रामनगर: वन्यजीवों के आतंक से परेशान ग्रामीणों ने गुरुवार को जिम कॉर्बेट पार्क प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पर्यटकों के लिए झिरना व ढेला जोन बंद कर दिया था. जिससे कारण पर्यटकों को भी खासी परेशानी का सामना करना पड़ा. इस दौरान पुलिस और ग्रामीणों के बीच नोकझोंक भी हुई.
झिरना व ढेला रेंज में पड़ने वाले कई गांव बीते कई सालों से जंगली जानवरों के आतंक का शिकार हो रहे हैं. हाथी, लेपर्ड, बाघ, बंदर समेत अन्य जंगली जानवर खेतों में जहां फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं तो वहीं रिहायशी इलाकों में मवेशियों और इंसानों को अपना शिकार बनाने की फिराक में रहते हैं. ग्रामीण कई बार वन विभाग से जंगली जानवरों के आतंक से निजात दिलाने की मांग कर चुके हैं, लेकिन वन विभाग ने इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया. आखिर में उन्होंने उच्च अधिकारियों तक अपनी बात पहुंचाने के लिए विरोध प्रदर्शन का रास्ता लिया.
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इसी के तहत गुरुवार को ग्रामीणों ने कॉर्बेट पार्क की झिरना व ढेला रेंज का रास्ता पर्यटकों के लिए बंद कर दिया. रास्ता बंद होने की सूचना मिलते ही पुलिस और वन विभाग के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे. इस दौरान ग्रामीणों और पुलिस के बीच थोड़ी नोकझोंक भी हुई.
ग्रामीण आनंद नेगी ने कहा कि उन्होंने कई बार कॉर्बेट प्रशासन से जानवरों के आतंक से बचाने के गुहार लगाई है. लेकिन किसी ने उनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया. हालात ये है कि शाम होते ही जंगली जानवर घरों के आंगन में आ जाते हैं. ग्रामीणों का घरों से बाहर निकलना दूभर हो गया है. जान माल का खतरा बना रहता वो अलग. अगर अगर कॉर्बेट प्रशासन ने कोई उनकी समस्या का कोई स्थायी समाधान नहीं निकाला तो यह आंदोलन आगे भी चलता रहेगा.
पर्यटक भी हुए परेशान
वहीं, रास्ता बंद होने कारण पर्यटकों को भी थोड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. दिल्ली आई पर्यटक सुनीता बंसल ने कहा कि उन्हें दिल्ली अपने भांजे की शादी में पहुंचना था, लेकिन यहां पर ग्रामीणों ने किसी समस्या को लेकर रास्ता रोका हुआ है. दिल्ली में उनका परिवार इंतजार कर रहा है. पर्यटक को परेशान करना सही नहीं.
अधिकारियों का बयान
कॉर्बेट पार्क के वार्डन आरके तिवारी ने कहा कि उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में ईडीसी का गठन किया गया है. जिसके तहत गांव जंगल के किनारों में सोलर फेंसिंग वगैरह लगाई गई है. जिन इलाकों में फेंसिंग नहीं लगी वहां ही जल्द लगाई जाएंगी. साथ ही लगातार इलाके में पेट्रोलिंग भी की जा रही है. फसल की क्षति का जो मुआवजा दिया जा रहा है, उसकी धनराशि भी बढ़ाई जाएगी.