर पुत्र राजकुमार, दीपक पुत्र सूरज सैनी के नाम सबसे पहले प्रकाश में आए. आरोप है कि कोषागार के कर्मचारियों ने इन तीनों खाताधारकों के खाते में रुपये डालकर गबन किया.

ऐसे करते थे गबनः पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वो लोग ज्यादातर उन पेंशन फाइलों को छांटते थे, जिन पेंशनर्स की मृत्यु हो चुकी है. फिर ई-पोर्टल में उनके जीआरडी नंबर पर उन्हें जीवित दर्शा कर उनके खातों और नाम पर अपने परिचितों का खाता नंबर व नाम आदि डाल देते थे. जिसके बाद पेंशनर्स का रुपया उनके परिचितों के खाते में आ जाता था. इसके बाद वो अपने परिचितों को कमीशन के रूप में कुछ रुपये देकर बाकी सारे रुपये वापस ले लेते थे. इस प्रकार धोखाधड़ी के कार्य को अंजाम देते थे.

Last Updated : Jan 10, 2022, 12:15 PM IST
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