नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने यूकेएसएसएससी (UKSSSC) की विशेष अपील को खारिज करते हुए एकलपीठ के आदेश को सही ठहराया है. एकलपीठ ने कनिष्ठ सहायक भर्ती परीक्षा की मेरिट में रहे अभ्यर्थी को प्रमाण पत्र सत्यापन व साक्षात्कार में शामिल करने के निर्देश आयोग को दिए थे.
यूकेएसएसएससी का ये था पूरा मामला: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने हाईकोर्ट की एकलपीठ द्वारा 23 अप्रैल 2023 के आदेश को मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में चुनौती दी थी. आयोग के अनुसार पेपर लीक होने के कारण विवादित सचिवालय रक्षक भर्ती परीक्षा में शामिल किच्छा निवासी नीरज जोशी भी संदिग्ध थे. यह परीक्षा रद्द कर दी गई थी. नीरज जोशी बाद में कनिष्ठ सहायक भर्ती परीक्षा की मेरिट में थे. लेकिन आयोग ने उन्हें प्रमाण पत्र सत्यापन व साक्षात्कार के लिये इसलिये नहीं बुलाया कि सचिवालय भर्ती परीक्षा में वे संदिग्ध थे.
नैनीताल हाईकोर्ट ने याचिका की खारिज: प्रमाण पत्र सत्यापन के लिये आयोग द्वारा न बुलाने को नीरज जोशी ने नैनीताल हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. नैनीताल हाईकोर्ट की एकलपीठ ने नीरज को प्रमाण पत्र सत्यापन में शामिल करने के निर्देश देते हुए जांच पूरी होने से पहले उसे 5 साल के लिये प्रतियोगी परीक्षाओं के लिये प्रतिबंधित करने पर रोक लगाई थी. एकलपीठ के इस आदेश को आयोग ने मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में चुनौती दी थी. खंडपीठ ने चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया.
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