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उत्तराखंड में पहली बार शुरू हुई काले गेहूं की बुआई, गुण जानकर हो जाएंगे हैरान

काले गेहूं को गुणों की खान बताया जाता है. अब उत्तराखंड में भी इसकी खेती शुरू हो गई है. हल्द्वानी में पहली बार काले गेहूं की बुआई शुरू हुई है.

black wheat
काले गेहूं
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Published : Nov 24, 2020, 12:40 PM IST

Updated : Nov 24, 2020, 6:03 PM IST

हल्द्वानी: उत्तराखंड के किसान पहली बार काले गेहूं की बुआई कर रहे हैं. काले गेहूं को बहुत ही गुणकारी बताया जाता है. भारत में आमतौर पर सफेद और लाल गेहूं की खेती किसान करते आए हैं. पंजाब के बाद उत्तराखंड के किसान पहली बार काले गेहूं की फसल उगाने जा रहे हैं.

black wheat
जानिए काले गेहूं के गुण.

हल्द्वानी के गोरापड़ाव के रहने वाले प्रगतिशील किसान अनिल पांडे पहली बार अपने खेत में काले गेहूं की खेती कर रहे हैं. इसके अलावा अन्य किसानों को भी काले गेहूं की खेती करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. किसान अनिल पांडे पंजाब के एक इंस्टीट्यूट से काले गेहूं का बीज लाए हैं. खुद अपने खेत में लगाने के साथ-साथ दूसरों को भी गेहूं वितरण कर रहे हैं.

black wheat
पोषक तत्वों की खान है काला गेहूं.

प्रगतिशील किसान अनिल पांडे ने बताया कि वो ऑर्गेनिक खेती करते रहे हैं. पहली बार उनको पता चला कि पंजाब में काले गेहूं का उत्पादन शुरू हो चुका है. उन्होंने पंजाब के एक इंस्टीट्यूट से ₹100 प्रति किलो के हिसाब से बीज मंगाया है. उन्होंने बताया कि काले गेहूं की डिमांड आम गेहूं की तुलना में 3 गुना ज्यादा है. ये तीन गुना ज्यादा दाम में भी बिकता है. ऐसे में अगर किसान काले गेहूं का उत्पादन करते हैं तो उनकी आय में इजाफा होगा.

उत्तराखंड में काले गेहूं की खेती शुरू हो गई है.

उन्होंने बताया कि काले गेहूं में एंटी ऑक्सीडेंट की काफी मात्रा है. अगर कोई व्यक्ति इस गेहूं के आटे का प्रयोग करता है तो कैंसर, मधुमेह, हृदय रोग, मोटापा जैसी बीमारियों से लड़ने की उसकी क्षमता बढ़ जाती है. काले गेहूं में आम गेहूं की तुलना में आयरन 60% अधिक है.

पढ़ें: कोरोना टेस्टिंग के बाद ही महाकुंभ में मिलेगी एंट्री, महा आयोजन की हो रही तैयारी

अनिल पांडे ने बताया कि काले गेहूं का उत्पादन अन्य गेहूं की तुलना में अधिक होता है. बताया जा रहा है कि प्रति एकड़ 18 से 22 क्विंटल तक काले गेहूं का उत्पादन हो सकता है. ट्रायल के तौर पर पहली बार एक बीघा में उन्होंने काला गेहूं बोया है. अगर सफलता मिली तो भविष्य में काले गेहूं का उत्पादन करेंगे. अन्य किसानों को भी जैविक तरीके से काले गेहूं के उत्पादन के लिए प्रेरित करेंगे.

पढ़ें: सुरेश भट्ट की उत्तराखंड बीजेपी में होगी वापसी, पार्टी दे सकती है बड़ी जिम्मेदारी

प्रगतिशील किसान अनिल पांडे ने कहा कि सरकार को चाहिए कि किसानों की आय में वृद्धि के लिए काले गेहूं के उत्पादन को बढ़ावा दें. इसके लिए सरकार क्लस्टर बनाकर किसानों को काला गेहूं उत्पादन के लिए प्रेरित करे. सब्सिडी के आधार पर बीज उपलब्ध कराएं जिससे कि उत्तराखंड के किसान काले गेहूं का उत्पादन कर अपनी आय में इजाफा कर सकें और लोगों तक जैविक गेहूं भी उपलब्ध हो सके. किसान अनिल पांडे अपने खेत काले गेहूं को ऑर्गेनिक तरीके से उगाने जा रहे हैं.

काले गेहूं के गुण सुनकर हैरान रह जाएंगे आप !

  • दिल के रोगों को रखता है दूर
  • कब्ज दूर करे
  • पेट के कैंसर में फायदा
  • हाई ब्लड प्रेशर में लाभ
  • डायबिटीज में असरदार
  • आंतों का इंफेक्शन करे खत्म

पोषक तत्वों की खान है काला गेहूं

  • प्रति 100 ग्राम में 343 कैलोरी
  • पानी 10%
  • प्रोटीन 13.3 ग्राम
  • कार्ब्स 71.5 ग्राम
  • चीनी 0 ग्राम
  • फाइबर 10 ग्राम
  • वसा 3.4 ग्राम

हल्द्वानी: उत्तराखंड के किसान पहली बार काले गेहूं की बुआई कर रहे हैं. काले गेहूं को बहुत ही गुणकारी बताया जाता है. भारत में आमतौर पर सफेद और लाल गेहूं की खेती किसान करते आए हैं. पंजाब के बाद उत्तराखंड के किसान पहली बार काले गेहूं की फसल उगाने जा रहे हैं.

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जानिए काले गेहूं के गुण.

हल्द्वानी के गोरापड़ाव के रहने वाले प्रगतिशील किसान अनिल पांडे पहली बार अपने खेत में काले गेहूं की खेती कर रहे हैं. इसके अलावा अन्य किसानों को भी काले गेहूं की खेती करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. किसान अनिल पांडे पंजाब के एक इंस्टीट्यूट से काले गेहूं का बीज लाए हैं. खुद अपने खेत में लगाने के साथ-साथ दूसरों को भी गेहूं वितरण कर रहे हैं.

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पोषक तत्वों की खान है काला गेहूं.

प्रगतिशील किसान अनिल पांडे ने बताया कि वो ऑर्गेनिक खेती करते रहे हैं. पहली बार उनको पता चला कि पंजाब में काले गेहूं का उत्पादन शुरू हो चुका है. उन्होंने पंजाब के एक इंस्टीट्यूट से ₹100 प्रति किलो के हिसाब से बीज मंगाया है. उन्होंने बताया कि काले गेहूं की डिमांड आम गेहूं की तुलना में 3 गुना ज्यादा है. ये तीन गुना ज्यादा दाम में भी बिकता है. ऐसे में अगर किसान काले गेहूं का उत्पादन करते हैं तो उनकी आय में इजाफा होगा.

उत्तराखंड में काले गेहूं की खेती शुरू हो गई है.

उन्होंने बताया कि काले गेहूं में एंटी ऑक्सीडेंट की काफी मात्रा है. अगर कोई व्यक्ति इस गेहूं के आटे का प्रयोग करता है तो कैंसर, मधुमेह, हृदय रोग, मोटापा जैसी बीमारियों से लड़ने की उसकी क्षमता बढ़ जाती है. काले गेहूं में आम गेहूं की तुलना में आयरन 60% अधिक है.

पढ़ें: कोरोना टेस्टिंग के बाद ही महाकुंभ में मिलेगी एंट्री, महा आयोजन की हो रही तैयारी

अनिल पांडे ने बताया कि काले गेहूं का उत्पादन अन्य गेहूं की तुलना में अधिक होता है. बताया जा रहा है कि प्रति एकड़ 18 से 22 क्विंटल तक काले गेहूं का उत्पादन हो सकता है. ट्रायल के तौर पर पहली बार एक बीघा में उन्होंने काला गेहूं बोया है. अगर सफलता मिली तो भविष्य में काले गेहूं का उत्पादन करेंगे. अन्य किसानों को भी जैविक तरीके से काले गेहूं के उत्पादन के लिए प्रेरित करेंगे.

पढ़ें: सुरेश भट्ट की उत्तराखंड बीजेपी में होगी वापसी, पार्टी दे सकती है बड़ी जिम्मेदारी

प्रगतिशील किसान अनिल पांडे ने कहा कि सरकार को चाहिए कि किसानों की आय में वृद्धि के लिए काले गेहूं के उत्पादन को बढ़ावा दें. इसके लिए सरकार क्लस्टर बनाकर किसानों को काला गेहूं उत्पादन के लिए प्रेरित करे. सब्सिडी के आधार पर बीज उपलब्ध कराएं जिससे कि उत्तराखंड के किसान काले गेहूं का उत्पादन कर अपनी आय में इजाफा कर सकें और लोगों तक जैविक गेहूं भी उपलब्ध हो सके. किसान अनिल पांडे अपने खेत काले गेहूं को ऑर्गेनिक तरीके से उगाने जा रहे हैं.

काले गेहूं के गुण सुनकर हैरान रह जाएंगे आप !

  • दिल के रोगों को रखता है दूर
  • कब्ज दूर करे
  • पेट के कैंसर में फायदा
  • हाई ब्लड प्रेशर में लाभ
  • डायबिटीज में असरदार
  • आंतों का इंफेक्शन करे खत्म

पोषक तत्वों की खान है काला गेहूं

  • प्रति 100 ग्राम में 343 कैलोरी
  • पानी 10%
  • प्रोटीन 13.3 ग्राम
  • कार्ब्स 71.5 ग्राम
  • चीनी 0 ग्राम
  • फाइबर 10 ग्राम
  • वसा 3.4 ग्राम
Last Updated : Nov 24, 2020, 6:03 PM IST
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