हल्द्वानी: उत्तराखंड परिवहन विभाग (रोडवेज) लंबे समय से करोड़ों के घाटे में चल रहा है. विभाग बजट के अभाव में परिवहन विभाग नयी बसें और न ही खराब बसों के लिए स्पेयर पार्ट खरीद पा रहा है. अभाव में विभाग की बसें जहां-तहां खराब खड़ी हैं.
उत्तराखंड को बने 18 साल से अधिक का समय हो चुके हैं, लेकिन पर्वतीय क्षेत्रों के यातायात की समस्या का अबतक समाधान नहीं हो पाया है. यहां मुख्य संसाधन परिवहन विभाग की बसें हैं, लेकिन विभाग की हालत इतनी खराब है कि खराब बस भी रिपयेर नहीं हो पा रही हैं. परिवहन विभाग का घाटा चार करोड़ के आसपास पहुंच चुका है. ऐसी हालत में भी परिवहन विभाग के कर्मचारी वेतन वृद्धि सहित कई अन्य मांगों को लेकर बार-बार हड़ताल की धमकी दे रहे हैं.
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पहाड़ों की लाइफ लाइन कहलाने वाली रोडवेज की बसें खस्ताहाल स्थिति में है. यूं तो प्रदेश में 1400 के करीब बस परिवहन विभाग के बेड़े में शामिल हैं, लेकिन इनमें से अधिकतर बसें खटारा हो चुकी हैं. कई सालों से विभाग के बेड़े में कोई नई बसें शामिल नहीं हुई हैं.
परिवहन मंत्री यशपाल आर्य ने बताया कि विभाग घाटे में चला गया है. इससे उभरना काफी बड़ी समस्या है. मंत्री ने बताया कि 300 नई बसों को शामिल करने के लिए काम शुरू कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि अगस्त तक 100 बसों को बेड़े में शामिल करने की पूरी कोशिश की जा रही है, जिससे परिवहन की व्यवस्था में कुछ सुधार होगा.