रामनगर: कॉर्बेट टाइगर रिजर्व का पाखरो टूरिज्म जोन में बन रहे उत्तराखंड के पहले टाइगर सफारी का कार्य अपने अंतिम पड़ाव है. टाइगर सफारी के बनने से कॉर्बेट पार्क के पर्यटन को नया आयाम मिलेगा. यहां जो भी पर्यटक आएगा, उसको को टाइगर के दीदार की गारंटी होगी. यानी टाइगर के दीदार होंगे.
विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क बाघों के घनत्व व जैव विविधता के लिए देश विदेश में जाना जाता है. हर वर्ष बाघों एवं अन्य वन्यजीवों के दीदार के लिए लाखों पर्यटक जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क पहुंचते हैं. वहीं कई बार पर्यटकों को बाघ के दर्शन ना होने पर पर्यटक मायूस लौट जाते थे. लेकिन अब जल्द ही कॉर्बेट पार्क में 100 फीसदी बाघ दिखने की गारंटी होगी.
सीटीआर निदेशक राहुल कुमार ने बताया कि कॉर्बेट पार्क के कालागढ़ से 24 किलोमीटर दूर पाखरो टूरिज्म जोन पड़ता है. यहां पर टाइगर सफारी के लिए दो बाड़े बनाए जा रहे हैं. एक बाड़ा लगभग 53 हेक्टेयर का होगा और दो बाड़े लगभग 106 हेक्टेयर के होंगे. बाड़ों में अंदर गाड़ियों के चलने के लिए साइड में लाइनें बनाई गए हैं, जिनमें साउथ अफ्रीका की तर्ज पर ही पर्यटकों को बाघों के सौ फीसदी दीदार होंगे.
राहुल कुमार ने बताया कि बाड़ों को चारों तरफ से लोहे के जाल से बंद किया गया है. एक बाड़े में एक मेल और एक फीमेल टाइगर रखा जाएगा, जबकि दूसरे बाड़े में एक मेल और दो फीमेल टाइगर रखे जाएंगे. उसके बाद उसमें पर्यटन गतिविधियां शुरू की जाएगी.
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पीएम मोदी ने की थी घोषणा: बता दें, जब 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कॉर्बेट पार्क आए थे, तो उन्होंने कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के पाखरो में टाइगर सफारी बनाने की घोषणा की थी. जिसके बाद सेंट्रल जू अथॉरिटी, एनटीसीए और भारत सरकार की अनुमति के बाद कोर्बेट पार्क में टाइगर सफारी का निर्माण कार्य जारी है.