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कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में बाघों की गिनती शुरू, कैमरा ट्रैप की ली जा रही मदद

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में बाघों की गणना का काम शुरू हो गया है. इसके लिए दो कैमरा ट्रैप लगाए गए हैं ताकि बाघों की गणना सही तरीके से हो.

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Published : Nov 22, 2019, 1:18 PM IST

कार्बेट टाइगर रिजर्व के बाघों की गणना शुरू

रामनगरः राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के निर्देशानुसार कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में फेज फोर के तहत बाघों की गणना का कार्य शुरू हो गया है. इस गणना के लिए कैमरा ट्रैप का सहारा लिया जा रहा है. इसके लिए प्रशिक्षित कर्मचारियों को काम पर लगाया गया है.

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में बाघों की फेज फोर वर्ष 2019-20 की गणना का कार्य शुरू हो गया है. एनटीसीए की गाइड लाइन के अनुसार इस गणना को करने के लिए पूर्व की भांति कैमरा ट्रैप का सहारा लिया गया है. जिसमें बाघों की फोटो को कैप्चर किया जायेगा. जिसके बाद इन कैमरा ट्रैप का डेटा इकट्ठा कर उनमें आई बाघों की तस्वीरों का आंकलन किया जायेगा. एक्सपर्ट्स का ऐसा दावा है कि इससे बाघों की सही संख्या निकलकर सामने आयेगी.

बाघों की गिनती शुरू

पढ़ेंः कॉर्बेट पार्क की फर्जी वेबसाइट पर प्रशासन सख्त, पर्यटकों से हो रही थी धोखाधड़ी

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक चंद्रशेखर जोशी ने बताया कि बाघों की फेज फोर की गणना के लिए कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के क्षेत्रफल को 541 ग्रिड में बांटा गया है. हर ग्रिड में दो कैमरा ट्रैप लगाए गए हैं. ये दोनों ही कैमरा ट्रैप बाघों के गुजरने वाले मार्ग के दायीं और बायीं ओर लगाये गए हैं ताकि उधर से गुजरने वाले बाघों की दोनों साइडों की धारियां कैमरे में कैद हो जाएं.

पढ़ेंः पिंजरे में कैद हुआ आदमखोर, 3 महीनों से दहशत में थे ग्रामीण

उन्होंने कहा कि इन कैमरा ट्रैप की अवधि 50 दिन निर्धारित की गयी है. हर 25 दिन में इन कैमरा ट्रैप का डाटा अपलोड किया जाएगा और उनको दूसरी जगह लगाया जाएगा. उपनिदेशक ने बताया कि सभी कर्मचारियों को कैमरा ट्रैप लगाने का प्रशिक्षण दिया जा चुका है.

रामनगरः राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के निर्देशानुसार कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में फेज फोर के तहत बाघों की गणना का कार्य शुरू हो गया है. इस गणना के लिए कैमरा ट्रैप का सहारा लिया जा रहा है. इसके लिए प्रशिक्षित कर्मचारियों को काम पर लगाया गया है.

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में बाघों की फेज फोर वर्ष 2019-20 की गणना का कार्य शुरू हो गया है. एनटीसीए की गाइड लाइन के अनुसार इस गणना को करने के लिए पूर्व की भांति कैमरा ट्रैप का सहारा लिया गया है. जिसमें बाघों की फोटो को कैप्चर किया जायेगा. जिसके बाद इन कैमरा ट्रैप का डेटा इकट्ठा कर उनमें आई बाघों की तस्वीरों का आंकलन किया जायेगा. एक्सपर्ट्स का ऐसा दावा है कि इससे बाघों की सही संख्या निकलकर सामने आयेगी.

बाघों की गिनती शुरू

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कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक चंद्रशेखर जोशी ने बताया कि बाघों की फेज फोर की गणना के लिए कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के क्षेत्रफल को 541 ग्रिड में बांटा गया है. हर ग्रिड में दो कैमरा ट्रैप लगाए गए हैं. ये दोनों ही कैमरा ट्रैप बाघों के गुजरने वाले मार्ग के दायीं और बायीं ओर लगाये गए हैं ताकि उधर से गुजरने वाले बाघों की दोनों साइडों की धारियां कैमरे में कैद हो जाएं.

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उन्होंने कहा कि इन कैमरा ट्रैप की अवधि 50 दिन निर्धारित की गयी है. हर 25 दिन में इन कैमरा ट्रैप का डाटा अपलोड किया जाएगा और उनको दूसरी जगह लगाया जाएगा. उपनिदेशक ने बताया कि सभी कर्मचारियों को कैमरा ट्रैप लगाने का प्रशिक्षण दिया जा चुका है.

Intro:intro-रामनगर एनटीसीए के निर्देशानुसार कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व में फेज फोर की बाघों की गणना का कार्य हो गया है | इस गणना को करने के लिए कैमरा ट्रैप का सहारा लिया लिया गया | इसके लिए प्रशिक्षित कर्मचारियों को काम पर लगाया गया है |

Body:vo.-कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व में बाघों की फेज फॉर वर्ष 2019-20 की गणना का कार्य शुरू हो गया है | एनटीसीए के निर्देशानुसार बाघों की गणना का कार्य किया जा रहा है | एनटीसीए की गाइड लाइन के अनुसार इस गणना को करने के लिए पूर्व की भाँती कैमरा ट्रैप का सहारा लिया गया है | जिसमे बाघों की फोटो को कैप्चर किया जायेगा | जिसके बाद इन कैमरा ट्रैप का डेटा इकट्ठा कर उनमे आयी बाघों की तस्वीरों का आँकलन किया जायेगा,जिसके बाद बाघों की सही संख्या निकल कर सामने आयेगी | इस विषय में कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व के उपनिदेशक चंद्रशेखर जोशी ने बताया की बाघों की फेज फोर की गणना के लिए कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व के क्षेत्र फल को 541 ग्रिड में बाँटा गया है | हर ग्रिड में दो कैमरा ट्रैप लगाए गये है | यह दोनों ही कैमरा ट्रैप बाघों के गुजरने वाले मार्ग के दायीं और बायीं दोनों ओर लगाये गए है | ताकि उधर से गुजरने वाले बाघों की दोनों साइडो की धारियाँ कैमरा में कैद हो जाये | लगाये गये इन कैमरा ट्रैप की अवधि 50 दिन निर्धारित की गयी है | हर पच्चीस दिन में इन कैमरा ट्रैप का डाटा अपलोड किया जायेगा और जिन कैमरा ट्रैप में बाघों की तस्वीर नहीं आयी होगी तो उन कैमरा ट्रैप का स्थान बदल कर दूसरी जगह लगाया जायेगा | अंत में सारा डाटा एकत्रित कर उनका आँकलन किया जायेगा | उपनिदेशक ने बताया की कैमरा ट्रैप लगाने का प्रशिक्षण कर्मचारियों को दिया जा चुका है |

byte-चंद्रशेखर जोशी (उपनिदेशक,कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व )Conclusion:
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