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टमाटर की खेती चौपट होने से मायूस हुए किसान, मुआवजे की उठी मांग - हल्द्वानी हिंदी समाचार

हल्द्वानी में टमाटर की फसल चौपट होने से किसानों में मायूसी छा गई है. ऐसे में किसानों ने प्रशासन से नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजे की मांग की है.

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ठंड से टमाटर की खेती हुई चौपट
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Published : Jan 5, 2020, 1:23 PM IST

Updated : Jan 5, 2020, 3:36 PM IST

हल्द्वानी: गौलापार क्षेत्र में हर साल करीब हजारों एकड़ में टमाटर की खेती की जाती है. यहां के टमाटरों की विदेशों में काफी मांग है. इस क्षेत्र के काश्तकारों की मुख्य खेती टमाटर है. लेकिन इन दिनों कोहरे और पाले के चलते टमाटर की फसल बर्बाद होने से किसानों में खासी मायूसी है. वहीं, फसल चौपट होने से किसानों के आगे रोजी-रोटी का संकट भी गहरा गया है.

टमाटर की खेती चौपट होने से मायूस हुए किसान.

हल्द्वानी के गौलापार में इन दिनों कोहरे के चलते टमाटर की खेती चौपट हो गई है. जो फसल बची भी थी उसमें झुलसा और सफेदी रोग लग गया है, जिसके चलते टमाटर की खेती करने वाले किसानों के आगे आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. वहीं, टमाटर की पैदावार प्रभावित होने से मंडियों में इसके दाम आसमान छूने लगे हैं. एक हफ्ते पहले 15 से 20 रुपए प्रतिकिलो में बिकने वाला टमाटर इस समय 40 से 50 रुपए प्रतिकिलो में बिक रहा है. ऐसे में ये कहना गलत न होगा कि आने वाले दिनों में प्याज की तरह टमाटर के दामों में भी भारी उछाल आ सकता है.

य भी पढ़ें: देवभूमि में बर्फबारी और बारिश से पड़ रही खून जमाने वाली ठंड, पिथौरागढ़ में जारी किया अलर्ट

वहीं, टमाटर खराब हो जाने से यहां के किसानों में खासा मायूसी देखी जा सकती है. ऐसे में किसानों ने की मांग है कि उनकी आर्थिक स्थिति को देखते हुए बर्बाद फसल के बदले उन्हें मुआवजा दिया जाए, जिससे वो अपने परिवार का भरण-पोषण कर सके.

हल्द्वानी: गौलापार क्षेत्र में हर साल करीब हजारों एकड़ में टमाटर की खेती की जाती है. यहां के टमाटरों की विदेशों में काफी मांग है. इस क्षेत्र के काश्तकारों की मुख्य खेती टमाटर है. लेकिन इन दिनों कोहरे और पाले के चलते टमाटर की फसल बर्बाद होने से किसानों में खासी मायूसी है. वहीं, फसल चौपट होने से किसानों के आगे रोजी-रोटी का संकट भी गहरा गया है.

टमाटर की खेती चौपट होने से मायूस हुए किसान.

हल्द्वानी के गौलापार में इन दिनों कोहरे के चलते टमाटर की खेती चौपट हो गई है. जो फसल बची भी थी उसमें झुलसा और सफेदी रोग लग गया है, जिसके चलते टमाटर की खेती करने वाले किसानों के आगे आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. वहीं, टमाटर की पैदावार प्रभावित होने से मंडियों में इसके दाम आसमान छूने लगे हैं. एक हफ्ते पहले 15 से 20 रुपए प्रतिकिलो में बिकने वाला टमाटर इस समय 40 से 50 रुपए प्रतिकिलो में बिक रहा है. ऐसे में ये कहना गलत न होगा कि आने वाले दिनों में प्याज की तरह टमाटर के दामों में भी भारी उछाल आ सकता है.

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वहीं, टमाटर खराब हो जाने से यहां के किसानों में खासा मायूसी देखी जा सकती है. ऐसे में किसानों ने की मांग है कि उनकी आर्थिक स्थिति को देखते हुए बर्बाद फसल के बदले उन्हें मुआवजा दिया जाए, जिससे वो अपने परिवार का भरण-पोषण कर सके.

Intro:sammry- टमाटर की फसल बर्बाद किसानों के आगे छाई मायूसी बाजारों में टमाटर हुआ महंगा। एंकर- हल्द्वानी के गौलापार के टमाटर की पहचान देश नहीं बल्कि विदेशों तक की जाती है ।लेकिन इस बार मौसम के मार रहे हैं यहां के टमाटर किसानों के आगे रोजी-रोटी का संकट खड़ा कर दिया है। पाला और कोहरे के चलते यहां के टमाटर के पौधों में झुलसा और सफेदी रोग लग गया है जिसके चलते यहां के टमाटर भारी मात्रा में खेतों में ही खराब हो रहे हैं। ऐसे में किसान अब परेशान हैं.।


Body:हल्द्वानी के गौलापार क्षेत्र में हर वर्ष करीब हजारो एकड़ से टमाटर की खेती की जाती है। यहां के काश्तकारों का मुख्य खेती टमाटर की खेती ही है लेकिन हर साल की तरह इस बार भी मौसम में यहां के टमाटर किसानों के मेहनत पर पानी फेर दिया है। बीते दिनों हुई कोहरे और पाला के चलते यहां के किसानों का टमाटर खेतों में ही भारी मात्रा में खराब हो रहा है ।टमाटर के पौधों में झुलसा और सफेदी रोग लग गया है जिसके चलते टमाटर सड़ने के कगार पर है । बाइट- हरिश्चंद्र पलाडिया किसान यही नहीं टमाटर की खेती खराब हो जाने के चलते मंडियों में भी टमाटर के रेट में उछाल देखा जा रहा है 1 सप्ताह पहले ₹15 से ₹20 प्रति किलो बिकने वाला टमाटर अब मंडियों में 40 से ₹50 किलो बिक रहा है ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में प्याज की तरह ही टमाटर के दाम में इजाफा देखा जा सकता है। बाइट- पूजा कश्यप महिला टमाटर उत्पादक


Conclusion:टमाटर खराब हो जाने के चलते यहां के किसानों में मायूसी देखी जा सकती है ऐसे में किसानों ने सरकार से मांग की है कि टमाटर काश्तकारों को उनकी आर्थिक स्थिति को देखते हुए उनका नुकसान हुए फसल मुआवजा दिया जाए जिससे कि उनका रोजी रोटी चल सके।
Last Updated : Jan 5, 2020, 3:36 PM IST
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