रामनगरः कॉर्बेट पार्क के ढेला गांव को ईको सेंसिटिव जोन से बाहर नहीं करने पर ग्रामीणों में भारी आक्रोश है. इसी कड़ी में ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए कार्बेट पार्क का झिरना जोन बंद कर दिया. जिससे कॉर्बेट में जानवरों का दीदार करने के पहुंचे पर्यटकों को मायूस होना पड़ा. पर्यटकों ने कॉर्बेट प्रशासन को इसका जिम्मेदार ठहराया.
रविवार को ढेला वन चौकी में नवनिर्वाचित ब्लॉक प्रमुख रेखा रावत के नेतृत्व में ग्रामीणों ने सुबह ही झिरना गेट बंद कर दिया. इस दौरान ग्रामीणों ने कहा कि पार्क प्रशासन ने हक हकूक छिनने के लिए गांव को ईको सेंसिटिव जोन में शामिल किया है. बीते कई सालों से गांव में निवास कर रहे लोगों को पार्क प्रशासन घर छोड़ने को मजबूर कर रहा है. जिसके विरोध में उन्होंने पार्क का झिरना जोन बंद कर दिया है.
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कॉर्बेट और स्थानीय प्रशासन के ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि आगामी 27 नवंबर को वनमंत्री से बातचीत की जाएगी. जिसके बाद ग्रामीणों ने अपना धरना 27 तारीख तक के लिए स्थगित कर दिया है. रामनगर के उप जिलाधिकारी हर गिरी गोस्वामी ने बताया कि वन मंत्रालय से बात करने के बाद ही स्थिति को स्पष्ट किया जाएगा. आगामी 27 तारीख तक वन मंत्री से वार्तालाप होने के बाद स्थिति साफ हो पाएगी.
उधर, कॉर्बेट पार्क के झिरना गेट बंद होने से सुबह से ही पर्यटक मायूस दिखे. पर्यटकों ने कहा कि वीकेंड पर वे कॉर्बेट में जानवरों का दीदार करने के लिए आए हुए थे, लेकिन ग्रामीणों ने रास्ता रोक लिया. ऐसे में उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.