हल्द्वानी: सर्दियों का मौसम शुरू होते ही कुमाऊं मंडल के जलाशयों में विदेशी साइबेरियन पक्षी सात समुंदर पार कर पहुंचने लगे हैं. प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा करना वन विभाग के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. पक्षियों की सुरक्षा के लिए वन विभाग ने कर्मचारियों को निर्देशित किया है. साथी इस ही वन विभाग इन विदेशी मेहमानों की गणना भी करने जा रहा है. जिससे इन प्रवासी पक्षियों के बारे में वन विभाग को पूरी जानकारी मिल सकेगी.
वन संरक्षक पश्चिमी वृत दीपचंद आर्य ने बताया कि अक्टूबर के प्रथम सप्ताह से प्रवासी पक्षियां तराई में स्थित नानकसागर, तुमडिया डैम, हरिपुरा, बौर, बैगुल, धौरा डैम आदि जगहों के जलाशय में आने शुरू हो गए हैं. उन्होंने बताया कि हर साल जाड़ों की शुरुआत में बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी पहुंचते हैं, जो जनवरी माह तक यहां प्रवास करते हैं. यहां के जलाशय में साइबेरिया से लेकर तिब्बत तक की प्रजाति अस्थायी डेरा जमाती हैं. जिसमे एशियन वुलिनेक, लेसर एजुटेंट, सारस क्रेन, ओरिएंटल डार्टर, ब्लैक नेक्ट स्ट्राक और पेंटेड स्टॉर्क आदि प्रजातियों के प्रवासी पक्षी शामिल हैं.
उन्होंने कहा कि पिछले साल करीब 16 प्रजातियों के पक्षियों की गणना के साथ-साथ उन पक्षियों की फोटोग्राफी भी कराई गई है. इस साल आने वाली प्रजातियों का मिलान किया जाएगा, ताकि पता चल सके कि किसी नई प्रजाति ने तो तराई के जलाशयों को ठिकाना तो नहीं बनाया है. इसके अलावा सभी डीएफओ को निर्देश दिए हैं कि प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा के लिए अलग से टीम गठित की जाए. जिससे पक्षियों की निगरानी करने के साथ शिकारियों पर लगाम लगाई जा सके. इस वर्ष भी प्रवासी पक्षियों की गणना के लिए ड्रोन और कैमरे का सहारा लिया जाएगा. पक्षियों के गणना के लिए सभी डीएफओ को निर्देशित किया गया है की टीम गठित करें जिससे कि प्रवासी पक्षियों की गणना हो सके.
रामनगर के जलाशयों में भी पहुंचे विदेशी मेहमान: विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के लैंडस्केप में वाली नदियां कोसी नदी, रामगंगा नदी,मालधन का तुमड़िया डॉम में प्रवासी पक्षियों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो चुका है.जलाशयों में अठखेलियां करते विदेशी मेहमानों के दीदार करने के लिए पक्षी प्रेमी व सैलानी दूर-दूर से पहुंच रहे हैं.