रामनगर: पीरूमदारा क्षेत्र के भगतपुर मड़ियाल में एक झोलाछाप डॉक्टर पर किशोरी का गलत इलाज करने से उसकी मौत होने का आरोप लगा है. परिजनों का आरोप है कि किशोरी को पीलिया की शिकायत थी, जिसे इलाज के लिए वो पीरूमदारा स्थित एक क्लीनिक ले गए, जहां डॉक्टर ने उसे इंजेक्शन लगाया, जिससे किशोरी की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई. आनन-फानन में परिजन किशोरी को दूसरे अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
बता दें कि, भगतपुर मड़ियाल निवासी दीपिका नेगी को दो दिन पूर्व पीलिया की शिकायत हुई थी. जिसके बाद परिजन उसे पीरूमदारा स्थित एक क्लीनिक पर ले गए थे. यहां डॉक्टर ने किशोरी का उपचार करने के बाद, उसे एक इंजेक्शन लगाया, जिससे किशोरी की हालत लगातार बिगड़ती चली गई.
मृतका की चाची बीना नेगी ने बताया कि, भतीजी की हालत बिगड़ने के बाद आज फिर उसे उपचार के लिए उसी डॉक्टर के पास ले गए, लेकिन डॉक्टर ने कहा फोड़ा-फुंसी होने के कारण उसके पैर में सूजन आई है, लेकिन किशोरी की हालत ज्यादा बिगड़ गई. जिसके बाद परिजन उसे काशीपुर के प्राइवेट अस्पताल ले गए, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इसके बावजूद परिजन किशोरी को रामनगर सरकारी अस्पताल ले गए, लेकिन यहां भी चिकित्सकों ने किशोरी को मृत घोषित कर दिया.
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किशोरी की मौत से आक्रोशित परिजन और ग्रामीण झोलाछाप डॉक्टर के क्लीनिक पर पहुंचे, लेकिन उससे पहले वो डॉक्टर क्लीनिक से फरार हो गया. घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस भी रामनगर के सरकारी अस्पताल पहुंची. पुलिस परिजनों से जानकारी जुटा रही है. पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है. वहीं, परिजनों ने आरोपी झोलाछाप डॉक्टर के कार्रवाई करने की मांग की है.
बता दें कि रामनगर और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में झोलाछाप डॉक्टर गरीबों और मासूमों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग द्वारा इन झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कई बार अभियान भी चलाया गया, लेकिन उसके बाद भी लगातार यह झोलाछाप डॉक्टर गरीबों की जिंदगी को दांव पर लगा रहे हैं.
पूर्व में भी एक सप्ताह पहले स्वास्थ्य विभाग ने झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ अभियान चलाया गया था, लेकिन मात्र एक दिन का ही अभियान चलाने के बाद स्वास्थ्य विभाग खामोश बैठ गया. झोलाछाप डॉक्टर लगातार गरीबों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग पर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं.