हल्द्वानी/उत्तरकाशी/गैरसैंण/रामनगरः उत्तराखंड में अतिक्रमण हटाओ अभियान का विरोध तेज हो गया है. हाईकोर्ट के आदेश पर राष्ट्रीय राजमार्गों और राज्य मार्गों के किनारे स्थित सरकारी और वन भूमि से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू हो गई है. ऐसे में हाईवे किनारे दुकान या होटल या फिर अन्य प्रतिष्ठान खोल कर अपना गुजर बसर कर रहे लोगों में हड़कंप मचा हुआ है. साथ ही इस कार्रवाई का विरोध भी होने लगा है. जहां उत्तरकाशी में व्यापारियों ने सरकार पुतला फूंका तो वहीं गैरसैंण और रामनगर में बंद का आह्वान किया गया है.
हाईकोर्ट के आदेश का हो रहा पालनः गौर हो कि बीती 26 जुलाई को नैनीताल हाईकोर्ट ने सभी जिलाधिकारियों और प्रभागीय वन अधिकारियों को 4 हफ्ते के भीतर अतिक्रमण के संबंध में अपनी अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था. इसके बाद अतिक्रमण को चिन्हित करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है. इसके बाद तमाम सड़क किनारे रह रहे लोगों में हड़कंप मचा हुआ है.
उधर, कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने सभी जिला अधिकारियों को निर्देश दिया है कि यदि कोई भी व्यक्ति अतिक्रमण से जुड़े मामले पर अपने दस्तावेज दिखाना चाहता है तो उसको पूरा मौका दिया जाए. ऐसे में दस्तावेज दिखाए जाने का मौका दिए बिना अतिक्रमण हटाना उचित नहीं होगा. फिर भी सरकारी जमीन या वन भूमि पर अतिक्रमण है तो उसे गाइडलाइन के हिसाब से हटाने की कार्रवाई शुरू की जाएगी.
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हल्द्वानी में सहमे कारोबारीः वहीं, नैनीताल में सड़क किनारे कई दुकानें ऐसी हैं, जिनको चिन्हित कर लिया गया है और उन पर नंबर डाल दिया गया है. जिस अतिक्रमण को तोड़ा जाना है, उस पर क्रॉस मार्किंग कर दी गई है. हल्द्वानी-भीमताल-भवाली-अल्मोड़ा स्टेट हाईवे पर कई रेस्टोरेंट को मार्क कर दिया गया है. इसके बाद स्थानीय लोग और कारोबारी सहमे नजर आ रहे हैं. उनका कहना है कि अगर उनकी दुकान तोड़ी गई तो वो भुखमरी की कगार पर आ जाएंगे.
उत्तरकाशी में व्यापारियों ने सरकार पुतला फूंकाः उत्तरकाशी में व्यापारियों ने अतिक्रमण हटाने के नाम पर आपदाग्रस्त क्षेत्र में उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए सरकार का पुतला फूंका. साथ ही जुलूस निकालकर नारेबाजी की. उधर, ब्रह्मखाल में भी व्यापारियों ने प्रदर्शन किया और हाईवे पर सांकेतिक जाम लगाया. व्यापारियों का कहना है कि उत्तरकाशी जिला आपदाग्रस्त क्षेत्र है. मैदानी क्षेत्रों में बड़े अतिक्रमण को छोड़ सरकार पहाड़ी क्षेत्र में गरीबों के निर्माण ध्वस्त कर रही है.
उत्तरकाशी व्यापार मंडल जिलाध्यक्ष सुभाष बडोनी ने कहा कि सरकार बेशक ही नेशनल हाईवे, स्टेट हाईवे से अतिक्रमण हटाए, लेकिन जितनी जरूरत है, उतना ही ध्वस्तीकरण हो. उसके लिए किसी प्रकार का विरोध नहीं है, लेकिन बाकी जगहों को छोड़ दें और सरकारी रेट पर इसे उन्हीं लोगों को बेच दें, ताकि सरकार को राजस्व की प्राप्ति हो और लोगों का व्यवसाय भी चल सके. उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार अविलंब अध्यादेश लाए.
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गैरसैंण में कल सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान रहेंगे बंदः अतिक्रमण हटाने के मानकों को सरलीकरण किए जाने के संबंध में व्यापार संघ गैरसैंण और खंसर घाटी बचाओ संघर्ष मंच ने बैठक का आयोजन किया. इस दौरान व्यापारियों ने अतिक्रमण हटाने की विभागीय कार्रवाई के खिलाफ अपनी नाराजगी जताई. साथ ही सरकार से इस मामले का संज्ञान लेने की गुजारिश की और मानकों में सरलीकरण किए जाने की मांग उठाई.
उनका कहना है कि वे हाईकोर्ट के आदेश का सम्मान और पालन करते हैं, लेकिन चमोली सीमांत जिला है. यहां की भौगोलिक परिस्थितियां मैदानी क्षेत्रों से अलग है, इसलिए अतिक्रमण हटाने के मानकों में आंशिक परिवर्तन किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि अतिक्रमण हटाने के वर्तमान मानकों के तहत लोगों के खून पसीने की कमाई से बनाए भवनों को उजाड़ा जा रहा है, जिस कारण लोग बेघर और बेरोजगार हो रहे हैं.
रामनगर में कल बंद का ऐलानः रामनगर में व्यापारियों ने सरकार और वन विभाग के खिलाफ नाराजगी जताते हुए कल यानी शनिवार को बंद का ऐलान किया है. व्यापारियों का कहना है कि अतिक्रमण के नाम पर लोगों को उजाड़ने के साथ ही उत्पीड़न किया जा रहा है. सरकार जनता को राहत देने के बजाय उनके अंदर खौफ पैदा कर रही है. उन्होंने ये भी कहा कि रामनगर की जनता मानव श्रृंखला के रूप में सरकार के बुलडोजर के आगे खड़े होकर इसका विरोध करेगी.
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