हल्द्वानी: उत्तराखंड में बारिश का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. पहाड़ों पर हुई बारिश के बाद गौला नदी उफान पर है. जिससे किसानों की फसल बर्बाद कर दी है. गौला नदी के किनारों पर लगातार भूकटाव हो रहा है, जिसके नदी किनारे बसे ग्रामीण दहशत में है. किसानों ने जिला प्रशासन और सरकार के मदद की गुहार लगाई है.
सरकार को हर साल करोड़ों रुपए का राजस्व देने वाली गौला नदी बरसात में ग्रामीणों को बड़ा नुकसान पहुंचाती है. हल्द्वानी से लेकर शांतिपुरी तक गौला नदी हर साल तबाही मचाती है. नदी किनारे खेती की बड़ी जमीन गौला नदी में समा चुकी है. बिन्दुखत्ता क्षेत्र के रावत नगर इलाके के किसानों की कई एकड़ गन्ने और धान की फसल गौला नदी की भेंट चढ़ गई है.
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किसानों ने स्थानीय विधायक और जिला प्रशासन से जमीनों और फसलों को बचाने की गुहार लगाई है. ग्रामीणों की मानें तो गौला नदी हर साल इसी तरह की उनकी फसलों को बर्बाद कर देती है. प्रशासन और सरकार मुआवजे के नाम पर किसानों को कुछ नहीं देती है. बिन्दुखत्ता क्षेत्र के किसानों को अब चिंता सताने लगी है कि यदि सरकार को कोई ठोस कदम नहीं उठाया एक दिन गौला नदी उन्हें तबाह कर देगी.
किसानों ने सरकार और प्रशासन से मांग की है कि नदी में बहाव चैनल बनाकर उसी धारों को बीचों-बीच किया जाए. किसानों की समस्या को लेकर स्थानीय विधायक नवीन दुमका से बात की गई तो उन्होंने कहा कि गौला नदी हर साल किसानों की फसल बर्बाद करती है. किसानों ने मांग की है कि नदी को चैनलाइज करने का काम जल्द शुरू कर दिया. साथ ही तटबंध भी बनाए जाए.