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पौड़ी कैंपस में पीजी पाठ्यक्रम बंद होने का छात्रों ने किया विरोध

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Published : Dec 10, 2019, 3:52 PM IST

Updated : Dec 10, 2019, 4:09 PM IST

छात्रों ने इस मामले में केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय को पत्र भी लिखा है. जिसमें उन्होंने मांग की है कि गढ़वाल विश्वविद्यालय के पौड़ी कैंपस में इन पाठयक्रम को बंद न किया जाएगा.

Garhwal University
पौड़ी कैंपस

पौड़ी: हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से निर्णय लिया गया है कि 10 से कम छात्र संख्या वाले पीजी पाठ्यक्रमों को बंद किया जाए. ये फैसला कुछ समय पहले विश्वविद्यालय परिषद में लिया गया था. इसका सबसे ज्यादा असर पौड़ी कैंपस पर पड़ेगा. क्योंकि, पौड़ी कैंपस में करीब आधा दर्जन पीजी पाठ्यक्रम ऐसे हैं जिनमें छात्रों की संख्या 10 से कम है. इन सभी विभाग के बंद होने के बाद छात्रों को नुकसान होना भी लाजिमी है.

बता दें कि जो कोर्स बंद होंगे उनमें अंग्रेजी, समाजशास्त्र, इतिहास, संस्कृति और भूगोल विभाग है. विश्वविद्यालय प्रशासन के फैसला का छात्र-छात्राओं ने विरोध भी करना शुरू कर दिया है. छात्रों की ओर से केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय को ज्ञापन भेजकर जल्द इस मामले में संज्ञान लेने को कहा है. ताकि पौड़ी परिसर में लगातार घट रही शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आ सके और जो विभाग बंद हो रहे हैं उनको भी रोका जा सके.

छात्रों ने किया विरोध

पढ़ें- शॉर्ट सर्किट से दुकान में लगी आग, बाजार में मची अफरा-तफरी

छात्रों का आरोप है कि गढ़वाल विश्वविद्यालय के पौड़ी कैंपस की हमेशा ही उपेक्षा होती रही है. अब विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से जारी किए गए नए फरमान के बाद छात्र काफी आक्रोशित हैं. पौड़ी परिसर में पहले ही पाठ्यक्रमों की संख्या कम है. वहीं, अब दस से कम छात्र वाले पाठ्यक्रमों को बंद करने का जो फैसला विश्वविद्यालय की ओर से लिया गया है, उसका वह विरोध करते हैं. जिसको लेकर उन्होंने केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय को ज्ञापन भेजकर इसको रोकने की मांग की है.

पढ़ें- भ्रष्टाचार के नाम पर इन्होंने किया उत्तराखंड को बदनाम, नेताजी के 'हथियार' बने घपले-घोटाले

छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय की ओर से छात्रों की संख्या को बढ़ाने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए. यदि विश्वविद्यालय इस आदेश को खारिज नहीं करता है तो सभी छात्र सड़कों पर उतर कर आंदोलन करेंगे.

पौड़ी: हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से निर्णय लिया गया है कि 10 से कम छात्र संख्या वाले पीजी पाठ्यक्रमों को बंद किया जाए. ये फैसला कुछ समय पहले विश्वविद्यालय परिषद में लिया गया था. इसका सबसे ज्यादा असर पौड़ी कैंपस पर पड़ेगा. क्योंकि, पौड़ी कैंपस में करीब आधा दर्जन पीजी पाठ्यक्रम ऐसे हैं जिनमें छात्रों की संख्या 10 से कम है. इन सभी विभाग के बंद होने के बाद छात्रों को नुकसान होना भी लाजिमी है.

बता दें कि जो कोर्स बंद होंगे उनमें अंग्रेजी, समाजशास्त्र, इतिहास, संस्कृति और भूगोल विभाग है. विश्वविद्यालय प्रशासन के फैसला का छात्र-छात्राओं ने विरोध भी करना शुरू कर दिया है. छात्रों की ओर से केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय को ज्ञापन भेजकर जल्द इस मामले में संज्ञान लेने को कहा है. ताकि पौड़ी परिसर में लगातार घट रही शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आ सके और जो विभाग बंद हो रहे हैं उनको भी रोका जा सके.

छात्रों ने किया विरोध

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छात्रों का आरोप है कि गढ़वाल विश्वविद्यालय के पौड़ी कैंपस की हमेशा ही उपेक्षा होती रही है. अब विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से जारी किए गए नए फरमान के बाद छात्र काफी आक्रोशित हैं. पौड़ी परिसर में पहले ही पाठ्यक्रमों की संख्या कम है. वहीं, अब दस से कम छात्र वाले पाठ्यक्रमों को बंद करने का जो फैसला विश्वविद्यालय की ओर से लिया गया है, उसका वह विरोध करते हैं. जिसको लेकर उन्होंने केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय को ज्ञापन भेजकर इसको रोकने की मांग की है.

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छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय की ओर से छात्रों की संख्या को बढ़ाने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए. यदि विश्वविद्यालय इस आदेश को खारिज नहीं करता है तो सभी छात्र सड़कों पर उतर कर आंदोलन करेंगे.

Intro:हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से निर्णय लिया गया है कि 10 से कम छात्र संख्या वाले पीजी पाठ्यक्रमों को बंद किया जाए जिसको लेकर कुछ समय पूर्व विश्वविद्यालय परिषद की एक बैठक में इस प्रस्ताव को पास कर लिया गया है इस प्रस्ताव के पास होने के बाद सबसे अधिक प्रभाव पौड़ी परिसर में पड़ेगा पौड़ी परिसर में करीब आधा दर्जन पीजी पाठ्यक्रम ऐसे हैं जिनमें छात्रों की संख्या 10 से कम है और इन सभी विभाग के बंद होने के बाद छात्रों को नुकसान होना भी लाजमी है। इसमें अंग्रेजी, समाजशास्त्र , इतिहास ,संस्कृति, भूगोल आदि हैं वहीं इस निर्णय का पौड़ी परिसर के छात्र छात्राओं ने विरोध किया है और छात्रों की ओर से केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय को ज्ञापन भेजकर जल्द इस मामले में संज्ञान लेने को कहा है ताकि पौड़ी परिसर में लगातार घट रही शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आ सके और जो विभाग बंद हो रहे हैं उनको भी रोका जा सके।


Body:केंद्र विश्वविद्यालय के तीनों परिसरों में पौड़ी परिसर की हमेशा से ही उपेक्षा होती रही है और अब विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से जारी किए गए फरमान के बाद छात्र काफी आक्रोशित हैं छात्रों ने बताया कि पौड़ी परिसर की हमेशा से ही उपेक्षा की जाती रही है उन्होंने बताया कि पौड़ी परिसर में पहले ही पाठ्यक्रमों की संख्या कम है वहीं 10 से कम छात्र वाले पाठ्यक्रमों को बंद करने का जो फैसला विश्वविद्यालय की ओर से लिया गया है उसका वह पूरी तरह से विरोध करते हैं जिसको लेकर उन्होंने केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय को ज्ञापन भेजकर इसको रोकने की मांग की है उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय की ओर से छात्रों की संख्या को बढ़ाने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए और पौड़ी परिसर में नए विभागों को खोलने के प्रयास किए जाने चाहिए जबकि विश्वविद्यालय की ओर से यहां पर चल रहे विभागों को बंद करने का जो प्रयास किया जा रहा है उसके लिए सभी छात्र इसका विरोध करते हैं यदि विश्वविद्यालय इस आदेश को खारिज नहीं करता है तो सभी छात्र सड़कों पर उतर कर आंदोलन करेंगे।
बाईट-मोहित(छात्र)


Conclusion:
Last Updated : Dec 10, 2019, 4:09 PM IST
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