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जमरानी बांध परियोजना के लिए शासन से मिला 47 करोड़, जल्द तैयार होगी डीपीआर

तराई बावर की पेयजल और सिंचाई विद्युत उत्पादन का 1967 से प्रस्तावित जमरानी बांध परियोजना को अमलीजामा पहनाने की आस 47 साल बाद जगी है.बहुप्रतीक्षित जमरानी बांध परियोजना के लिए शासन से प्रथम चरण के लिए 47 करोड़ रुपए का का बजट जारी हुआ है.

सांसद अजय भट्ट ग्रामीणों से बातचीत करने पहुंचे
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Published : Aug 23, 2019, 11:56 AM IST

हल्द्वानीः बहुप्रतीक्षित जमरानी बांध परियोजना के लिए शासन से प्रथम चरण के लिए 47 करोड़ रुपए का का बजट जारी हुआ है. शुक्रवार को सांसद अजय भट्ट समेत जिले के अधिकारी जमरानी बांध परियोजना के प्रभावित डूबे गांव का दौरा करने हैड़ाखान पहुंचे थे. इस मौके पर सांसद अजय भट्ट ने बांध प्रभावितों की समस्याओं को भी सुना और उन्हें इस समस्याओं के जल्द निस्तारण का आश्वासन दिया.

तराई बावर की पेयजल और सिंचाई विद्युत उत्पादन का 1967 से प्रस्तावित जमरानी बांध परियोजना को अमलीजामा पहनाने की आस 47 साल बाद जगी है. सांसद अजय भट्ट द्वारा इस बांध परियोजना के मामले को संसद में उठाया गया था. जिसके बाद केंद्र और राज्य सरकार ने परियोजना पर दिलचस्पी दिखाई है. ऐसे में राज्य सरकार ने प्रथम चरण के लिए जमरानी बांध की डीपीआर और योजना बनाने के लिए 47 करोड़ रुपए जारी किए है.

जमरानी बांध परियोजना के लिए शासन से मिला 47 करोड़

पढ़ेः आज की असहिष्णुता पर क्या करते गांधी, तुषार गांधी ने साझा की अपनी राय

बता दें कि सांसद अजय भट्ट को जमरानी बांध परियोजना के दायरे में आ रहे गांव के विस्थापन के संबंथ में ग्रामीणों से बातचीत करने पहुंचे. जहां पर विस्थापन संबंधी समस्याओं को सुना और ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि बांध में डूबे क्षेत्र को विस्थापन किया जायेगा. साथ ही सरकार बांध प्रभावितों की हरसंभव मदद करेगी.

वहीं, जमरानी बांध परियोजना के जद में आ रहे गावों को विस्थापन के लिए पहले ही सिंचाई विभाग द्वारा सर्वे किया जा चुका है.160 मीटर ऊंचे जमरानी बांध के दायरे में 9 गांव शामिल है. जिसमें करीब 688 परिवार प्रभावित हो रहा है. लेकिन 47.40 हेक्टेयर कृषि भूमि चिन्हित की गई है. जो परियोजना के जद में आ रही हैं. साथ ही परियोजना के निर्माण हो जाने से तराई बावर की पेयजल और सिंचाई कि समस्या खत्म हो जाएगी.बल्कि 14 मेगावाट विद्युत का उत्पादन भी होगा. जो कुमाऊं में एक नया आयाम स्थापित करेगा.

हल्द्वानीः बहुप्रतीक्षित जमरानी बांध परियोजना के लिए शासन से प्रथम चरण के लिए 47 करोड़ रुपए का का बजट जारी हुआ है. शुक्रवार को सांसद अजय भट्ट समेत जिले के अधिकारी जमरानी बांध परियोजना के प्रभावित डूबे गांव का दौरा करने हैड़ाखान पहुंचे थे. इस मौके पर सांसद अजय भट्ट ने बांध प्रभावितों की समस्याओं को भी सुना और उन्हें इस समस्याओं के जल्द निस्तारण का आश्वासन दिया.

तराई बावर की पेयजल और सिंचाई विद्युत उत्पादन का 1967 से प्रस्तावित जमरानी बांध परियोजना को अमलीजामा पहनाने की आस 47 साल बाद जगी है. सांसद अजय भट्ट द्वारा इस बांध परियोजना के मामले को संसद में उठाया गया था. जिसके बाद केंद्र और राज्य सरकार ने परियोजना पर दिलचस्पी दिखाई है. ऐसे में राज्य सरकार ने प्रथम चरण के लिए जमरानी बांध की डीपीआर और योजना बनाने के लिए 47 करोड़ रुपए जारी किए है.

जमरानी बांध परियोजना के लिए शासन से मिला 47 करोड़

पढ़ेः आज की असहिष्णुता पर क्या करते गांधी, तुषार गांधी ने साझा की अपनी राय

बता दें कि सांसद अजय भट्ट को जमरानी बांध परियोजना के दायरे में आ रहे गांव के विस्थापन के संबंथ में ग्रामीणों से बातचीत करने पहुंचे. जहां पर विस्थापन संबंधी समस्याओं को सुना और ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि बांध में डूबे क्षेत्र को विस्थापन किया जायेगा. साथ ही सरकार बांध प्रभावितों की हरसंभव मदद करेगी.

वहीं, जमरानी बांध परियोजना के जद में आ रहे गावों को विस्थापन के लिए पहले ही सिंचाई विभाग द्वारा सर्वे किया जा चुका है.160 मीटर ऊंचे जमरानी बांध के दायरे में 9 गांव शामिल है. जिसमें करीब 688 परिवार प्रभावित हो रहा है. लेकिन 47.40 हेक्टेयर कृषि भूमि चिन्हित की गई है. जो परियोजना के जद में आ रही हैं. साथ ही परियोजना के निर्माण हो जाने से तराई बावर की पेयजल और सिंचाई कि समस्या खत्म हो जाएगी.बल्कि 14 मेगावाट विद्युत का उत्पादन भी होगा. जो कुमाऊं में एक नया आयाम स्थापित करेगा.

Intro:sammry- बहुप्रतीक्षित जमरानी बांध परियोजना के प्रथम चरण के लिए बजट हुआ जारी सांसद अजय भट्ट प्रभावित ग्रामीणों से मिल उनकी समस्या सुनी।

एंकर- तराई भाबर की बहुप्रतीक्षित जमरानी बांध परियोजना के लिए शासन से प्रथम चरण के लिए 47 करोड़ रुपए का बजट मिलने के बाद नैनीताल सांसद अजय भट्ट जिलाधिकारी और सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ आज जमरानी बांध परियोजना के प्रभावित डूब क्षेत्र गांव का दौरा कर हैड़ाखान पहुंच प्रभावित ग्रामीणों की समस्या को सुना और जल्द निस्तारण की बात कही।


Body:तराई भाबर की पेयजल और सिंचाई विद्युत उत्पादन के मध्य नजर 1967 से प्रस्तावित जमरानी बांध परियोजना का सरकार द्वारा अमलीजामा पहनाने के बाद एक बार फिर 47 साल बाद उम्मीद जगी है कि जमरानी बांध परियोजना का सौगात यहां के लोगों को मिलने जा रहा है। नैनीताल सांसद अजय भट्ट द्वारा जमरानी बांध परियोजना मामले को संसद में उठाए जाने के बाद केंद्र और राज्य सरकार ने इस परियोजना पर दिलचस्पी दिखाई है। राज्य सरकार ने परियोजना के प्रथम चरण के लिए डीपीआर और योजना बनाने के लिए 47 करोड़ रुपए जारी किए हैं।
नैनीताल सांसद अजय भट्ट ने आज जमरानी बांध परियोजना के दायरे में आ रहे गांव को विस्थापन के संबंध में ग्रामीणों से बातचीत करने के लिए हैड़ाखान पहुंचे जहां विस्थापन संबंधी समस्याओं को लेकर ग्रामीणों की समस्या सुनी और ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि बांध में डूब वाले क्षेत्र के ग्रामीणों को विस्थापन किया जाएगा और सरकार से जो भी मदद होगी पूरी मदद की जाएगी।


Conclusion:गौरतलब है कि जमरानी बांध परियोजना के जग में आ रहे गावों को विस्थापन के लिए सिंचाई विभाग द्वारा सर्वे किया जा चुका है। 160 मीटर ऊंचे जमरानी बांध के दायरे में नौ गांव शामिल है जिसमें करीब 688 परिवार प्रभावित हो रहा है। जबकि 47.40 हेक्टेयर कृषि भूमि चिन्हित की गई है जो परियोजना के जद में आ रही हैं।
गौरतलब है कि जमरानी बांध परियोजना के निर्माण हो जाने से तराई भावर की पेयजल और सिंचाई कि समस्या खत्म हो जाएगी बल्कि 14 मेगावाट विद्युत का उत्पादन भी होगा जो कुमाऊ के लिए एक नया आयाम स्थापित होगा।

बाइट अजय भट्ट सांसद नैनीताल
बाइट -प्रभावित ग्रामीण
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