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सुखी नदी ने लिया अचानक रौद्र रूप, काकड़ और गाय बही, रेस्क्यू कर ग्रामीणों को बचाया

गौलापार के विजयपुर गांव में सुखी नदी का अचानक जलस्तर बढ़ गया. जिससे दर्जनभर ग्रामीण कई घंटे तक नदी के किनारे फंस गए. नदी के बहाव में एक जंगली काकड़ और गाय भी बह गए. वहीं, जल पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद उन्हें सुरक्षित नदी पार कराया.

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Published : Sep 1, 2019, 11:26 PM IST

Updated : Sep 1, 2019, 11:40 PM IST

हल्द्वानीः उत्तराखंड में मानसून चरम पर है. ऐसे में प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश हो रही है. पहाड़ों पर बारिश होने से मैदानी इलाकों में नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है. गौलापार के सुखी नदी का जलस्तर बढ़ने से विजयपुर के दर्जन भर ग्रामीण फंस गए. मौके पर जल पुलिस को बुलानी पड़ी. जिसके बाद पुलिस ने रेस्क्यू कर सभी को सकुशल बाहर निकाला.

sukhi river
रेस्क्यू अभियान चलाती जल पुलिस की टीम.

जानकारी के मुताबिक, गौलापार के विजयपुर गांव में सुखी नदी का अचानक जलस्तर बढ़ गया. जिससे दर्जनभर ग्रामीण कई घंटे तक नदी के किनारे फंस रहे. ग्रामीण नदी के जलस्तर कम होने का इंतजार करते रहे, लेकिन नदी का बहाव कम नहीं हुआ. मौके पर मौजूद लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी. सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची जल पुलिस की टीम ने नदी किनारे फंसे हुए ग्रामीणों को नदी के दूसरे किनारे तक पहुंचाने का काम शुरू किया. इस दौरान जवानों ने बुजुर्गों और महिलाओं को अपने कंधे पर उठाकर नदी पार कराया.

सुखी नदी का जलस्तर बढ़ने से फंसे दर्जनभर ग्रामीण.

ये भी पढे़ंः रुद्रप्रयागः पहाड़ी दरकने से एक व्यक्ति की मौत, तीन लोग घायल

ग्रामीणों का कहना है कि इस बरसात के सीजन में पहली बार सुखी नदी का रौद्र रूप देखने को मिला है. नदी के बहाव में एक जंगली काकड़ और गाय भी बह गए. साथ ही कहा कि पुल नहीं होने के कारण उन्हें अक्सर अपनी जान जोखिम में डालकर नदी पार करना पड़ता है. उन्होंने कहा कि ग्रामीण बीते कई सालों से सुखी नदी पर पुल बनाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार मामले को लेकर गंभीर नहीं है. ऐसे में इसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ता है. वहीं, प्रशासन ने बरसात के दौरान नदी-नालों से दूर रहने की हिदायत दी है.

हल्द्वानीः उत्तराखंड में मानसून चरम पर है. ऐसे में प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश हो रही है. पहाड़ों पर बारिश होने से मैदानी इलाकों में नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है. गौलापार के सुखी नदी का जलस्तर बढ़ने से विजयपुर के दर्जन भर ग्रामीण फंस गए. मौके पर जल पुलिस को बुलानी पड़ी. जिसके बाद पुलिस ने रेस्क्यू कर सभी को सकुशल बाहर निकाला.

sukhi river
रेस्क्यू अभियान चलाती जल पुलिस की टीम.

जानकारी के मुताबिक, गौलापार के विजयपुर गांव में सुखी नदी का अचानक जलस्तर बढ़ गया. जिससे दर्जनभर ग्रामीण कई घंटे तक नदी के किनारे फंस रहे. ग्रामीण नदी के जलस्तर कम होने का इंतजार करते रहे, लेकिन नदी का बहाव कम नहीं हुआ. मौके पर मौजूद लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी. सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची जल पुलिस की टीम ने नदी किनारे फंसे हुए ग्रामीणों को नदी के दूसरे किनारे तक पहुंचाने का काम शुरू किया. इस दौरान जवानों ने बुजुर्गों और महिलाओं को अपने कंधे पर उठाकर नदी पार कराया.

सुखी नदी का जलस्तर बढ़ने से फंसे दर्जनभर ग्रामीण.

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ग्रामीणों का कहना है कि इस बरसात के सीजन में पहली बार सुखी नदी का रौद्र रूप देखने को मिला है. नदी के बहाव में एक जंगली काकड़ और गाय भी बह गए. साथ ही कहा कि पुल नहीं होने के कारण उन्हें अक्सर अपनी जान जोखिम में डालकर नदी पार करना पड़ता है. उन्होंने कहा कि ग्रामीण बीते कई सालों से सुखी नदी पर पुल बनाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार मामले को लेकर गंभीर नहीं है. ऐसे में इसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ता है. वहीं, प्रशासन ने बरसात के दौरान नदी-नालों से दूर रहने की हिदायत दी है.

Intro:sammry- गौलापार के सुखी नदी के उस पार दर्जनों ग्रामीण फंसे पुलिस के जवान बने देवदूत।( इस खबर के विजुअल को व्हाट्सएप से उठाएं)

एंकर- उत्तराखंड में मानसून ने एक बार फिर दस्तक दे दी है मौसम विभाग के अलर्ट का असर नैनीताल जिले के हल्द्वानी स्थित गौलापार के विजयपुर गांव में देखने को मिला है जहां आज सुखी नदी ने इस बरसात के सीजन में पहली बार रौद्र रूप धारण किया जिसके चलते विजयपुर गांव के दर्जनों ग्रामीण नदी के पार कई घंटे तक फंसे रहे। नदी के बहाव में एक जंगली काकड़ और गाय भी नदी के तेज बहाव में बह गए। यही नहीं नदी के पार फंसे दर्जनों ग्रामीण को सुरक्षित घर पहुंचाने के लिए जल पुलिस के जवान देवदूत बने और रस्सी और कंधे पर बिठाकर ग्रामीणों को नदी पार कराया।


Body:हल्द्वानी स्थित गौलापार की विजयपुर गांव उफ़नती और अपना रौद्र रूप अपनाती सूखी नदी जिसके किनारे दर्जनों की संख्या में ग्रामीण नदी के किनारे फस गए जो पिछले कई घंटे तक नदी के किनारे फंसे रहे और नदी के भाव काम होने का इंतजार करते रहे थे लेकिन नदी का बहाव कम नहीं हुआ काफी देर के बाद उत्तराखंड जल पुलिस के जवान सूखी नदी पहुंचे और उनके बाद नदी किनारे फंसे हुए ग्रामीणों को नदी के दूसरे किनारे तक पहुंचाने का काम शुरू किया ।किसी तरह से जल पुलिस के जवान देवदूत बन बुजुर्गों और महिलाओं को नदी पार कराया। वीडियो में साफ देखा जा रहा है कि महिलाओं को जल पुलिस के जवानों ने अपने कंधे पर रखकर नदी पार करा रहे हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि इस बरसात के सीजन में पहली बार सुखी नदी ने अपना रौद्र रूप धारण किया है। नदी पर पुल नहीं होने के चलते उनको अक्सर अपनी जान जोखिम में डालकर नदी पार करना पड़ता है।

बाइट - ग्रामीण
बाइट-ग्रमीण


Conclusion:सुखी नदी में फंसे ग्रामीणों के मामले में जिला प्रशासन का कहना है कि उनके द्वारा जल पुलिस और राजस्व विभाग की टीमों को मौके पर जाने के निर्देश दिए गए थे जिसके बाद जल पुलिस और राजस्व विभाग की टीम मौके पर पहुंची और फंसे हुए लोगों को नदी पार कराया। प्रशासन का कहना है कि नदी के उफान के दौरान ग्रामीणों से अपील की गई है कि नदी को पार ना करें और नदी की धारा कम होने के बाद ही नदी को पार करें।

बाइट- विवेक राय हल्द्वानी

गौरतलब है कि आजादी के समय से बसा विजयपुर गांव के ग्रामीण पिछले कई सालों से सूखी नदी पर पुल बनाने की मांग कर रहे हैं लेकिन कई सरकारें आई और चली गई लेकिन नदी पर पुल नहीं बन पाया।
Last Updated : Sep 1, 2019, 11:40 PM IST
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