हल्द्वानी: नए परिवहन एक्ट के तहत 15 साल पुरानी सरकारी गाड़ियों को परिवहन विभाग ने संचालन से बाहर कर दिया है. ऐसे में सबसे ज्यादा इसका असर स्वास्थ्य विभाग पर पड़ा है. नैनीताल जनपद के स्वास्थ्य विभाग में विभिन्न कार्यों में तैनात 7 गाड़ियां बाहर हो गई हैं. इससे स्वास्थ्य विभाग के कई कार्य प्रभावित हुए हैं. स्वास्थ्य विभाग अब मात्र 5 वाहनों के माध्यम से काम चला रहा है.
बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य विभाग की यह सभी गाड़ियां कार्यालय के अलावा फील्ड विजिट, परिवार कल्याण, टीबी उन्मूलन कार्यक्रम, स्वास्थ्य विभाग के बहुउद्देशीय कैम्पों के प्रयोग में आती थीं. लेकिन अब नई परिवहन नीति के तहत ये गाड़ियां कबाड़ हो चुकी हैं. ये गाड़ियां स्क्रैप में जानी हैं. इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग की 9 अन्य गाड़ियां हैं जो पूरी तरह से कंडम हो चुकी हैं. ये गाड़ियां सड़कों पर चलने योग्य नहीं हैं.
मुख्य चिकित्सा अधिकारी नैनीताल भागीरथी जोशी ने बताया कि नई परिवहन नीति के तहत नैनीताल जनपद में स्वास्थ्य विभाग की 7 गाड़ियां स्क्रैप हो चुकी हैं. इनकी नीलामी की तैयारियां की जाएंगी. इसके अलावा गाड़ियों की कमी पूरा करने के लिए मुख्यालय को अवगत कराया गया है. उन्होंने कहा कि गाड़ियां नहीं आने के चलते परिवार कल्याण के अलावा स्वास्थ्य विभाग के अन्य काम भी प्रभावित होंगे. वैकल्पिक तौर पर जल्द ही जिला स्वास्थ्य समिति से परमिशन लेकर राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत टेंडर निकालकर दो गाड़ियां लेने की कार्रवाई चल रही है.
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गौरतलब है कि नए परिवहन एक्ट के तहत 15 साल पुरानी गाड़ियों को चलन से बाहर कर दिया गया है. इसका सबसे ज्यादा असर स्वास्थ्य विभाग और वन विभाग पर देखा जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग और वन विभाग की सबसे अधिक गाड़ियां स्क्रैप होनी हैं. गाड़ियों को नीलाम करने के लिए विभाग कार्रवाई भी कर रहा है. साथ ही नई गाड़ियों के लिए मुख्यालय स्तर पर डिमांड की गई है, जिससे कि गाड़ियां जल्द से जल्द उपलब्ध हो सकें.