रामनगर: बाघों की राजधानी के नाम से मशहूर कॉर्बेट टाइगर रिजर्व (सीटीआर) में बाघों की गणना का काम अंतिम चरण में चल रहा है. सीटीआर कैमरों में कैद डाटा को संकलित कर बाघों की वास्तविक संख्या का पता लगाने में जुटा हुआ है. उम्मीद की जा रही है कि इस बार बाघों की संख्या 250 के पार पहुंच सकती है.
सीटीआर में बाघों की गणना की शुरुआत साल 2006 से हुई थी. राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (National Tiger Conservation Authority) हर साल देश के सभी टाइगर रिजर्व में बाघों की गणना करता है. सीटीआर में हर साल बाघों की संख्या बढ़ रही है.
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साल 2006 के आंकड़ों पर नजर डालें तो सीटीआर में बाघों की संख्या 137 थी. 2010 में ये बढ़कर 174 हो गई थी. इसके बाद 2014 में ये बढ़कर 215 हो गई थी. हालांकि 2018 की गणना के आंकड़े भारतीय वन्यजीव संस्थान ने अभीतक नहीं दिए हैं. लेकिन अनुमान है कि ये संख्या बढ़कर 250 के करीब हो गई थी. सीटीआर के निदेशक राहुल कुमार की मानें तो इस बार ये संख्या 250 से पार पहुंचने की उम्मीद है, जो सीटीआर के लिए बड़ी अच्छी खबर होगी.