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नैनीताल में अवैध रूप से मत्स्य आखेट, कोर्ट ने सरकार से किया जवाब तलब - नैनीताल में अवैध रूप से मत्स्य आखेट

हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है गया कि भीमताल व नौकुचिया ताल में मछलियों के शिकार करने पर रोक लगाई थी, परन्तु लॉकडाउन के दौरान दोनों तालों में स्थानीय लोगों द्वारा अवैध रूप से मत्स्य आखेट किया जा रहा. जिस पर कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है.

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नैनीताल में अवैध रूप से मत्स्य आखेट.
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Published : Jul 28, 2022, 3:56 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने भीमताल व नौकुचिया ताल में अवैध रूप से किये जा रहे मत्स्य आखेट के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. इस मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे खंडपीठ राज्य सरकार को दो सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है.

बता दें कि भीमताल निवासी संजीव पांडे ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि भीमताल व नौकुचिया ताल में मछलियों के शिकार करने पर रोक लगाई थी, परन्तु लॉकडाउन के दौरान दोनों तालों में स्थानीय लोगों द्वारा अवैध रूप से मत्स्य आखेट किया जा रहा. इसकी शिकायत उनके द्वारा मत्स्य विभाग भीमताल से की परन्तु उस शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं हुई. जिसकी वजह से उनको माननीय उच्च न्यायलय में जनहित याचिका दायर करनी पड़ी.

पढ़ें- रुद्रप्रयागः भूस्खलन से बुढ़ना गांव में गौशाला ध्वस्त, 4 मवेशी जिंदा दफन

उन्होंने याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की है कि दोनों तालों में अवैध रूप से हो रहे मत्स्य आखेट पर रोक लगाई जाए. याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि इन तालों में विभिन्न प्रकार की मछलियों की प्रजाति रहती है, जिससे तालों का पर्यावरणीय सन्तुलन बना रहता है. लेकिन इनका अवैध आखेट करने से तालों का संतुलन खतरे में पड़ गया है. वहीं, जलीय जीवों के प्रति स्थानीय लोगों की गहरी आस्था है. इसलिए मत्स्य आखेट पर तुरंत रोक लगाई जाय.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने भीमताल व नौकुचिया ताल में अवैध रूप से किये जा रहे मत्स्य आखेट के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. इस मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे खंडपीठ राज्य सरकार को दो सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है.

बता दें कि भीमताल निवासी संजीव पांडे ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि भीमताल व नौकुचिया ताल में मछलियों के शिकार करने पर रोक लगाई थी, परन्तु लॉकडाउन के दौरान दोनों तालों में स्थानीय लोगों द्वारा अवैध रूप से मत्स्य आखेट किया जा रहा. इसकी शिकायत उनके द्वारा मत्स्य विभाग भीमताल से की परन्तु उस शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं हुई. जिसकी वजह से उनको माननीय उच्च न्यायलय में जनहित याचिका दायर करनी पड़ी.

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उन्होंने याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की है कि दोनों तालों में अवैध रूप से हो रहे मत्स्य आखेट पर रोक लगाई जाए. याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि इन तालों में विभिन्न प्रकार की मछलियों की प्रजाति रहती है, जिससे तालों का पर्यावरणीय सन्तुलन बना रहता है. लेकिन इनका अवैध आखेट करने से तालों का संतुलन खतरे में पड़ गया है. वहीं, जलीय जीवों के प्रति स्थानीय लोगों की गहरी आस्था है. इसलिए मत्स्य आखेट पर तुरंत रोक लगाई जाय.

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