हल्द्वानी: उत्तराखंड के लोक गायक हीरा सिंह राणा के निधन पर लोक गायिका माया उपाध्याय ने शोक जताया है. माया उपाध्याय ने कहा कि हीरा सिंह राणा उनके गुरु थे और उन्होंने 7 साल की उम्र से उनके साथ अपने करियर की शुरूआत की थी. माया उपाध्याय ने कहा है कि दूरदर्शन के एक कार्यक्रम में हीरा सिंह राणा ने उनको बैल का रोल निभाने को कहा था. जिसके बाद उनकी बातों पर अमल करते हुए आज इस मुकाम तक पहुंची हैं.
उत्तराखंड की मशहूर लोक गायिका माया उपाध्याय ने कहा है कि हीरा सिंह राणा की लोक गायिका का क्षेत्र में इतना बड़ा नाम थे की उनकी कमी को कभी पूरा नहीं किया जा सकेगा. उत्तराखंड के बड़े-बड़े कलाकार उनके सानिध्य में काम कर चुके हैं और उनका निधन उत्तराखंड संगीत जगत के लिए एक बड़ी क्षति है. माया उपाध्याय ने बताया कि उन्होंने बचपन में उनसे कहा था कि कलाकार के लिए कोई भी रोल छोटा नहीं होता है, जिसका पालन करते हुए वह खुद आज इस मुकाम तक पहुंची हैं.
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माया उपाध्याय ने बताया कि हीरा सिंह राणा और वे कई कार्यक्रमों में मंच साझा कर चुके हैं. 5 जनवरी 2020 को हीरा सिंह राणा और वह गुड़गांव के एक कार्यक्रम में अंतिम बार एक साथ मौजूद थे. माया उपाध्याय ने कहा कि हीरा सिंह राणा का जाना उनके लिए काफी कष्टदायक है.
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माया उपाध्याय का कहना है कि हीरा सिंह राणा के लोक गीतों को पहाड़ के लोग आज भी गुनगुनाते हैं और उनकी ठेठ पहाड़ी गीतों की वजह से लोग उनको पसंद करते हैं. हीरा सिंह राणा उत्तराखंड की लोक कलाओं और लोक संस्कृति के अलावा एक अच्छे कवि भी थे, जिनको कभी भुलाया नहीं जा सकता है.