रामनगरः वन प्रभाग तराई पश्चिमी के अंतर्गत पड़ने वाले फाटो ईको टूरिज्म जोन (Phato Eco Tourism Zone) में अब पर्यटक डे सफारी करने के बाद ट्री हाउस में रात्रि विश्राम कर सकेंगे. फाटो जोन प्रशासन ने शासन को इस पर प्रस्ताव भेजा है. साथ ही शासन से ट्री हाउस में रात्रि विश्राम का रेट निर्धारित करने के लिए भी कहा है. इसके अलावा अब पर्यटक कॉर्बेट पार्क की तर्ज पर फाटो जोन की ऑनलाइन बुकिंग (Online booking of phato zone) भी कर सकेंगे. अभी तक पर्यटकों को सिर्फ ऑफलाइन परमिट ही मिल रहा है. जिससे पर्यटकों को लाइन में लगने में खासी दिक्कत हो रही है.
फाटो पर्यटन जोन पर्यटकों की पसंदीदा जगह बन गया है. इस जोन में सैलानी करीब से वन्यजीवों को निहार रहे हैं. सैलानियों की उत्साह का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि जनवरी 2022 से अक्टूबर यानी 10 महीने में 1 करोड़ से ज्यादा का राजस्व विभाग को मिला है. इसी को देखते हुए तराई पश्चिमी अब इसमें और आधुनिक सुविधाएं बढ़ाने जा रहा है.
जानकारी देते हुए तराई पश्चिमी के डीएफओ प्रकाश आर्य ने बताया कि कॉर्बेट पार्क की तर्ज पर ही इस जोन में ऑनलाइन बुकिंग जल्द शुरू की जाएंगी. उन्होंने कहा कि पर्यटक लाइनों में खड़े होकर परमिट कटवा रहे हैं जिससे पर्यटकों को दिक्कत हो रही है. फाटो जोन में अभी 2 ट्री हाउस हैं. उनकी दरें निर्धारित करने के लिए शासन को भेजा है. साथ ही 2 ट्री हाउस और बनाने का प्रस्ताव भी शासन को भेजा जा रहा है. उन्होंने कहा कि जल्द ही दरें निर्धारित होने के बाद फाटो जोन में बने ट्री हाउस का पर्यटक लुत्फ उठा सकेंगे.
रामनगर तराई पश्चिमी के अंतर्गत पड़ने वाले फाटो पर्यटन जोन की शुरुआत जनवरी 2022 में हुई है. फाटो जोन में कई प्रकार की वनस्पतियां, वन्यजीव और जीव जंतु मौजूद हैं. 18 किमी के फाटो जोन के लिए पर्यटकों को एक हजार रुपए सफारी का भुगतान करना पड़ता है.
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निदेशक से मिले ग्रामीणः रामनगर निदेशक कार्यालय पहुंचे ग्रामीण, नेचर गाइड व जिप्सी मालिकों ने कॉर्बेट पार्क को ज्ञापन सौंपा. उन्होंने पार्क प्रशासन का धन्यवाद करते हुए कहा कि पार्क प्रशासन के सकारात्मक व दूरदर्शी प्रयासों से पर्यटक गाइड व वाहन चालकों को गर्जिया पर्यटन क्षेत्र के प्रवेश द्वार को रिगौडा से संचालित किया गया. साथ ही उन्होंने गार्जिया और ढिकुली क्षेत्र के ग्रामीणों द्वारा ढिकाला जोन बंद किए जाने के विरोध की भर्त्सना की.
नेचर गाइड राजेश नेगी ने कहा कि जानकारी है कि ढिकुली व गर्जिया क्षेत्र के कुछ गामीण रिगौडा के गेट को पुन गर्जिया से संचालित करने के लिए राजनैतिक व प्रशासनिक दबाव बनाने हेतु लामबंद हैं. इसलिए लोग धनगढ़ी गेट को बंद करने की अपील ग्रामीणों से कर रहे हैं. उन्होंने स्थानीय नेताओं व जन प्रतिनिधियों पर जनता को भ्रमित करने का आरोप लगाया.