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यहां बसता है तितलियों का रंग-बिरंगा संसार, देखने दूर-दूर से आ रहे पर्यटक हो रहे रोमांचित - वन विभाग

चोरगलिया के वाइल्ड लाइफ बटरफ्लाई जोन इस समय पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. इस जोन में 20 दुर्लभ प्रजातियों सहित 80 प्रकार की रंग-बिरंगी तितलियां चारों ओर मंडराती नजर आती हैं. साथ ही इस गार्डन में 80 से अधिक रंग-बिरंगी तितलियों की प्रजाति को वन महकमा संरक्षण करने का काम कर रहा है.

यहां बसता है तितलियों का रंग-बिरंगा संसार.
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Published : Jun 13, 2019, 1:23 PM IST

Updated : Jun 13, 2019, 1:55 PM IST

हल्द्वानी: शहर से 20 किलोमीटर दूर नंधौर सेंचुरी बटरफ्लाई गार्डन पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. प्राकृतिक रूप से विकसित इस बटरफ्लाई जोन में ब्लू टाइगर, इंडियन मोरमन, जेबरा ब्लू, लाइम बटरफ्लाई जैसी करीब 20 से अधिक दुर्लभ प्रजातियां मौजूद हैं. साथ ही इस गार्डन में 80 से अधिक रंग-बिरंगी तितलियों की प्रजाति को वन महकमा संरक्षण करने का काम कर रहा है.

यहां बसता है तितलियों का रंग-बिरंगा संसार.

चोरगलिया के वाइल्ड लाइफ बटरफ्लाई जोन इस समय पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. इस जोन में 20 दुर्लभ प्रजातियों सहित 80 प्रकार की रंग-बिरंगी तितलियां चारों ओर मंडराती नजर आती हैं. जोन में आने वाले पर्यटक और वन्यजीव प्रेमी तितलियों के इस संसार को देखकर रोमांचित हो उठते हैं.

आधा किलोमीटर क्षेत्र में फैले बटरफ्लाई जोन में वन विभाग ने इन तितलियों के लिए वर्ल्ड फ्लॉवर, कपूर, चंपा, बेल, कुंजी, गुलमोहर सहित दर्जनों सुगंधित और फूलदार पौधे की बागवानी की है. जो तितलियों के भोजन और उनके आवास के रूप में काम आते हैं. बटरफ्लाई जोन का परिणाम अब धीरे-धीरे वन विभाग के सामने आ रहा है. इस बटरफ्लाई जोन में 45 तितलियों की प्रजाति को वन विभाग अपनी फाइलों में दर्ज कर चुका है.

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बटरफ्लाई जोन में तितलियों पर शोध करने वाले वैज्ञानिक भी पहुंच रहे हैं. नंधौर में बटरफ्लाई जोन की स्थापना का उद्देश्य यहां तितलियों से जुड़े शोध को बढ़ावा देगा. साथ ही वैज्ञानिक यहां तितलियों के जीवन चक्र, व्यवहार और वातावरण को बेहतर बनाने में उनकी भूमिका का अध्ययन कर रहे हैं.

हल्द्वानी: शहर से 20 किलोमीटर दूर नंधौर सेंचुरी बटरफ्लाई गार्डन पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. प्राकृतिक रूप से विकसित इस बटरफ्लाई जोन में ब्लू टाइगर, इंडियन मोरमन, जेबरा ब्लू, लाइम बटरफ्लाई जैसी करीब 20 से अधिक दुर्लभ प्रजातियां मौजूद हैं. साथ ही इस गार्डन में 80 से अधिक रंग-बिरंगी तितलियों की प्रजाति को वन महकमा संरक्षण करने का काम कर रहा है.

यहां बसता है तितलियों का रंग-बिरंगा संसार.

चोरगलिया के वाइल्ड लाइफ बटरफ्लाई जोन इस समय पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. इस जोन में 20 दुर्लभ प्रजातियों सहित 80 प्रकार की रंग-बिरंगी तितलियां चारों ओर मंडराती नजर आती हैं. जोन में आने वाले पर्यटक और वन्यजीव प्रेमी तितलियों के इस संसार को देखकर रोमांचित हो उठते हैं.

आधा किलोमीटर क्षेत्र में फैले बटरफ्लाई जोन में वन विभाग ने इन तितलियों के लिए वर्ल्ड फ्लॉवर, कपूर, चंपा, बेल, कुंजी, गुलमोहर सहित दर्जनों सुगंधित और फूलदार पौधे की बागवानी की है. जो तितलियों के भोजन और उनके आवास के रूप में काम आते हैं. बटरफ्लाई जोन का परिणाम अब धीरे-धीरे वन विभाग के सामने आ रहा है. इस बटरफ्लाई जोन में 45 तितलियों की प्रजाति को वन विभाग अपनी फाइलों में दर्ज कर चुका है.

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बटरफ्लाई जोन में तितलियों पर शोध करने वाले वैज्ञानिक भी पहुंच रहे हैं. नंधौर में बटरफ्लाई जोन की स्थापना का उद्देश्य यहां तितलियों से जुड़े शोध को बढ़ावा देगा. साथ ही वैज्ञानिक यहां तितलियों के जीवन चक्र, व्यवहार और वातावरण को बेहतर बनाने में उनकी भूमिका का अध्ययन कर रहे हैं.

Intro:स्लग- विलुप्त होती तितलियों का संरक्षण।( विजुअल वाइट मेल से उठाएं)

रिपोर्टर -भावनाथ पंडित हल्द्वानी।
एंकर -यदि आप प्रकृति के करीब जाकर कुछ रोचक देखने का मन बना रहे हैं तो हल्द्वानी से 20 किलोमीटर दूर नंधौर सेंचुरी का बटरफ्लाई गार्डन बेहतर जगह होगा ।प्राकृतिक रूप से विकसित इस बटरफ्लाई जोन में ब्लू टाइगर, इंडियन मोरमन, जेबरा ब्लू ,लाइम बटरफ्लाई जैसी करीब 20 से अधिक दुर्लभ प्रजातियों सहित 80 से अधिक रंग बिरंगी तितलियों की प्रजाति को वन महकमा संरक्षण करने का काम करता है।


Body:आपने तितलियों को मंडराते हुए कई बार देखा होगा और उनसे रोमांच भी किया होगा ।लेकिन अगर आपको तितलियों की दुनिया देखना हो तो हल्द्वानी से 20 किलोमीटर दूर चोरगलिया के वाइल्डलाइफ के बटरफ्लाई फ्लाई जोन में आना होगा । इस जोन में 20 दुर्लभ प्रजाति सहित 80 प्रकार की रंग बिरंगी तितलियां चारों और मंडराती नजर आएंगी । जोन में आने वाले पर्यटक और वन्यजीव प्रेमी तितलियों के इस संसार को देखकर देकर रोमांचित होते हैं। आधा किलोमीटर में फैला बटरफ्लाई फ्लाई जोन में वन विभाग ने इन तितलियों के लिए वर्ल्ड फ्लावर ,कपूर, चंपा ,बेल, कुंजी ,गुलमोहर ,करने ,सहित दर्जनों सुगंधित और फूलदार पौधे की बागवानी की है। तितलियों के भोजन और उनके आवास के रूप में काम आते हैं। बटरफ्लाई जॉन का परिणाम अब धीरे-धीरे वन विभाग के सामने आ रहा है इस बटरफ्लाई जोन में 45 तितलियों की प्रजाति को वन विभाग अपनी फाइलों में दर्ज कर चुका है जबकि अधिकतर पर काम कर रहा है।


Conclusion:बटरफ्लाई जोन में तितलियों पर शोध करने वाले वैज्ञानिक भी पहुंच इस पर शोध कर रहे हैं। घने जंगलों के बीच तितलियों का दीदार पर्यटक के लिए भी नया अनुभव हो रहा है। नंधौर में बटरफ्लाई जॉन की स्थापना का उद्देश्य यहां तितलियों से जुड़े शोध को बढ़ावा देना ,वैज्ञानिक यहां तितलियों के जीवन चक्र व्यवहार और वातावरण को बेहतर बनाने में उनकी भूमिका का अध्ययन कर रहे हैं ।इसके अलावा स्थानीय जैव विविधता का संरक्षण भी भी हो रहा है।

बाइट- नीतीश मणि त्रिपाठी प्रभागीय वन अधिकारी हल्द्वानी डिवीजन
Last Updated : Jun 13, 2019, 1:55 PM IST
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