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लॉकडाउन ने शहरी बच्चों को दिखाई पैतृक जमीन, सालों बाद घर लौटे प्रवासी - हल्द्वानी लौटे प्रवासी समाचार

लॉकडाउन के चलते कई प्रवासी वर्षों बाद अपने घर लौट रहे हैं. गुजरात में उत्तराखंड प्रवासी भारी संख्या में हैं. लॉकडाउन में वे सब भी अपने घर वापस लौट रहे हैं.

lockdown 4.0 nainital haldwani updates, प्रवासियों की घर वापसी हल्द्वानी न्यूज
वर्षों बाद घर लौटे प्रवासी.
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Published : May 19, 2020, 11:49 AM IST

हल्द्वानी: कोरोना के चलते पूरे देश में लॉकडाउन 4.0 की शुरुआत हो गई है. ऐसे में काम धंधे ठप होने की वजह से कई प्रवासी अपने घर की ओर लौट रहे हैं. उत्तराखंड के भी कई प्रवासी लोग अपने परिवार के साथ घर वापस आ रहे हैं.

वर्षों बाद घर लौटे प्रवासी.

ऐसे में कई परिवार ऐसे हैं जो कई दशकों से अन्य राज्यों में जाकर बस चुके हैं, लेकिन लॉकडाउन के चलते उनकी रोजी-रोटी अब वहां खत्म हो चुकी है. ऐसे में मजबूरन उन्हें अपने पैतृक गांव लौटना पड़ रहा है. उन्हीं प्रवासियों में ऐसे बच्चे हैं जिनकी जन्म भूमि अन्य प्रदेशों में है और पहली बार अपनी पैतृक जमीन पर पहुंच रहे हैं. ये लोग उत्तराखंड पहुंच काफी खुश नजर आ रहे हैं और अपनी संस्कृति से रूबरू हो सकेंगे.

यह भी पढ़ें-एक लाख से ज्यादा प्रवासी पहुंच चुके हैं उत्तराखंड, जानिए सरकार की आगे की प्लानिंग

बता दें कि गुजरात में उत्तराखंडी प्रवासी बड़ी संख्या में हैं. ऐसे में उत्तराखंड के कई ऐसे परिवार हैं जो दशकों से वहां रहकर अपनी रोजी-रोटी कमा रहे हैं. उनके बच्चे भी वहीं पैदा हुए हैं. लॉकडाउन के चलते अब उनके कारोबार और नौकरियां खत्म हो चुकी हैं. ऐसे में अब उनको मजबूरन अपनी पैतृक जमीन उत्तराखंड को लौटना पड़ रहा है. गुजरात से तीन ट्रेनें प्रवासियों को लेकर कुमाऊं मंडल में पहुंच चुकी हैं.

हल्द्वानी: कोरोना के चलते पूरे देश में लॉकडाउन 4.0 की शुरुआत हो गई है. ऐसे में काम धंधे ठप होने की वजह से कई प्रवासी अपने घर की ओर लौट रहे हैं. उत्तराखंड के भी कई प्रवासी लोग अपने परिवार के साथ घर वापस आ रहे हैं.

वर्षों बाद घर लौटे प्रवासी.

ऐसे में कई परिवार ऐसे हैं जो कई दशकों से अन्य राज्यों में जाकर बस चुके हैं, लेकिन लॉकडाउन के चलते उनकी रोजी-रोटी अब वहां खत्म हो चुकी है. ऐसे में मजबूरन उन्हें अपने पैतृक गांव लौटना पड़ रहा है. उन्हीं प्रवासियों में ऐसे बच्चे हैं जिनकी जन्म भूमि अन्य प्रदेशों में है और पहली बार अपनी पैतृक जमीन पर पहुंच रहे हैं. ये लोग उत्तराखंड पहुंच काफी खुश नजर आ रहे हैं और अपनी संस्कृति से रूबरू हो सकेंगे.

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बता दें कि गुजरात में उत्तराखंडी प्रवासी बड़ी संख्या में हैं. ऐसे में उत्तराखंड के कई ऐसे परिवार हैं जो दशकों से वहां रहकर अपनी रोजी-रोटी कमा रहे हैं. उनके बच्चे भी वहीं पैदा हुए हैं. लॉकडाउन के चलते अब उनके कारोबार और नौकरियां खत्म हो चुकी हैं. ऐसे में अब उनको मजबूरन अपनी पैतृक जमीन उत्तराखंड को लौटना पड़ रहा है. गुजरात से तीन ट्रेनें प्रवासियों को लेकर कुमाऊं मंडल में पहुंच चुकी हैं.

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