रामनगर: ग्राम सुंदरखाल को राजस्व गांव बनाने एवं मूलभूत सुविधाएं देने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने विधायक दीवान सिंह बिष्ट के आवास का घेराव किया. इस दौरान ग्रामीणों के समर्थन में आए आप के प्रदेश उपाध्यक्ष शिशुपाल रावत के साथ विधायक की तीखी नोकझोंक भी हुई.
डॉ. भीमराव आंबेडकर अनुसूचित जाति पर्वती भूमिहीन शिल्पकार समिति सुंदरखाल के संरक्षक रेवी राम के नेतृत्व में ग्रामीणों ने सुंदरखाल को राजस्व गांव बनाने की मांग की. साथ ही मूलभूत सुविधाएं देने की मांग की. इस दौरान ग्रामीणों ने रामनगर विधायक दीवान सिंह बिष्ट के आवास का घेराव और धरना प्रदर्शन किया. वहीं, ग्रामीणों के समर्थन में आए आम आदमी पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष शिशुपाल रावत से विधायक की तीखी नोकझोंक हुई. मौके पर पहुंची पुलिस ने बीच-बचाव किया.
समिति संरक्षक रेवी राम ने कहा कांग्रेस और भाजपा ने हमेशा ठगने का काम किया है, लेकिन इस बार ग्रामीण उनके बहकावे में नहीं आएंगे. अगर हमारी मांगें पूरी नहीं हुईं तो ग्रामीण आत्मदाह जैसे कदम उठाने से भी पीछे नहीं हटेंगे. मांगों को लेकर संघर्ष तेज करते हुए आमरण अनशन भी शुरू किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सुंदरखाल इलाके में रह रहे एक ग्रामीण को कई वर्षों पहले सारी सुविधाएं दी गई थी, लेकिन जो सैकड़ों ग्रामीण इस गांव में 50 साल से रह रहे हैं, उन्हें सुविधाओं से वंचित रखा जा रहा है.
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मामले में विधायक दीवान सिंह बिष्ट ने कहा सरकार वन ग्रामों को लेकर पूरी तरह कटिबद्ध है. कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युतीकरण, सड़क और विद्यालयों का कार्य हो पूरा चुका है. पानी की व्यवस्था भी कर दी गई है, लेकिन जो गांव इन सुविधाओं से वंचित रह गए हैं. वहां भी सभी सुविधाएं पहुंचाने को लेकर सरकार पूरी तरह मुस्तैद हैं. कुछ बाहरी नेता ग्रामीणों को बरगला कर अपनी राजनीति चमका रहे हैं. आज जब चुनाव के 3 महीने रह गए हैं. तब यह नेता घर से बाहर निकल रहे हैं. आज तक यह सब गायब थे.
उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि वह अपने आंदोलन को किसी बाहरी व्यक्ति के हाथों में न सौंपें. ग्रामीणों के प्रदर्शन को लेकर एसडीएम गौरव चटवाल एवं सीओ बलजीत सिंह भाकुनी भी पुलिस बल के साथ विधायक आवास पर मौजूद रहे. वहीं, आप प्रदेश उपाध्यक्ष शिशुपाल रावत ने कहा कि 24 वनग्राम रामनगर क्षेत्र में आते हैं. सुंदरखाल क्षेत्र की जनता 10 दिनों से एसडीएम कार्यालय में धरने पर बैठी हुई है. आज विधायक आवास का घेराव का कार्यक्रम था. ग्रामीणों ने मुझे भी आमंत्रित किया था.
शिशपाल ने कहा मैंने विधायक से सिर्फ इतना कहा कि जनता की सुविधाओं को लेकर विधानसभा में आपने आजतक किसी भी प्रकार की आवाज उठाई है तो उसकी वीडियो क्लिप हमें उपलब्ध करा दीजिए. इतने में विधायक भड़क गए. उन्होंने कहा विधायक ने आज तक विधानसभा से केवल अपनी सैलरी ली है और विधायकी का कॉलम भरने के अलावा कुछ नहीं किया.
राजस्व गांव होने से फायदा: वन ग्राम होने से गांव कई मुलभूत सुविधाओं से वंचित रह जाता है. वहीं, राजस्व गांव का विस्थापन नहीं होगा. सभी सरकारी योजनाओं का लाभ मिलता है. गांव के विकास में तेजी आएगी. राजस्व गांव बनने के बाद यहां जमीन खरीद और बेची जा सकती है.