रामनगर: पूरा देश इन दिनों आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. लेकिन आज भी उत्तराखंड के कई ऐसे गांव जो बुनियादी सुविधाओं के लिए वर्षों से विकास की बाट जोह रहा है. प्रदेश के कुमाऊं और गढ़वाल को जोड़ने वाली सड़कों की हालत जर्जर है. जिसको लेकर कई समाजसेवी लोग रामनगर से पैदल 3 दिन और 3 रातों की सल्ट के भिकियासैंण तक पदयात्रा पर निकले हैं.
सड़क की मांग को लेकर पदयात्रा: बता दें कि कुमाऊं और गढ़वाल को जोड़ने वाली सड़कों की जर्जर स्थिति से नाराज होकर कई सामाजिक कार्यकर्ता तीन दिवसीय पैदल यात्रा पर निकले हैं. इस दौरान ये लोग रामनगर से पैदल 3 दिन और 3 रातों की सल्ट के भिकियासैंण तक पदयात्रा करेंगे. वहीं, पैदल यात्रा में शामिल सल्ट क्षेत्र के पूर्व जिला पंचायत सदस्य नारायण सिंह ने कहा अब तक की सरकारों ने जनता को छलने का कार्य किया है. रामनगर नेशनल हाईवे 309 पर स्थित मोहान क्षेत्र से कुमाऊं और गढ़वाल की सड़कों की हालात जर्जर हो चुकी है.
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कुमाऊं गढ़वाल जंक्शन की सड़कें खस्ताहाल: पदयात्रा पर निकले समाजसेवी लोगों ने कहा एक समय था, जब रामनगर में कुमाऊं और गढ़वाल का प्रवेश द्वारा पर दोनों मंडलों की सबसे बड़ी मंडी हुआ करती थी. उसके साथ ही चारधाम की यात्रा की भी यहीं से शुरुआत होती थी. लेकिन आज कई वर्षों से सड़कों की हालात खराब होने की वजह से ये सब दूसरी जगह शिफ्ट होते जा रहा है. हम सरकार को पद यात्रा के माध्यम से चेताना चाहते हैं कि वे अपना निकम्मापन छोड़ कर सड़कों का निर्माण करे. आज तक चाहे किसी की भी सरकार रही हो, हमें वादों के अलावा कुछ नहीं मिला. अगर फिर भी सरकार नहीं चेती तो हम मुख्यमंत्री आवास के बाहर धरना प्रदर्शन करेंगे.