हल्द्वानी: काठगोदाम-हैड़ाखान मार्ग (Kathgodam Hadakhan road blocked) पिछले 12 दिनों से बंद है. जिसके चलते ग्रामीणों को परेशानी हो रही है. ग्रामीणों की परेशानी को देखते हुए यहां वैकल्पिक मार्ग (Alternative arrangement Kathgodam Haidakhan route) बनाया जा रहा है. यह मार्ग जमरानी के पास गौला नदी में ह्यूंम पाइप डालकर रौसिल गांव तक बनाया जाएगा. जमरानी से रौसिल तक की दूरी करीब 4 किलोमीटर की होगी. उम्मीद जताई जा रही है की यह मार्ग अगले 2-3 दिन में बनकर तैयार हो जायेगा. जिससे फिलहाल छोटी गाड़ियां आवाजाही कर सकेंगी.
वहीं, आज जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल बीआरओ की टीम ने मौके का निरीक्षण करते हुए कहा कि जिस तरह से लैंडस्लाइड हुआ है, उसको खोलना आसान नहीं होगा. पहाड़ी से लगातार मलबा सड़क पर आ रहा है, भूगर्भीय दृष्टि से पहाड़ पूरी तरह से कमजोर हो गया है. ऐसे में बीआरओ की देखरेख में अब सड़क खोलने का काम किया जाएगा.
डीएम ने कहा कि पहली प्राथमिकता है कि ग्रामीणों के आवागमन के लिए वैकल्पिक रास्ता तैयार करें. जिससे कि लोगों कोई परेशानी नहीं उठाना पड़े. डीएम ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में किसी भी तरह का कोई राशन की कमी नहीं है. ग्रामीणों को रास्ता सहित अन्य सुविधा पहुंचाने के लिए दूसरे मार्ग का प्रयोग किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि बीआरओ की टीम के साथ लोक निर्माण विभाग काम करेगा जिससे कि सड़क निर्माण में किसी तरह की कोई दिक्कत ना आए.
बता दें कि बीते शुक्रवार को केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट (Union Minister of State for Defense Ajay Bhatt) के स्थलीय निरीक्षण के बाद वैकल्पिक मार्ग बनाये जाने की कवायद तेज हो गई है. अजय भट्ट ने कहा कि स्थायी समाधान के लिये प्रयास जारी हैं. जिसको लेकर अधिकारियों से भी बातचीत की जा रही है.
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ग्रामीणों का कहना है कि यदि जमरानी गौला नदी से रौसिल तक अस्थाई रास्ता बन जाता है, तो ग्रामीणों को फिलहाल राहत मिल सकती है. काठगोदाम-हैड़ाखान मार्ग बंद होने से लगभग 120 गांवों का आवागमन प्रभावित हो गया है. लोगों को लंबी दूरी पैदल तय करनी पड़ रही है. इलाके में गैस सिलेंडर बहुत महंगे दाम में पहुंच पा रहा है. वहीं सब्जियों और आवश्यक वस्तुओं की कीमतें आसमान पर पहुंच गई हैं
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15 किलोमीटर पैदल चलना पड़ रहा है: हल्द्वानी और बाहर से आने जाने वाले लोग पैदल ही अपने गंतव्य की ओर जा रहे हैं. काठगोदाम हल्द्वानी से रौसिल, मटेला, खनस्यू हरीशताल जाने वाले लोगों को 10 से 15 किलोमीटर का पैदल सफर जंगल के रास्ते से तय करना पड़ रहा है. सड़क बंद होने के बाद ग्रामीणों को मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं. ग्रामीणों का कहना है जनप्रतिनिधियों से लेकर प्रशासन सब इस मामले में उदासीन हैं. जिसके कारण अगले कई दिनों तक सड़क खुलने की कोई भी उम्मीद नजर नहीं आ रही है. कई लोग ऐसे हैं जिनके घरों में शादियां हैं. कुछ लोगों को गांव से नौकरी के चक्कर में रोज हल्द्वानी आना पड़ता है. सभी को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.