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पुलिस की बड़ी लापरवाही, बिना फॉरेंसिक जांच के आखिर कैसे खुलेंगे मौत के राज?

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Published : Mar 31, 2021, 5:41 PM IST

पिछले 10 सालों से अज्ञात और संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौतों के लगभग 450 से अधिक बिसरा राजकीय मेडिकल कॉलेज के पोस्टमार्टम हाउस में पड़े हैं, जिनमें कई मौतों के राज छिपे हैं, लेकिन पुलिस प्रशासन इस मामले का संज्ञान नहीं ले रहा है.

Haldwani
पोस्टमार्टम हाउस में लावारिस पड़ी हैं बिसरा

हल्द्वानी: शहर के राजकीय मेडिकल कॉलेज के पोस्टमार्टम हाउस में अज्ञात शवों के अलावा संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौतों की बिसरा पिछले एक साल से बड़ी तादात में रखे हैं, जिनमें कई मौतों के राज छिपे हैं, लेकिन आज तक इन मौतों के राज से पर्दा नहीं उठ सका है. क्योंकि अज्ञात और संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के शवो के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है. बताया जा रहा है कि 450 से अधिक बिसरा की रिपोर्ट पिछले 10 सालों से मेडिकल कॉलेज में धूल खा रही हैं, जिनमें बहुत सी बिसरा अब तक खराब भी हो चुकी हैं, लेकिन इनका निस्तारण अभीतक नहीं हुआ है.

आखिर कैसे खुलेंगे मौत के राज.

जानकारी के मुताबिक, बिसरा हर लावारिस और संदिग्ध मौतों के मामले में शरीर के आंतरिक अंग फेफड़े, हृदय, आमाशय, आंख, ब्रेन और किडनी के कुछ भाग निकालकर सैचुरेटेड ऑफ कॉमन सॉल्ट में डालकर सुरक्षित रखा जाता है, ताकि भविष्य में जरूरत पड़ने पर इसे जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेज कर मौत के कारणों का पता लगाया जा सके. पोस्टमार्टम के बाद बिसरा निकालकर उक्त घटना की जांच रिपोर्ट पुलिस को भेज दिया जाता है, जिससे कि उक्त बिसरे को आगरा देहरादून और रुद्रपुर फॉरेंसिक लैब में जांच हो सके, लेकिन पुलिस की लापरवाही की वजह से बिसरा आज भी वहीं पड़े हुए हैं.

ये भी पढ़ें: उपलब्धिः एम्स ने किया तीन बच्चों के दिल का सफल बीडी ग्लेन ऑपरेशन

वहीं, राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य चंद्र प्रकाश भैसोड़ा का कहना है कि अस्पताल प्रशासन की ओर से इस मामले में जिलाधिकारी और पुलिस प्रशासन से कई बार पत्राचार कर अवगत कराया गया है, लेकिन विभाग मेडिकल कॉलेज में रखे अज्ञात व लावारिस शवों के बिसरा आज भी रखे हुए है. उन्होंने बताया कि अधिकतर बिसरा मेडिकल कॉलेज चौकी के हैं. ये बिसरा पिछले कई सालों से पोस्टमार्टम हाउस में धूल फांक रहे हैं, लेकिन पुलिस इसे जाने की जहमत नहीं उठा रही है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि अज्ञात और संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के राज से पुलिस कबतक पर्दा उठाएगी.

हल्द्वानी: शहर के राजकीय मेडिकल कॉलेज के पोस्टमार्टम हाउस में अज्ञात शवों के अलावा संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौतों की बिसरा पिछले एक साल से बड़ी तादात में रखे हैं, जिनमें कई मौतों के राज छिपे हैं, लेकिन आज तक इन मौतों के राज से पर्दा नहीं उठ सका है. क्योंकि अज्ञात और संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के शवो के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है. बताया जा रहा है कि 450 से अधिक बिसरा की रिपोर्ट पिछले 10 सालों से मेडिकल कॉलेज में धूल खा रही हैं, जिनमें बहुत सी बिसरा अब तक खराब भी हो चुकी हैं, लेकिन इनका निस्तारण अभीतक नहीं हुआ है.

आखिर कैसे खुलेंगे मौत के राज.

जानकारी के मुताबिक, बिसरा हर लावारिस और संदिग्ध मौतों के मामले में शरीर के आंतरिक अंग फेफड़े, हृदय, आमाशय, आंख, ब्रेन और किडनी के कुछ भाग निकालकर सैचुरेटेड ऑफ कॉमन सॉल्ट में डालकर सुरक्षित रखा जाता है, ताकि भविष्य में जरूरत पड़ने पर इसे जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेज कर मौत के कारणों का पता लगाया जा सके. पोस्टमार्टम के बाद बिसरा निकालकर उक्त घटना की जांच रिपोर्ट पुलिस को भेज दिया जाता है, जिससे कि उक्त बिसरे को आगरा देहरादून और रुद्रपुर फॉरेंसिक लैब में जांच हो सके, लेकिन पुलिस की लापरवाही की वजह से बिसरा आज भी वहीं पड़े हुए हैं.

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वहीं, राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य चंद्र प्रकाश भैसोड़ा का कहना है कि अस्पताल प्रशासन की ओर से इस मामले में जिलाधिकारी और पुलिस प्रशासन से कई बार पत्राचार कर अवगत कराया गया है, लेकिन विभाग मेडिकल कॉलेज में रखे अज्ञात व लावारिस शवों के बिसरा आज भी रखे हुए है. उन्होंने बताया कि अधिकतर बिसरा मेडिकल कॉलेज चौकी के हैं. ये बिसरा पिछले कई सालों से पोस्टमार्टम हाउस में धूल फांक रहे हैं, लेकिन पुलिस इसे जाने की जहमत नहीं उठा रही है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि अज्ञात और संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के राज से पुलिस कबतक पर्दा उठाएगी.

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