हल्द्वानी: उत्तराखंड में मॉनसून का कहर जारी है. भारी बारिश के चलते कई जगहों से आपदा जैसी घटनाएं भी सामने आ रही हैं. लेकिन हल्द्वानी जिला प्रशासन इन आपदाओं से सबक नहीं ले रहा है. हल्द्वानी शहर में कई ऐसे भवन हैं, जो दशकों पुराने हैं और जर्जर हालत में हैं. ये भवन मौत बनकर खड़े हैं. कभी भी यह जर्जर भवन गिर सकते हैं. जिससे जानमाल की भारी क्षति हो सकती है, लेकिन जिला प्रशासन, नगर निगम समेत अन्य जिम्मेदार आंखें मूंदें हुए हैं.
बता दें कि हल्द्वानी शहर में एक दर्जन से ज्यादा गिरासू भवन हैं, जो दशकों पुराने हैं. ये भवन इस समय खंडहर होकर गिरने की स्थिति में हैं. इन्हीं इमारतों में कई दुकानदार और उनके परिवार जान जोखिम में डालकर रहते हैं. यहां तक कि इन जर्जर भवनों में दुकानें भी संचालित हो रही हैं, लेकिन जिला प्रशासन इसको देखकर भी अंजान बना हुआ है. इन दिनों भारी बारिश हो रही है. ऐसे में कभी भी यह जर्जर भवन ताश की पत्तों की तरह नीचे ढह सकते हैं. जहां जानमाल के नुकसान से इनकार नहीं किया जा सकता है.
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इतना ही नहीं इन भवनों के आसपास खड़े होने में भी लोगों को डर लगता है, लेकिन कई लोग इन भवनों में कब्जा जमाए बैठे हुए हैं. बताया जा रहा है कि कई ऐसे परिवार और दुकानदार हैं, जो इन भवनों में अपना कब्जा जमाए हुए हैं और इन भवनों में विवाद चल रहा है. बरसात जारी है. शहर की घनी आबादियों के बीच एक दर्जन से अधिक ऐसी इमारतें हैं, जो बरसात के सीजन में कभी भी धराशायी हो सकती हैं.
क्या बोलीं सिटी मजिस्ट्रेट? बता दें कि एक हफ्ते पहले हुई भारी बारिश में एक भवन गिर भी चुका है. गनीमत रही कि उस भवन में कोई नहीं था, जिससे बड़ा हादसा टल गया. वहीं, मामले में सिटी मजिस्ट्रेट रिचा सिंह (City Magistrate Richa Singh) का कहना है कि इन इमारतों में रहने वाले लोगों से अपील की गई है कि भवनों को खाली कर दें. इन मकानों में रह रहे लोगों को हटाने के लिए तहसीलदार को निर्देशित किया गया है. जल्द कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.