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नैनीताल हाईकोर्ट ने LT ग्रेड शिक्षकों की भर्ती पर लगाई रोक, सरकार से मांगा जवाब

उत्तराखंड सरकार ने 13 अक्टूबर 2020 को 1431 एलटी ग्रेड शिक्षकों की भर्ती निकाली थी. भर्ती के दौरान सरकार ने नियमों में बदलाव कर दिया. जिसके बाद हाईकोर्ट ने एलटी ग्रेड शिक्षकों की भर्ती पर रोक लगा दी है.

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Published : Sep 22, 2021, 3:13 PM IST

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नैनीताल हाईकोर्ट

नैनीताल: प्रदेश में चल रही एलटी ग्रेड टीचर्स की भर्ती पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. एलटी कला वर्ग की भर्ती प्रक्रिया में नियमों के बदलाव के बाद कोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए सरकार और उत्तराखंड अधीनस्थ चयन आयोग से चार सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है.

न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी की एकलपीठ ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी करते हुए कहा कि ऐसे भर्ती के दौरान नियमों में संसोधन क्यों किया गया और किस नियमावली के तहत किया गया. भर्ती प्रक्रिया चालू होने के दौरान सचिव द्वारा नियमों के बदलाव करने पर उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की जा सकती है.

कोर्ट में प्रकाश गौड़ एवं अन्य ने याचिका दायर कर कहा है कि सरकार ने 13 अक्टूबर 2020 को प्रदेश में एलटी कला वर्ग हेतु 1431 पदों पर विज्ञप्ति जारी की थी. जिसमें योग्यता बीएड अनिवार्य की गयी थी. लेकिन भर्ती प्रक्रिया के दौरान सरकार ने अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने हेतु बीएड की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया. जिसकी वजह से शिक्षा का स्तर गिर सकता है और भर्ती के जरिए अयोग्य लोग विभाग में शामिल हो सकते हैं. लिहाजा इस पर रोक लगाई जाए.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड हाई कोर्ट में शिक्षकों की नियुक्ति मामले की सुनवाई, 20 अक्टूबर तक विज्ञप्ति जारी करने के आदेश

नियम बदलना गलत: याचिका में कहा है कि जिन नियमावली के आधार पर भर्ती शुरू की उसी आधार पर हो. बीच में भर्ती को बदलना गलत है. लिहाजा, 12 मार्च 2021 का आदेश निरस्त किया जाए. हाईकोर्ट के वकील अभिलाष नैनवाल ने बताया कि जो भी नियमावली में बदलाव सरकर ने किया है वह असंवैधानिक है. क्योंकि भर्ती के दौरान नियमों में बदलाव नहीं किया जा सकता है. इस बात को कोर्ट ने माना. जिसके बाद कोर्ट ने भर्ती पर रोक लगाई है. अब सरकार के जवाब का इंतजार है.

नैनीताल: प्रदेश में चल रही एलटी ग्रेड टीचर्स की भर्ती पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. एलटी कला वर्ग की भर्ती प्रक्रिया में नियमों के बदलाव के बाद कोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए सरकार और उत्तराखंड अधीनस्थ चयन आयोग से चार सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है.

न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी की एकलपीठ ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी करते हुए कहा कि ऐसे भर्ती के दौरान नियमों में संसोधन क्यों किया गया और किस नियमावली के तहत किया गया. भर्ती प्रक्रिया चालू होने के दौरान सचिव द्वारा नियमों के बदलाव करने पर उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की जा सकती है.

कोर्ट में प्रकाश गौड़ एवं अन्य ने याचिका दायर कर कहा है कि सरकार ने 13 अक्टूबर 2020 को प्रदेश में एलटी कला वर्ग हेतु 1431 पदों पर विज्ञप्ति जारी की थी. जिसमें योग्यता बीएड अनिवार्य की गयी थी. लेकिन भर्ती प्रक्रिया के दौरान सरकार ने अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने हेतु बीएड की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया. जिसकी वजह से शिक्षा का स्तर गिर सकता है और भर्ती के जरिए अयोग्य लोग विभाग में शामिल हो सकते हैं. लिहाजा इस पर रोक लगाई जाए.

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नियम बदलना गलत: याचिका में कहा है कि जिन नियमावली के आधार पर भर्ती शुरू की उसी आधार पर हो. बीच में भर्ती को बदलना गलत है. लिहाजा, 12 मार्च 2021 का आदेश निरस्त किया जाए. हाईकोर्ट के वकील अभिलाष नैनवाल ने बताया कि जो भी नियमावली में बदलाव सरकर ने किया है वह असंवैधानिक है. क्योंकि भर्ती के दौरान नियमों में बदलाव नहीं किया जा सकता है. इस बात को कोर्ट ने माना. जिसके बाद कोर्ट ने भर्ती पर रोक लगाई है. अब सरकार के जवाब का इंतजार है.

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