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बाघ के आतंक से खौफजदा ग्रामीण, कई मवेशियों को बना चुका है निवाला

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Published : Nov 30, 2019, 10:25 PM IST

तराई पश्चिमी वन विभाग की बन्नाखेड़ा रेंज के बीचाबंगर गांव में कई दिनों से बाघ का आतंक बना हुआ है. ऐसे में लगातार बाघ मवेशियों को अपना निवाला बना रहा है.

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बाघ के आतंक से उड़ी ग्रामीणों की नींद

कालाढूंगीः बीचाबंगर गांव में इनदिनों बाघ ने आतंक मचाया हुआ है. ऐसे में ग्रामीण घरों से बाहर निकलने में भी कतरा है. वहीं, इस इलाके में बाघ अबतक कई मवेशियों को अपना निवाला बना चुका है. ऐसे में शाम ढलते ही ग्रामीण अपने घरों में कैद होने को मजबूर हैं.

बाघ के आतंक से उड़ी ग्रामीणों की नींद

बता दें कि तराई पश्चिमी वन विभाग की बन्नाखेड़ा रेंज अंतर्गत बीचाबंगर गांव में कई दिनों से गुलदार का आतंक बना हुआ है. ऐसे में लगातार बाघ मवेशियों को अपना निवाला बना रहा है. वहीं, बीती रात को भी बाघ ने एक मवेशी को अपना शिकार बना लिया. जिसे लेकर ग्रामीणों में भी दहशत है.

ये भी पढ़ेंःदेहरादूनः हवालात में बंद रेप आरोपी ने कंबल का फंदा बनाकर की आत्महत्या

वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि बाघ के आतंक से निजात दिलाने के लिए वह कई बार वन विभाग के अधिकारियों से गुहार लगा चुके हैं. लेकिन बावजूद इसके आजतक कोई भी वन कर्मचारी गांव में नहीं पहुंचा. ऐसे में विभाग की कार्यप्रणाली को लेकर ग्रामीणों में खासा अक्रोश व्याप्त है. उधर, इस मामले में तराई पश्चिमी वन प्रभाग के वनाधिकारी हिमांशु बांगरी ने बताया कि विभाग की ओर से नियमित रूप से गश्त लगाई जाती है. वहीं, जिस काश्तकार की गाय को बाघ ने निवाला बनाया है. उसे विभाग द्वारा उचित मुआवजा दिया जाएगा.

कालाढूंगीः बीचाबंगर गांव में इनदिनों बाघ ने आतंक मचाया हुआ है. ऐसे में ग्रामीण घरों से बाहर निकलने में भी कतरा है. वहीं, इस इलाके में बाघ अबतक कई मवेशियों को अपना निवाला बना चुका है. ऐसे में शाम ढलते ही ग्रामीण अपने घरों में कैद होने को मजबूर हैं.

बाघ के आतंक से उड़ी ग्रामीणों की नींद

बता दें कि तराई पश्चिमी वन विभाग की बन्नाखेड़ा रेंज अंतर्गत बीचाबंगर गांव में कई दिनों से गुलदार का आतंक बना हुआ है. ऐसे में लगातार बाघ मवेशियों को अपना निवाला बना रहा है. वहीं, बीती रात को भी बाघ ने एक मवेशी को अपना शिकार बना लिया. जिसे लेकर ग्रामीणों में भी दहशत है.

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वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि बाघ के आतंक से निजात दिलाने के लिए वह कई बार वन विभाग के अधिकारियों से गुहार लगा चुके हैं. लेकिन बावजूद इसके आजतक कोई भी वन कर्मचारी गांव में नहीं पहुंचा. ऐसे में विभाग की कार्यप्रणाली को लेकर ग्रामीणों में खासा अक्रोश व्याप्त है. उधर, इस मामले में तराई पश्चिमी वन प्रभाग के वनाधिकारी हिमांशु बांगरी ने बताया कि विभाग की ओर से नियमित रूप से गश्त लगाई जाती है. वहीं, जिस काश्तकार की गाय को बाघ ने निवाला बनाया है. उसे विभाग द्वारा उचित मुआवजा दिया जाएगा.

Intro:कालाढुंगी के बीचबंगर गांव मैं इनदिनों बाघ का आतंक मचा हुआ है जिससे ग्रामीण खौफजदा है, ग्रामीणों का शाम होते ही घरों से निकलना मुहाल हो गया है। बीचबंगर गांव जंगल के नजदीक होने से बाघ ने गांव के दर्जन भर से ज्यादा मवेशियों को अपना निवाला बना चुका है बावजूद इसके विभाग की ओर से ग्रामीणों को कोई मदद नही दी जा रही है।Body:कालाढुंगी मैं तराई पश्चमी वन विभाग की बन्नाखेड़ा रेंज के बीचाबंगर गाँव मे पिछले कई दिनों से गुलदार का है आतंक, लगातार गुलदार ग्रामीणों के मवेशियों को बना रहा है अपना निवाला, कल रात भी गुलदार ने मवेशी को बनाया अपना शिकार, गुलदार के आतंक से ग्रामीण भी दहशत में है, ग्रामीणों ने कई बार गुलदार के गाँव मे होने की सूचना वन विभाग के डीएफओ और रेन्जर को दी, लेकिन आजतक कोई भी वन कर्मी गाँव मे नही पहुँचा जिससे ग्रामीणों में विभाग के प्रति है आक्रोश ।
शाम होते ही बच्चों को घरों में कैद करने को मजबूर है ग्रामीण!आपको बता दें कि इस मामले में तराई पश्चिमी के डी.एफ.ओ हिमांशु बागड़ी को भी ग्रामीणों व मीडिया के द्वारा अवगत कराया गया,कि बीचाबंगर गांव में लगातार बाघ देखा जा रहा है, और 5से ज्यादा मवेशियों को मार भी चूका है,और कई गायों को हो हल्ला करके बाघ से बचाया भी गया है, पर उसके बाद भी विभाग का कोई कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचा, उसका नतीजा आज ये हुआ कि आज सुबह 3 बजे बाघ ने एक और मवेशी को बनाया अपना निवाला!
इस घटना के बाद से ग्रामीणों में विभाग के प्रति काफी रोष है!Conclusion:तराई पश्चमी वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी हिमांशु बागरी ने बताया कि विभाग की ओर से नियमित रूप से गश्त लगाई जाती है । साथ ही ये भी बताया कि जो गाय बाघ का शिकार हुई है उसकी उम्र के हिसाब से ही ग्रामीणों को मुआवजा दिया जाएगा।
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