हल्द्वानीः सर्दियों के मौसम में ठंड से बचने के लिए हम गर्म कपड़ों का सहारा लेते हैं. खासकर ऊन से बने कपड़े स्वेटर, मफलर, टोपी आदि पहनते हैं. आम तौर पर ऊन के कपड़े या तो मशीन से बनते हैं या फिर सलाई से. लेकिन आज हम आपको एक ऐसी हुनरमंद युवती से मिलवाते हैं, जिसकी उंगलियों में जादू है. जी हां, स्वस्ति नागपाल ऊन से अलग-अलग कपड़े बनाती हैं, लेकिन उसके लिए मशीन या सलाई का प्रयोग नहीं करती, बल्कि अपनी उंगलियों पर टोपी, मोजे, दस्ताने और मफलर आदि बुन देती हैं.
दरअसल, नैनीताल की स्वस्ति नागपाल अभी 11वीं कक्षा की स्टूडेंट है, लेकिन स्वस्ति की जितनी छोटी उम्र, उतना बड़ा कारनामा भी है. स्वस्ति फिंगर निटिंग में माहिर (Finger knitting Girl Swasti) है. उनकी उंगलियों का कमाल तो देखिए कि तेजी से ऊन को बैंड, टोपी, मफलर दस्ताने और स्टॉल में बदल देती हैं. पिछले 3 सालों से वो अपने उंगलियों का कमाल दिखा रही हैं.
स्वस्ति बताती हैं कि फिंगर निटिंग ऊन को किसी भी कपड़े में बदलते का एक बहुत सरल और तेज तरीका है. अगर आपके पास खाली समय हो तो मोबाइल पर समय बर्बाद करने से अच्छा फिंगर निटिंग (Swasti Nagpal made woolen Products) कीजिए. जिससे आपका टाइम भी पास हो जाएगा और कोई प्रोडक्ट भी तैयार हो जाएगा. जिसे बेचकर आपकी आमदनी भी हो सकती है. या फिर खुद और परिवार के लिए बुनकर ठिठुरन से बचा सकते हैं.
बता दें कि स्वस्ति नागपाल के पिता की नैनीताल में 'नैनीताल ऊन वालों' के नाम से प्रसिद्ध ऊन की दुकान है. नए-नए उनके कलर स्वस्ति को अपनी तरफ बहुत आकर्षित करते हैं. पहले तो स्वस्ति ने धीरे-धीरे काम शुरू किया, लेकिन जब उंगलियों का जादू कपड़ों में बदलने लगा तो उसके बाद स्वस्ति ने ऊन को एक के बाद एक नए कपड़ों में बदल दिया.
स्वस्ति की मां अल्का बताती हैं कि आज के समय में जिस तरह बच्चे मोबाइल पर अपना समय व्यतीत करते हैं. इससे अच्छा ये है कि फिंगर निटिंग (woolen Products by Finger knitting) जैसी चीजें सीख कर निखारने का काम किया जाए. स्वस्ति की मां अल्का अपनी बेटी के इस हुनर पर गर्व महसूस कर रही हैं.
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