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पूर्ण वेतन को लेकर हड़ताल पर बैठे डॉक्टरों का आज सातवां दिन - राजकीय मेडिकल कॉलेज

सुशीला तिवारी अस्पताल के पीजी डॉक्टर पिछले सात दिनों से हड़ताल पर हैं. पूर्ण वेतन की मांग को लेकर हड़ताल पर बैठे डॉक्टर अब आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं.

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Published : Dec 6, 2020, 5:29 PM IST

Updated : Dec 6, 2020, 6:24 PM IST

हल्द्वानी : राजकीय मेडिकल कॉलेज के पीजी डॉक्टर पिछले सात दिनों से हड़ताल पर बैठे हैं. पूर्ण वेतन की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि जब तक सरकार उनके पूर्ण वेतन का जीओ जारी नहीं कर देती तब तक वह भूख हड़ताल पर रहेंगे. इसके अलावा डॉक्टरों की भूख हड़ताल का असर सुशीला तिवारी अस्पताल में आने वाले मरीजों पर भी पड़ रहा है. क्योंकि, डॉक्टरों के भूख हड़ताल पर जाने की वजह से अस्पताल की व्यवस्था भी चरमरा गई है.

हड़ताल पर गए डॉक्टरों का कहना है कि पूर्व में डॉक्टरों को पूर्ण वेतन दिया जाता था, जिसके बाद सरकार ने आधा वेतन कर दिया. इस मामले को लेकर पीजी डॉक्टर हाई कोर्ट गए, जिसके बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जनवरी माह में घोषणा की कि पीजी डॉक्टरों को पूर्ण वेतन दिया जाएगा, लेकिन पिछले 11 महीने से सिर्फ उनको आश्वासन के नाम पर कुछ नहीं मिला. कई बार उनके द्वारा सांकेतिक हड़ताल किए जाने के बाद एक महीने के भीतर उन्हें पूर्ण वेतन दिए जाने की बात कही गई, लेकिन अब तक शासन का आदेश नहीं आया है. लिहाजा जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होगी डॉक्टर हड़ताल पर डटे रहेंगे.

हड़ताल पर बैठे डॉक्टर

वहीं 30 नवंबर से डॉक्टर धरने पर बैठे हुए हैं. अस्पताल प्रशासन और जिला प्रशासन पीजी डॉक्टरों से कई बार वार्ता कर चुका है, लेकिन डॉक्टर अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं और सीधे मुख्यमंत्री से शासनादेश की मांग कर रहे हैं. डॉक्टर सात दिनों से प्राचार्य के कार्यालय के बाहर टेंट लगाकर धरने पर बैठे हुए हैं और अलग-अलग समय में अलग-अलग छात्र भूख हड़ताल कर रहे हैं.

हल्द्वानी : राजकीय मेडिकल कॉलेज के पीजी डॉक्टर पिछले सात दिनों से हड़ताल पर बैठे हैं. पूर्ण वेतन की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि जब तक सरकार उनके पूर्ण वेतन का जीओ जारी नहीं कर देती तब तक वह भूख हड़ताल पर रहेंगे. इसके अलावा डॉक्टरों की भूख हड़ताल का असर सुशीला तिवारी अस्पताल में आने वाले मरीजों पर भी पड़ रहा है. क्योंकि, डॉक्टरों के भूख हड़ताल पर जाने की वजह से अस्पताल की व्यवस्था भी चरमरा गई है.

हड़ताल पर गए डॉक्टरों का कहना है कि पूर्व में डॉक्टरों को पूर्ण वेतन दिया जाता था, जिसके बाद सरकार ने आधा वेतन कर दिया. इस मामले को लेकर पीजी डॉक्टर हाई कोर्ट गए, जिसके बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जनवरी माह में घोषणा की कि पीजी डॉक्टरों को पूर्ण वेतन दिया जाएगा, लेकिन पिछले 11 महीने से सिर्फ उनको आश्वासन के नाम पर कुछ नहीं मिला. कई बार उनके द्वारा सांकेतिक हड़ताल किए जाने के बाद एक महीने के भीतर उन्हें पूर्ण वेतन दिए जाने की बात कही गई, लेकिन अब तक शासन का आदेश नहीं आया है. लिहाजा जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होगी डॉक्टर हड़ताल पर डटे रहेंगे.

हड़ताल पर बैठे डॉक्टर

वहीं 30 नवंबर से डॉक्टर धरने पर बैठे हुए हैं. अस्पताल प्रशासन और जिला प्रशासन पीजी डॉक्टरों से कई बार वार्ता कर चुका है, लेकिन डॉक्टर अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं और सीधे मुख्यमंत्री से शासनादेश की मांग कर रहे हैं. डॉक्टर सात दिनों से प्राचार्य के कार्यालय के बाहर टेंट लगाकर धरने पर बैठे हुए हैं और अलग-अलग समय में अलग-अलग छात्र भूख हड़ताल कर रहे हैं.

Last Updated : Dec 6, 2020, 6:24 PM IST
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