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टनकपुर अस्पताल में डॉक्टर से मारपीट का मामला, हाईकोर्ट ने समझौतानामा समेत याचिका की खारिज

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 4, 2023, 8:26 PM IST

Case of assault on doctor in Tanakpur hospital टनकपुर अस्पताल में डॉक्टर से मारपीट के मामले में उत्तराखंड हाईकोर्ट ने समझौतानामा के साथ याचिका खारिज कर दी है.

uttarakhand hc
उत्तराखंड हाईकोर्ट

नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने चंपावत जिले के टनकपुर अस्पताल में डॉक्टर और स्टाफ के साथ मारपीट करने और सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने के मामले में दायर समझौतानामा समेत याचिका को खारिज कर दिया है. न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई. मामले के अनुसार टनकपुर जिला चंपावत निवासी भुवन व उधमसिंह नगर निवासी डॉक्टर मोहम्मद उमर ने हाइकोर्ट में समझौता प्रार्थना पत्र दाखिल किया था. लेकिन कोर्ट ने समझौता प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया है.

बता दें कि डॉक्टर मोहम्मद उमर ने 8 मार्च 2020 को टनकपुर थाने में तीन लोग दीपक, भुवन व रवि के खिलाफ टनकपुर थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी. शिकायतकर्ता डॉ. मोहम्मद उमर ने बताया कि वह 7 मार्च को संयुक्त अस्पताल टनकपुर में रात्रि कालिन डयूटी में तैनात था. इस दौरान ये तीनों शख्स सात वर्ष के बच्चे को लेकर अस्पताल में लाए. उनके द्वारा बच्चे को देखा गया और दवाईयां दी गई. इस दौरान तीनों ने डॉक्टर व स्टाफ के साथ किसी बात पर गाली गलौज की और सरकारी काम में बाधा उत्पन्न करने लगे.
ये भी पढ़ेंः नैनीताल में कुत्तों का मामला: पालिका ने HC को किया गुमराह! कोर्ट कमिश्नर के निरीक्षण में 'सच' आया सामने

डॉक्टर उमर का आरोप था कि तीनों को समझाने की कोशिश की गई लेकिन वह तीनों जान से मारने की धमकी देते हुए तोड़फोड़ करने लगे. डॉक्टर ने बताया कि मौके मौजूद पुलिस कर्मियों ने तीनों को समझाने का प्रयास किया. लेकिन तीनों विधायक का नाम लेकर रौब दिखाने लगे. इसके बाद पुलिस ने इस प्रकरण पर 9 अप्रैल 2020 को चार्जशीट दाखिल किया.

मामले पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट चंपावत ने 13 मई 2020 को आरोपियों को कोर्ट में तलब करने का आदेश पारित किया. जिसके खिलाफ याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट में चुनौती दी. इसी बीच याचिकाकर्ताओं व शिकायतकर्ता के बीच समझौतानामा कर प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया ,जिसके बाद कोर्ट ने खारिज करते हुए कहा कि डॉक्टर व स्टाफ के साथ मारपीट करना व सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाना गंभीर मसला है.

नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने चंपावत जिले के टनकपुर अस्पताल में डॉक्टर और स्टाफ के साथ मारपीट करने और सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने के मामले में दायर समझौतानामा समेत याचिका को खारिज कर दिया है. न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई. मामले के अनुसार टनकपुर जिला चंपावत निवासी भुवन व उधमसिंह नगर निवासी डॉक्टर मोहम्मद उमर ने हाइकोर्ट में समझौता प्रार्थना पत्र दाखिल किया था. लेकिन कोर्ट ने समझौता प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया है.

बता दें कि डॉक्टर मोहम्मद उमर ने 8 मार्च 2020 को टनकपुर थाने में तीन लोग दीपक, भुवन व रवि के खिलाफ टनकपुर थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी. शिकायतकर्ता डॉ. मोहम्मद उमर ने बताया कि वह 7 मार्च को संयुक्त अस्पताल टनकपुर में रात्रि कालिन डयूटी में तैनात था. इस दौरान ये तीनों शख्स सात वर्ष के बच्चे को लेकर अस्पताल में लाए. उनके द्वारा बच्चे को देखा गया और दवाईयां दी गई. इस दौरान तीनों ने डॉक्टर व स्टाफ के साथ किसी बात पर गाली गलौज की और सरकारी काम में बाधा उत्पन्न करने लगे.
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डॉक्टर उमर का आरोप था कि तीनों को समझाने की कोशिश की गई लेकिन वह तीनों जान से मारने की धमकी देते हुए तोड़फोड़ करने लगे. डॉक्टर ने बताया कि मौके मौजूद पुलिस कर्मियों ने तीनों को समझाने का प्रयास किया. लेकिन तीनों विधायक का नाम लेकर रौब दिखाने लगे. इसके बाद पुलिस ने इस प्रकरण पर 9 अप्रैल 2020 को चार्जशीट दाखिल किया.

मामले पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट चंपावत ने 13 मई 2020 को आरोपियों को कोर्ट में तलब करने का आदेश पारित किया. जिसके खिलाफ याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट में चुनौती दी. इसी बीच याचिकाकर्ताओं व शिकायतकर्ता के बीच समझौतानामा कर प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया ,जिसके बाद कोर्ट ने खारिज करते हुए कहा कि डॉक्टर व स्टाफ के साथ मारपीट करना व सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाना गंभीर मसला है.

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