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रुड़की मेयर गौरव गोयल को उत्तराखंड हाईकोर्ट का अवमानना नोटिस, चार हफ्ते में मांगा जवाब - अवमानना नोटिस जारी किया

रुड़की नगर निगम के मेयर गौरव गोयल (Roorkee Mayor Gaurav Goyal) को उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं करना भारी पड़ गया. कोर्ट ने रुड़की मेयर गौरव गोयल (Roorkee Municipal Corporation) को अवमानना नोटिस जारी किया है.

Uttarakhand High Court
उत्तराखंड हाईकोर्ट
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Published : Apr 21, 2022, 3:24 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट (Uttarakhand High Court) ने पूर्व के आदेश का पालन नहीं करने पर रुड़की नगर निगम के मेयर गौरव गोयल (Roorkee Mayor Gaurav Goyal) को अवमानना नोटिस जारी किया (contempt notice to Roorkee Mayor) है. कोर्ट ने रुड़की मेयर गौरव गोयल (Roorkee Municipal Corporation) को चार हफ्तों में जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं. मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में हुई.

मामले के अनुसार रुड़की निवासी सुबोध गुप्ता ने अवमानना याचिका दायर कर कहा है कि दिसंबर 2021 में कोर्ट ने उनकी याचिका पर नगर निगम रुड़की को आदेश दिए थे कि उनकी लीज को दो माह के भीतर रिन्युअल करें. परन्तु नगर निगम ने अभी तक उनकी लीज रिन्युअल नहीं की. उनकी लीज 2012 में समाप्त हो गयी थी.
पढ़ें- उत्तराखंड में गुलदार, हाथी से भी घातक हैं जहरीले सांप, हर साल ले रहे 16 लोगों की जान

अवमानना याचिका में यह भी कहा गया कि मेयर द्वारा बोर्ड बैठक को कई बार टाला जा रहा है. मेयर द्वारा लीज को रिन्युअल करने के एवज में उनसे 25 लाख रुपये की डिमांड की गई. उनके द्वारा इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज भी कराया गया है.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट (Uttarakhand High Court) ने पूर्व के आदेश का पालन नहीं करने पर रुड़की नगर निगम के मेयर गौरव गोयल (Roorkee Mayor Gaurav Goyal) को अवमानना नोटिस जारी किया (contempt notice to Roorkee Mayor) है. कोर्ट ने रुड़की मेयर गौरव गोयल (Roorkee Municipal Corporation) को चार हफ्तों में जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं. मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में हुई.

मामले के अनुसार रुड़की निवासी सुबोध गुप्ता ने अवमानना याचिका दायर कर कहा है कि दिसंबर 2021 में कोर्ट ने उनकी याचिका पर नगर निगम रुड़की को आदेश दिए थे कि उनकी लीज को दो माह के भीतर रिन्युअल करें. परन्तु नगर निगम ने अभी तक उनकी लीज रिन्युअल नहीं की. उनकी लीज 2012 में समाप्त हो गयी थी.
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अवमानना याचिका में यह भी कहा गया कि मेयर द्वारा बोर्ड बैठक को कई बार टाला जा रहा है. मेयर द्वारा लीज को रिन्युअल करने के एवज में उनसे 25 लाख रुपये की डिमांड की गई. उनके द्वारा इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज भी कराया गया है.

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