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कस्टमर्स की जुबान पर चढ़ जाता है इस जलेबी का स्वाद, 50 साल से कायम है जलवा, देखें रेसिपी

Taste of Ramnagar's Jalebi भारतीय मिठाइयों में जलेबी प्रमुख स्थान रखती है. चाशनी से भरी जलेबी देखते ही मुंह में पानी आ जाता है. आज हम आपको रामनगर के टीटू भाई की जलेबी की दुकान में ले चलते हैं. टीटू भाई खुद बता रहे हैं कि वो स्वादिष्ट जलेबी कैसे बनाते हैं.

Taste of Ramnagar Jalebi
रामनगर की जलेबी
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 12, 2023, 11:26 AM IST

Updated : Dec 12, 2023, 5:13 PM IST

रामनगर के टीटू भाई की जलेबी बहुत फेमस है

रामनगर: जलेबी का स्वाद ऐसा होता है कि नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है. अगर शुद्धता और स्वच्छता के साथ तैयार की गई जलेबी का स्वाद लेना है तो चले आइये उत्तराखंड के रामनगर. यहां 50 साल से ज्यादा वर्षों से चली आ रही टीटू भाई की जलेबी की बात ही निराली है. जिसने टीटू भाई की जलेबी खाई, वो इसका स्वाद कभी नहीं भूला.

Jalebi of Uttarakhand
रामनगर में टीटू भाई की जलेबी की दुकान प्रसिद्ध है

रामनगर की 50 साल पुरानी जलेबी की दुकान: उत्तराखंड की खान-पान की परंपरा बहुत समृद्ध है. यहां त्योहारों पर अलग अलग पकवान बनाये जाते हैं. जिनका स्वाद सबसे अलग होता है. इनमें से ऐसा ही एक जलवा जलेबी का है. जलेबी का नाम सुनते ही सबके मुंह में पानी आ जाता है. रामनगर के टीटू भाई जलेबी वालों की जलेबी अगर मिल जाए, तो फिर बात ही कुछ और है. यहां की जलेबी खाने दूर-दूर से लोग आते हैं. जो एक बार टीटू भाई की जलेबी का स्वाद चख लेता है, वो तारीफ करे बिना नहीं रह सकता है. आपको बता दें कि यह दुकान रामनगर के मुख्य बाजार में स्थित है, जो 50 वर्षों से इसी कार्य को करते हुए आ रहे हैं. टीटू भाई की जलेबी का स्वाद लेने ग्राहक कई वर्षों से लगातार आ रहे हैं.

Jalebi of Uttarakhand
टीटू भाई की जलेबी लोगों को पसंद आती है

ऐसे बनती है जलेबी: टीटू भाई ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि उनकी यह दुकान 1972 से चली आ रही है. उन्होंने बताया कि उनके पिताजी और अब वह खुद भी जलेबी और अन्य खान पान का सामान बना रहे हैं. उन्होंने बताया कि जलेबी का मसाला मैदा और पानी के घोल से बनाया जाता है. उसे 24 घंटे के लिए खमीर आने का वक्त दिया जाता है.

टीटू भाई की जलेबी खाने को उमड़ती है भीड़: पानी और चीनी के घोल को गर्म कर चाशनी बनाई जाती है. अंतिम स्टेप में, घोल में से गर्म तेल में सीधे जलेबी बनाकर कुरकुरी होने तक तली जाती है. जलेबी के ब्राउन होने पर इसे चाशनी में डुबोया जाता है. इस तरह जलेबी के अंदर चाशनी चली जाती है, और जलेबी खाने के लिए तैयार हो जाती है. टीटू भाई ने बताया कि उनकी जलेबी खाने रामनगर ही नहीं बल्कि ग्रामीण इलाकों से भी लोग पहुंचते हैं.

क्या कहते हैं ग्राहक: पिछले 15 वर्षों से लगातार टीटू भाई की जलेबी का स्वाद लेने आने वाले प्रदीप जोशी कहते हैं कि वह स्कूल टाइम से ही यहां पर दही जलेबी का स्वाद लेने के लिए आ रहे हैं. प्रदीप का कहना है कि टीटू भाई की जलेबी जैसा स्वाद कहीं और नहीं मिलता है. इसलिए वो यहां आकर जलेबी खाते हैं और अपने घर के लिए भी जलेबी ले जाते हैं.
ये भी पढ़ें: जौनसार बावर में मक्के की ये रेसिपी है काफी खास, बीमारियों से लोगों को रखती है दूर

रामनगर के टीटू भाई की जलेबी बहुत फेमस है

रामनगर: जलेबी का स्वाद ऐसा होता है कि नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है. अगर शुद्धता और स्वच्छता के साथ तैयार की गई जलेबी का स्वाद लेना है तो चले आइये उत्तराखंड के रामनगर. यहां 50 साल से ज्यादा वर्षों से चली आ रही टीटू भाई की जलेबी की बात ही निराली है. जिसने टीटू भाई की जलेबी खाई, वो इसका स्वाद कभी नहीं भूला.

Jalebi of Uttarakhand
रामनगर में टीटू भाई की जलेबी की दुकान प्रसिद्ध है

रामनगर की 50 साल पुरानी जलेबी की दुकान: उत्तराखंड की खान-पान की परंपरा बहुत समृद्ध है. यहां त्योहारों पर अलग अलग पकवान बनाये जाते हैं. जिनका स्वाद सबसे अलग होता है. इनमें से ऐसा ही एक जलवा जलेबी का है. जलेबी का नाम सुनते ही सबके मुंह में पानी आ जाता है. रामनगर के टीटू भाई जलेबी वालों की जलेबी अगर मिल जाए, तो फिर बात ही कुछ और है. यहां की जलेबी खाने दूर-दूर से लोग आते हैं. जो एक बार टीटू भाई की जलेबी का स्वाद चख लेता है, वो तारीफ करे बिना नहीं रह सकता है. आपको बता दें कि यह दुकान रामनगर के मुख्य बाजार में स्थित है, जो 50 वर्षों से इसी कार्य को करते हुए आ रहे हैं. टीटू भाई की जलेबी का स्वाद लेने ग्राहक कई वर्षों से लगातार आ रहे हैं.

Jalebi of Uttarakhand
टीटू भाई की जलेबी लोगों को पसंद आती है

ऐसे बनती है जलेबी: टीटू भाई ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि उनकी यह दुकान 1972 से चली आ रही है. उन्होंने बताया कि उनके पिताजी और अब वह खुद भी जलेबी और अन्य खान पान का सामान बना रहे हैं. उन्होंने बताया कि जलेबी का मसाला मैदा और पानी के घोल से बनाया जाता है. उसे 24 घंटे के लिए खमीर आने का वक्त दिया जाता है.

टीटू भाई की जलेबी खाने को उमड़ती है भीड़: पानी और चीनी के घोल को गर्म कर चाशनी बनाई जाती है. अंतिम स्टेप में, घोल में से गर्म तेल में सीधे जलेबी बनाकर कुरकुरी होने तक तली जाती है. जलेबी के ब्राउन होने पर इसे चाशनी में डुबोया जाता है. इस तरह जलेबी के अंदर चाशनी चली जाती है, और जलेबी खाने के लिए तैयार हो जाती है. टीटू भाई ने बताया कि उनकी जलेबी खाने रामनगर ही नहीं बल्कि ग्रामीण इलाकों से भी लोग पहुंचते हैं.

क्या कहते हैं ग्राहक: पिछले 15 वर्षों से लगातार टीटू भाई की जलेबी का स्वाद लेने आने वाले प्रदीप जोशी कहते हैं कि वह स्कूल टाइम से ही यहां पर दही जलेबी का स्वाद लेने के लिए आ रहे हैं. प्रदीप का कहना है कि टीटू भाई की जलेबी जैसा स्वाद कहीं और नहीं मिलता है. इसलिए वो यहां आकर जलेबी खाते हैं और अपने घर के लिए भी जलेबी ले जाते हैं.
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Last Updated : Dec 12, 2023, 5:13 PM IST
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