नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने नैनीताल जिले हल्द्वानी शहर में 20 बड़े कारोबारियों द्वारा सार्वजनिक भूमि पर अतिक्रमण कर उसमें दुकानें बनाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले को सुनने के बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने जिलाधिकारी नैनीताल और उप जिलाधिकारी हल्द्वानी से अतिक्रमणकारियों के खिलाफ सार्वजनिक संपत्ति विरूपण अधिनियम 1958 के तहत कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने कहा है कि अतिक्रमण हटाने या उसे ध्वस्त करने से पूर्व अतिक्रमणकारियों को समय दिया जाए.
मामले के अनुसार हल्द्वानी निवासी ललित मोहन सिंह नेगी (लोकेश नेगी) ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. याचिका में उन्होंने कहा था कि हल्द्वानी में 2017 में जिला विकास प्राधिकरण द्वारा कई व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में पार्किंग न होने पर कार्रवाई की गई. परन्तु इतने वर्षों बाद भी उनमें पार्किंग की सुविधा नहीं बनाई गई. यहां तक की दुर्गा सिटी सेंटर में पार्किंग के स्थान पर दुकानें बनाई गई और बिग बाजार का व्यावसायिक मानचित्र पास नहीं है. इसके साथ ही हल्द्वानी में व्यावसायिक कांप्लेक्सों में पार्किंग व्यवस्था नहीं है और कई लोगों ने सार्वजनिक संम्पत्ति में अतिक्रमण किया है.
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याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि तत्कालीन जिला अधिकारी दीपक रावत ने 8 मार्च 2017 को इस मामले पर कार्रवाई की थी. उन्होंने कार्रवाई करते समय 11 प्रतिष्ठानों को सील भी किया था. उसके बाद फिर से इन लोगों द्वारा स्वीकृत पार्किंग स्थलों में दुकानें बनाकर बेच दी है, जिस कारण लोगों को अपने वाहन सड़कों पर खड़े करने पड़ रहे हैं.
याचिकाकर्ता ने अपनी जनहित याचिका में जिला अधिकारी, उप जिला अधिकारी, वीरेंद्र बिग बाजार, हरेंद्र चड्ढा बिग बाजार, आशु स्पोर्ट दुर्गा सिटी सेंटर, बजरंग लाइफ स्टाइल शोरूम भोटिया पड़ाव, होटल त्रिशूल, प्यारे लाल सन्स, आरके ग्लास एंड प्लाईवुड, इजी डे, हेमकुंड टावर, टीआर टावर, एसवी टावर, होटल मोती महल, अंसारी फर्निशिंग, जनता टावर, एलजी शोरूम, डीके एक्सक्लूसिव, स्टेंडर्ड स्वीट, गुप्ता प्रोविजनल, नीरज गुप्ता प्रोविजनल स्टोर टेडी पुलिया और यादराम डिपार्टमेंटल स्टोर को पक्षकार बनाया है.
हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा और न्यायामूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद जिलाधिकारी नैनीताल को इस प्रकरण में व्यक्तिगत रुचि लेकर जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.