हल्द्वानी: कश्मीर और हिमाचल के तर्ज पर अब उत्तराखंड में भी सेब की बागवानी की अपार संभावनाएं हैं. इसको देखते हुए सरकार अब नई एप्पल मिशन के तहत सेब की बागवानी को बढ़ावा देने जा रही है. कृषि मंत्री गणेश जोशी का कहना है कि साल 2025 तक एप्पल मिशन उत्तराखंड में सेब उत्पादन का बढ़ावा दिया जाएगा. 8 साल के लिए एप्पल मिशन के तहत सरकार 800 करोड़ रुपए निवेश करने जा रही है. जिससे उत्तराखंड के काश्तकार अधिक से अधिक हॉर्टिकल्चर के क्षेत्र में काम कर सके.
कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि जर्मनी और इजरायल से फूड प्रोसेसिंग को लेकर वार्ता चल रही है. साल 2025 तक उत्तराखंड के फलों से ही प्रदेश में ही वाइन बनाई जाएगी. उन्होंने कहा कि नई एप्पल नीति में अगले 8 वर्षों में 800 करोड़ के निवेश का लक्ष्य है.योजना के तहत राज्य में सेब के बगीचों का विस्तार किया जाएगा. जिसके लिये किसानों को 60 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा. जिसमें नए सेब के बगीचे लगाए जाने हैं. इसमें किसान को 40 फीसदी की भागीदारी खर्च करनी होगी. वर्तमान में हर्षिल का सेब हिमाचल प्रदेश से बेहतर है.
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अगले पांच वर्षों में हिमाचल से बेहतर पैदावार का लक्ष्य है.अभी सिर्फ सी ग्रेड के सेब का सरकारी दाम तय होता है.अब जल्द ही ए और बी ग्रेड के सेब का भी दाम तय होगा. उन्होंने कहा कि पहाड़ों पर काश्तकारों के सेब सहित अन्य फल कई बार खराब हो जाते हैं, जिस कारण उन्हें अपनी पैदावार के दाम नहीं मिल पाते हैं. ऐसे में प्रोसेसिंग यूनिट उत्तराखंड में ही लग जाने से खराब हो चुके फलों से वाइन बनाई जाएगी. जिससे यहां के किसानों को अपने फसलों के दाम मिल सकेंगे.उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में सेब सहित अन्य फलों की खेती की अपार संभावना हैं. नई एप्पल मिशन नीति सेब की खेती से जुड़ी गतिविधियों को बढ़ावा देने की दिशा में अहम कदम होगा.