ETV Bharat / state

फर्जी बिल घोटाला: HC ने सरकार से मांगा जवाब, CM की फ्लीट में लगाए वाहनों से जुड़ा है मामला - गाड़ियों का फर्जी बिल

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने फर्जी बिल घोटाले पर सरकार से जवाब मांगा है. 2009-2013 के बीच सीएम की फ्लीट में लगाई गाड़ियों का फर्जी बिल तैयार कर 1 करोड़ 43 लाख रुपये के करीब भुगतान लिया गया.

NAINITAL
नैनीताल
author img

By

Published : Dec 23, 2021, 10:20 PM IST

नैनीतालः वर्ष 2009 से 2013 के बीच उत्तराखंड में हुई फर्जी बिल घोटाले का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है. कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए राज्य सरकार, स्वास्थ्य महानिदेशक, निदेशक स्वास्थ्य, टिहरी, हरिद्वार, देहरादून के सीएमओ और एसएसपी को नोटिस जारी कर 4 हफ्ते में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं.

मामले के मुताबिक, देहरादून निवासी शांति प्रसाद भट्ट ने याचिका दाखिल की है. उनका कहना है कि 2009 से 2013 के बीच मुख्यमंत्री कार्यालय के कुछ लोगों की मिलीभगत से सीएम की फ्लीट में गाड़ियां लगाई गई. इन वाहनों का फर्जी बिल तैयार कर 1 करोड़ 43 लाख रुपये के करीब भुगतान लिया गया.

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड HC के चीफ जस्टिस राघवेंद्र सिंह चौहान सेवानिवृत्त हुए

वहीं, इस घपले की जांच हुई, अधिकारियों तक भी शक की सुई भी पहुंची. लेकिन अब तक केवल ट्रैवल एजेंसी पर मुकदमा दर्ज किया गया है. याचिका में पूरे मामले की निष्पक्ष जांच के साथ घपले के जिम्मेदार लोगों पर आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की गई है. मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान व न्यायमूर्ति एनएस धानिक की खंडपीठ में हुई.

नैनीतालः वर्ष 2009 से 2013 के बीच उत्तराखंड में हुई फर्जी बिल घोटाले का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है. कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए राज्य सरकार, स्वास्थ्य महानिदेशक, निदेशक स्वास्थ्य, टिहरी, हरिद्वार, देहरादून के सीएमओ और एसएसपी को नोटिस जारी कर 4 हफ्ते में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं.

मामले के मुताबिक, देहरादून निवासी शांति प्रसाद भट्ट ने याचिका दाखिल की है. उनका कहना है कि 2009 से 2013 के बीच मुख्यमंत्री कार्यालय के कुछ लोगों की मिलीभगत से सीएम की फ्लीट में गाड़ियां लगाई गई. इन वाहनों का फर्जी बिल तैयार कर 1 करोड़ 43 लाख रुपये के करीब भुगतान लिया गया.

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड HC के चीफ जस्टिस राघवेंद्र सिंह चौहान सेवानिवृत्त हुए

वहीं, इस घपले की जांच हुई, अधिकारियों तक भी शक की सुई भी पहुंची. लेकिन अब तक केवल ट्रैवल एजेंसी पर मुकदमा दर्ज किया गया है. याचिका में पूरे मामले की निष्पक्ष जांच के साथ घपले के जिम्मेदार लोगों पर आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की गई है. मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान व न्यायमूर्ति एनएस धानिक की खंडपीठ में हुई.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.